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अनजान भाभी की जबरदस्त ठुकाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम कमल है और मैं असम का हूँ। ये मेरी अनजान भाभी की जबरदस्त ठुकाई कहानी पढ़िए. मेरा उम्र 27 साल है। मैं आपको अपनी एकदम सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने एक भाभी को ठोका। मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है।

एक दिन मैं फुटपाथ पर टहल रहा था, तभी मैंने देखा कि एक खूबसूरत भाभी जा रही थी और उसका सारा ध्यान मुझ पर था। वह मुझे देखकर हल्का सा मुस्कुरा रही थी, और मैं भी उसे देखकर हँस रहा था। फिर मैंने उसका पीछा करना शुरू किया और चलता रहा। आधा घंटा चलने के बाद मैंने हिम्मत की और उसके साथ बात शुरू की। मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू की।

वह बोली, “चलो, कहीं बैठते हैं।” हम एक कॉफी शॉप में गए और कॉफी पीने लगे। हम ऐसे बात करने लगे जैसे एक-दूसरे को पहले से जानते हों। हम खूब हँसे और बातें कीं। वह भी मुझसे बहुत अच्छे से बात कर रही थी। फिर हमने एक-दूसरे के फोन नंबर ले लिए।

उसका नाम परी था और उसकी उम्र करीब 35 साल होगी। वह दिखने में बहुत मस्त और सेक्सी थी। उसका रंग दूध जैसा गोरा था। उसका फिगर 38-30-40 होगा। उसके होंठ बड़े और लाल थे, जिन्हें देखकर मुझे उन्हें चूमने की इच्छा हो रही थी।

अगले दिन सुबह 10 बजे मुझे उसका फोन आया। उसने पूछा, “तू अभी कहाँ है?” मैंने कहा कि मैं घर पर हूँ। उसने पूछा, “तू फ्री है क्या?” मैंने कहा, “हाँ, मैं फ्री हूँ।” उसने मुझे उसके साथ बाजार चलने को कहा। मैंने तुरंत हाँ कहा और तैयार होकर उसके बताए पते पर पहुँच गया। फिर हम बाजार गए और खरीदारी की। उसने उस वक्त कुर्ती और लेगिंग्स पहनी थी और बहुत मस्त लग रही थी। उसके स्तन देखकर मुझे उनका रस पीने की इच्छा हो रही थी।

मैंने उसके स्तनों को छूना शुरू किया और उसने कोई विरोध नहीं किया। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी छाती पर रखा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने उसके स्तन हल्के से दबाए और उसकी ओर देखा, तो वह बस मुस्कुराई। मैं समझ गया कि वह तैयार है।

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तीन घंटे बाद हम वापस आए और घर गए। उसने मुझे फोन किया और हम बात करने लगे। बातों-बातों में वह सेक्स की बातें करने लगी। हमने फोन पर खूब बात की और फोन सेक्स भी किया। मैंने मुठ मारी और उसने अपनी चूत में उंगलियाँ डालीं। थोड़ी देर बाद हम दोनों ने पानी छोड़ दिया। फिर हम बाथरूम में जाकर साफ हुए और मिलने का प्लान बनाया।

कुछ दिनों बाद वह मौका मिला। उस दिन उसके घर पर कोई नहीं था और उसने मुझे फोन करके घर बुलाया। मैं उसके घर के पास पहुँचा और बेल बजाई। उसने दरवाजा खोला, मुझे देखकर गले लगी और मुझे चूमा। उसने उस वक्त मैक्सी पहनी थी और ब्रा नहीं पहनी थी। वह मेरे लिए पूरी तैयार थी और नीचे काली पैंटी पहनी थी। थोड़ा चूमने के बाद उसने पूछा, “चाय पिएगा?”

मैंने कहा, “मुझे चाय नहीं, तुम्हारा दूध चाहिए।” वह फिर से मुझसे लिपट गई और हम दोनों उसके बेडरूम में गए। वहाँ पहुँचकर मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़कर जोर से चूमने लगा। वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाली और मेरी लार चाटने लगी। हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे।

फिर मैंने उसके स्तन चूसने और दबाने शुरू किए। वाह, क्या मस्त थे उसके नरम-नरम छोटे स्तन, जिन पर किशमिश जैसे छोटे निप्पल थे। मैं उन्हें जोर से चूस रहा था और उसके मुँह से आवाजें निकल रही थीं, “आह… उह्ह… हाँ… और जोर से चूस… मेरे स्तनों को खा जा… आह… और दबा… मेरे दोनों स्तन दबाकर पी जा… आह… आई…”

थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, “अब तू मेरा लंड चूस।” उसने पहले तो मना किया, लेकिन बाद में तैयार हो गई। उसने मेरी पैंटी से मेरा 6.5 इंच का लंड निकाला, जो पैंट में तंबू बना रहा था। फिर वह नीचे बैठकर चूसने लगी। मैं तो स्वर्ग में था, उसने मुझे सातवें आसमान पर पहुँचा दिया था।

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थोड़ा उसकी खूबसूरती देखने के बाद मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा। उसकी चूत के पानी का स्वाद खारा था। उसकी चूत पर मुँह लगाते ही मुझे नशा चढ़ने लगा। मैं आँखें बंद करके उसे चूसता रहा।

अब उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। वह मेरा सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी। उसने कहा कि उसे कुछ हो रहा है। वह कड़क हो गई और उसने मेरे मुँह पर एक तेज पिचकारी छोड़ दी।

मैं पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गया और मेरा लंड लोहे की तरह तन गया था।

उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और उसे उतार दिया। फिर उसने मेरी पैंट उतार दी। मैं अब सिर्फ चड्डी में था। जैसे ही उसने मेरी चड्डी उतारी, उसका मुँह खुला का खुला रह गया। मेरा 7 इंच का लंड उसके सामने नाच रहा था।

मैंने उसे लंड मुँह में लेने को कहा। वह थोड़ा सोचकर तैयार हो गई। अब हम 69 की पोजीशन में आए। वह मेरा लंड प्यार से चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।

हम 15 मिनट तक ऐसे ही चूसते रहे। इस दौरान मैंने एक बार और उसने दो बार पानी छोड़ा। मैंने उसका पानी पी लिया।

फिर मैं उसके पैरों के बीच आया और उसकी चूत सहलाने लगा। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डालने की कोशिश की। वह तड़पने लगी। मैंने उसे समझाया और एक उंगली अंदर डाल दी। उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर मैंने धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर की। उसे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने लंड डालने की तैयारी की। मैंने ढेर सारा थूक लगाकर लंड सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। वह इतनी जोर से चीखी कि मैं डर गया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था और वह रोते हुए मुझसे विनती करने लगी, “प्लीज निकाल दे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है।”

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लेकिन मैं अब कहाँ निकालने वाला था। मैंने थोड़ा रुककर उसे चूमना शुरू किया और उसके स्तन दबाने लगा। इससे वह थोड़ा शांत हुई। फिर मैंने एक और धक्का मारा, लेकिन इस बार वह चीख नहीं सकी क्योंकि मैंने उसका मुँह दबा रखा था।

मैंने देखा कि मेरा लंड खून से सना था और वह रो रही थी। अब मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा और वह मेरा साथ देने लगी।

लगभग 10 मिनट चोदने के बाद उसने पानी छोड़ा। लेकिन मेरा अभी बाकी था। मैंने जोर-जोर से धक्के मारना शुरू किया। वह आनंद में चिल्लाने लगी, “ठोक मुझे, ठोक… प्लीज और जोर से ठोक… उम्म… ओह… येस… फक मी… फक हार्ड… येस… ओह… उम्म… चोद मुझे… जोर से चोद…”

5 मिनट बाद मैं पानी छोड़ने वाला था। मैंने उससे कहा कि मैं अब छोड़ने वाला हूँ। उसने कहा कि उसे मेरा पानी पीना है। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में दिया। उसने तुरंत उसे मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैंने पानी छोड़ा और उसने सारा वीर्य पी लिया। उसने मेरा लंड चाटकर पूरी तरह साफ कर दिया। मैंने उसे चूमा और हम वैसे ही लेट गए। आधे घंटे बाद हमने फिर एक बार ठुकाई की।

उस दिन हमने दो बार सेक्स किया। मैंने उसे बहुत अच्छे से चोदकर संतुष्ट किया और वह बहुत खुश थी।

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