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कुंवारी बुर की पहली चुदाई

कुंवारी बुर की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की ने अपनी कामवासना के वश में आकर अपने जवां जिस्म को मेरे हवाले कर दिया।

हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल वर्मा है। मैं मूल रूप से भोपाल का रहने वाला हूं, लेकिन नौकरी के कारण अब जयपुर में रहता हूं। मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है।

मेरी शादी को कुछ साल हो चुके हैं। मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत और मेरा ख्याल रखने वाली है। हमारा वैवाहिक जीवन सुखमय है। हम दोनों शुरू से ही सेक्स का पूरा आनंद लेते हैं और कई तरह से, अलग-अलग जगहों पर चुदाई का मजा ले चुके हैं। जैसा कि मैंने बताया, मेरी नौकरी घर से दूर है, इसलिए मैं यहां अपनी पत्नी के साथ रहता हूं।

यह कहानी कुछ महीने पुरानी है। हमारे घर के पास एक साधारण परिवार रहता है, जिसमें चार लोग हैं—पति, पत्नी, उनकी बेटी रिया और छोटा बेटा अजय। मैं नौकरी के कारण दिनभर बाहर रहता हूं, इसलिए मेरी पत्नी बाजार के छोटे-मोटे कामों के लिए रिया को बुला लेती है। रिया भी खुशी-खुशी मदद के लिए आ जाती है।

हम इस घर में कुछ समय पहले ही आए थे। पहले मैंने रिया पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। लेकिन एक दिन, जब मैं काम के लिए निकल रहा था, तो सामने से आती रिया को देखा। उसके स्तन भरे हुए और सुडौल थे, और उसकी गांड आकर्षक थी। उसे देखकर मुझे यकीन नहीं हुआ कि यह वही रिया है, जो पहले दुबली-पतली थी। मैं समझ गया कि रिया की जवानी अपने पूरे शबाब पर है।

कुछ दिन बाद, मेरी पत्नी को अपनी मां की तबीयत खराब होने के कारण मायके जाना पड़ा। मैं उसे छोड़कर वापस आ गया। रिया के घर में टीवी न होने के कारण रिया और उसका भाई अक्सर हमारे घर टीवी देखने आते थे। किसी को इस बात से आपत्ति नहीं थी, इसलिए वे देर रात तक टीवी देखते रहते थे।

एक दिन रिया और उसका भाई टीवी देखने आए। मेरी पत्नी के न होने के कारण मैं अकेला था। उस दिन रिया का भाई जल्दी नींद आने के कारण अपने घर चला गया।

अब घर में सिर्फ मैं और रिया थे।

शुरुआत में सब सामान्य था, लेकिन जब हमें एहसास हुआ कि रात में हम दोनों अकेले हैं, तो हम दोनों थोड़ा असहज हो गए। फिर भी, हमने सामान्य दिखने की कोशिश की और टीवी पर चल रही फिल्म देखने लगे।

उस दिन टीवी पर चल रही फिल्म में कई कामुक दृश्य थे। हीरो-हिरोइन एक-दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे और कपड़ों में हाथ डाल रहे थे। यह सब देखकर मेरा मन बेचैन हो गया, और शायद रिया भी मुश्किल से खुद को सामान्य दिखा पा रही थी।

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मेरा लंड पैंट में खड़ा हो चुका था और थोड़ा लीक करने लगा था। जब मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया, तो बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपनी वासना शांत की।

जब मैं वापस आया, तो देखा कि रिया अपनी सलवार में हाथ डालकर अपनी बुर सहला रही थी। मैं समझ गया कि वह अपनी बुर की चुदाई के लिए तड़प रही है। मुझे देखते ही उसने जल्दी से हाथ निकाल लिया और सामान्य दिखने की कोशिश करने लगी।

लेकिन उसकी तेज सांसें उसकी वासना को बयान कर रही थीं। मैं जानबूझकर उसके पास बैठ गया और उसकी जांघ पर हल्के से हाथ रखकर हटा लिया। उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

सच कहूं, तो मुझे भी हिम्मत नहीं हो रही थी, क्योंकि मैंने अपनी पत्नी के अलावा कभी किसी और को वासना की नजर से नहीं देखा था। लेकिन रिया को इतने करीब पाकर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था। मैं किसी भी कीमत पर उसे अपना बनाना चाहता था।

मैंने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रखा और हल्के से दबाया। इस बार रिया ने गहरी सांस लेकर अपना सिर मेरे कंधे पर टिका दिया। उसने एक बार आशा भरी नजरों से मेरी ओर देखा और फिर टीवी पर चल रहे सेक्सी दृश्य देखने लगी।

थोड़ी देर बाद उसने पूछा, “राहुल जी, क्या शादी के बाद सब ऐसा ही करते हैं?”
मैंने उसके होंठों पर उंगली रखते हुए कहा, “राहुल जी नहीं, सिर्फ राहुल बोलो।”
उसने हल्की मुस्कान दी और मेरे सीने में सिर गड़ाकर मुझे गले लगा लिया।

मैंने भी उसे कसकर अपनी बाहों में लिया। अब मैं उसके स्तनों को अपने सीने पर महसूस कर सकता था। मैंने उसके चेहरे को पकड़कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा। वह भी मेरा साथ दे रही थी।

चूमते-चूमते मैंने उसके कुर्ते में पीछे से हाथ डाला और उसकी पीठ सहलाने लगा। शायद पहली बार किसी पुरुष ने उसके होंठ और नंगी पीठ को छुआ था, इसलिए वह सिहर उठी और सिसकारियां लेने लगी।

थोड़ी देर बाद उसे एहसास हुआ कि वह वासना में बह रही है। उसने मुझे रोका और बोली, “राहुल जी, रहने दीजिए ना!”
लेकिन उसकी आवाज में असहमति नहीं, बल्कि शर्म थी।

मैंने पूछा, “क्या हुआ, रिया?”
वह बोली, “रात हो चुकी है। अगर किसी को पता चल गया, तो मेरी बदनामी हो जाएगी।” उसकी आंखों में आंसू आ गए।

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मैंने उसके माथे पर चूमकर कहा, “रिया, चिंता मत करो। तुम्हारी बदनामी मेरी बदनामी है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। वैसे भी, तुम देर रात तक टीवी देखती ही हो। फिर भी, अगर तुम डरती हो, तो मैं कोई जोर-जबरदस्ती नहीं करूंगा।”

मेरी बातों से उसका डर कम हुआ, और वह फिर से मेरी बाहों में आ गई। मैंने उसके चेहरे, कानों और पीठ को चूमना शुरू किया। कपड़ों के ऊपर से उसके बूब्स को सहलाया। वह सेक्स के नशे में डूब रही थी, और उसकी तेज सांसें इसकी गवाही दे रही थीं। मैंने उसके कुर्ते में हाथ डालकर ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाए। कोई विरोध न होने पर मैंने ब्रा को ऊपर उठाकर उसके नंगे स्तनों को दबाया।

पहली बार किसी पुरुष के स्पर्श से वह सिहर उठी। मैंने उसका कुर्ता उतारने की कोशिश की। उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा, “रहने दो ना, प्लीज।” लेकिन उसकी आवाज में शर्म थी, न कि असहमति।

मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। अब मेरे सामने उसका एक नंगा, सुडौल स्तन था, जिसका निप्पल हल्का भूरा और आकर्षक था। मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू किया। वह “और चूसो… और चूसो!” बड़बड़ाने लगी। मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। अब वह ऊपर से पूरी नंगी थी।

मैंने उसे गले लगाकर कहा, “आई लव यू, रिया!”
उसने भी कहा, “आई लव यू टू, राहुल!” और मुझे चूमा।

मैं उसे बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटाया। ऊपर से नंगी रिया किसी अप्सरा सी लग रही थी। मैंने अपने कपड़े उतार दिए, सिवाय अंडरवियर के। रिया मेरी छाती के बालों को देखकर मंत्रमुग्ध हो गई।

मैंने उसे चूमना शुरू किया—उसके बूब्स, नाभि, और फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतारा। उसने सहयोग किया। अब वह सिर्फ पैंटी में थी। उसकी पैंटी गीली थी, जो उसकी बुर की चुदाई की तड़प को बयान कर रही थी। मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को चाटा, तो वह सिहर उठी।

मैंने उसकी पैंटी उतारने की कोशिश की। उसने रोका, “ये मत करो ना!” लेकिन मैंने धीरे से उसकी पैंटी उतार दी। अब वह पूरी नंगी थी। उसकी बुर थोड़ी उभरी हुई और हल्की सांवली थी, छोटी-छोटी झांटें चमक रही थीं। मैंने उसकी बुर को चूमा।

मैंने अपना अंडरवियर उतारा और अपने 8 इंच के लंड को उसके हाथ में दिया। उसने कांपते हाथों से उसे पकड़ा और सुपाड़े को चूमा।

मैंने उसकी टांगें फैलाईं और उसकी बुर को चूसना शुरू किया। वह मेरे बाल पकड़कर अपनी बुर पर दबाने लगी। “और चाटो… चूसो… पी जाओ मेरा पानी!” वह बड़बड़ाने लगी।

फिर वह गिड़गिड़ाई, “प्लीज चोद दो मुझे… फाड़ दो मेरी बुर को!”

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बुर की चुदाई

मैंने अपना लंड उसकी बुर के छेद पर रखा। चिकनाई की कोई कमी नहीं थी। मैंने कहा, “पहली बार थोड़ा दर्द होगा, लेकिन बाद में मजा आएगा।”
उसने कहा, “राहुल, बस फाड़ दो, मैं दर्द सह लूंगी।”

मैंने हल्का धक्का मारा। उसे दर्द हुआ, लेकिन वह बोली, “जल्दी करो… फाड़ दो मेरी बुर को।” मैंने जोरदार धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उसकी कौमार्य झिल्ली फाड़कर अंदर चला गया। वह दर्द से तड़पने लगी, “राहुल, छोड़ दो… मैं मर जाऊंगी।”

उसकी बुर से खून बह रहा था। मैंने उसे कुछ नहीं बताया और उसके बूब्स सहलाता रहा। जब दर्द कम हुआ, तो मैंने आधे लंड को अंदर-बाहर किया। उसे मजा आने लगा। मैंने कहा, “अभी आधा ही गया है। पूरा डाल दूं?”
वह बोली, “आराम से डालना।”

मैंने पूरा लंड उसकी बुर में डाल दिया। वह चीख पड़ी और लगभग बेहोश हो गई। मैंने उसे सहलाया और धीरे-धीरे धक्के लगाए। जल्द ही उसे मजा आने लगा, और वह भी चूतड़ उठाकर साथ देने लगी। करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद हम एक साथ झड़ गए।

मैंने उसे चूमा और बगल में लेट गया। कुंवारी बुर की चुदाई हो चुकी थी। उसकी बुर सूज गई थी, और बेडशीट पर खून का धब्बा था। वह डर गई, लेकिन मैंने समझाया, “पहली बार हर लड़की को ऐसा होता है।”

उसके दर्द के कारण वह लंगड़ाकर चली। मैंने उसे दर्दनिवारक गोली दी और कहा, “घर जाओ, रात हो चुकी है।”

अगले दिन मैंने उसे गर्भनिरोधक गोली दी।

इसके बाद रिया हमारे घर आती रही, लेकिन ऐसा फिर कभी नहीं हुआ, क्योंकि मुझे उसकी बदनामी का डर था। कुछ समय पहले रिया की शादी हो गई। मैंने उसके परिवार की मदद की।

वह जब भी मायके आती है, मेरी पत्नी से मिलने आती है और मुझे मुस्कराकर नमस्ते करती है। वह अपने ससुराल में खुश है, और मैं उसे खुश देखकर खुश हूं।

दोस्तों, यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है। कुंवारी बुर की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी?

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