फेसबुक पर एक कॉलेज गर्ल मेरी दोस्त बनी। उसने बताया कि उसकी बेकरार जवानी अभी तक कुंवारी है। वह अपनी पहली चुदाई के लिए तड़प रही थी। मैंने उसकी सील कैसे तोड़ी।
मित्रों, मैं एक फिटनेस कोच हूँ और देश-विदेश घूमकर अपना व्यवसाय करता हूँ। यह सेक्स कहानी हाल ही की है। उन दिनों मैं फेसबुक का बहुत इस्तेमाल करता था और गर्लफ्रेंड बनाने के लिए बेताब था।
उसी दौरान मेरी दोस्ती एक कॉलेज गर्ल रिया से हुई, और हमारी रोज़ाना चैट होने लगी। चैट का सिलसिला लंबा चला, तो हम एक-दूसरे से खुल गए। हमने फोन नंबर साझा किए। पहले फोन पर बातें शुरू हुईं, फिर कब वीडियो कॉल पर बातें होने लगीं, पता ही नहीं चला।
इस तरह हम काफी करीब आ गए। रिया खुले विचारों वाली थी। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे, लेकिन अभी तक इज़हार नहीं किया था। मन ही मन हम यह समझ चुके थे।
वह वीडियो कॉल पर अपनी बहन अनन्या और सहेलियों से भी मेरी बात करवाती थी। उसकी सहेलियाँ मुझे ‘जीजू’ कहकर मज़ाक करती थीं।
पहले रिया के बारे में बताता हूँ। रिया दिखने में दीपिका पादुकोण जैसी थी, जिस पर कोई भी युवा दिल हार बैठे।
वह कॉलेज गर्ल देहरादून से थी और वहां के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ती थी। उसके परिवार में माता-पिता और छोटी बहन अनन्या थी।
वीडियो कॉल से हमारी बातें काफी आगे बढ़ चुकी थीं। हम एक-दूसरे को उत्तेजित करने वाली हरकतें करने लगे थे।
एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ किया, और वह तुरंत मान गई। उस दिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। हम फोन पर फ्लाइंग किस करने लगे और धीरे-धीरे सेक्स की बातों पर आ गए।
जब मैंने उससे सेक्स की बात की, तो उसने कहा कि वह एक शानदार प्लान बनाकर सुहागरात मनाएगी और अपनी चूत की बेकरार जवानी को शांत करेगी।
उसने खुलकर बताया कि उसकी जवानी प्यासी है, उसका मन सेक्स में उलझा रहता है, जिससे पढ़ाई में ध्यान कम लगता है।
मैंने कहा- जिस काम के लिए मन बार-बार भटके, उसे कर लेना चाहिए ताकि दिमाग शांत हो।
वह मेरी बात से सहमत थी और मान गई।
एक दिन रिया ने बताया कि उसे तीन दिन की छुट्टी है, और उसने यह बात घर पर नहीं बताई, क्योंकि वह अपनी सील तुड़वाकर अपनी जवानी की सबसे बड़ी खुशी मनाना चाहती थी। वह इन छुट्टियों में जी भरकर चुदाई करना चाहती थी। वह लड़की होने का अहसास लेना चाहती थी।
मैंने पूछा- तुम सेक्स से क्या जानना चाहती हो?
उसने कहा- बिना सेक्स के मैं अधूरी हूँ। मुझे जानना है कि सेक्स के बाद एक लड़की को कैसा लगता है।
मैंने पूछा- यह सब कैसे करना चाहती हो? कुछ सोचा है?
रिया- तुम मेरे अंदर समा जाओ, मेरे शरीर को अपने शरीर से जोड़ दो, ताकि हम दो जिस्म एक जान बन जाएँ।
उसकी ये बातें सुनकर मैं फूला नहीं समाया।
मैंने रिया के साथ तीन दिन मसूरी में रुकने का प्लान बनाया।
मैंने कहा- हम अपनी सुहागरात मसूरी में मनाएँगे। तुम्हारी बेकरार जवानी पहाड़ों की ठंडक में शांत होगी।
उसने हामी भर दी।
मैंने मसूरी के एक होटल में रूम बुक किया और रिया को लेने निकल गया। सुबह मैं गाड़ी लेकर उसके कॉलेज देहरादून पहुँच गया। फोन पर उससे लगातार बात हो रही थी।
मैं कॉलेज के बाहर खड़ा था। मैंने उसे बाहर आने को कहा। मैं गाड़ी से उतरकर उसका इंतज़ार करने लगा।
जैसे ही वह गेट से बाहर आई, मैंने उसे गले लगाया और गाड़ी में बिठाया। हम मसूरी पहुँचे और दिनभर घूमते रहे। मैंने गाड़ी एक तरफ पार्क की, और हम हाथ में हाथ डालकर घूमने लगे।
उसके हाथ का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह भी मेरा हाथ कसकर पकड़े थी। हम दोनों नए-नवेले दंपति की तरह चिपककर घूम रहे थे। मन कर रहा था कि एक-दूसरे की बाहों में समा जाएँ और अपनी इच्छाएँ पूरी करें। लेकिन खुले में ऐसा करना मुमकिन नहीं था।
मैं उसकी चूचियों को अपनी बाँह से रगड़ देता, तो वह भी मुझसे सटकर चलने लगती। उसे भी मेरे इस तरह चूचियाँ मसलवाना पसंद था। वह मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझसे चिपक रही थी। इस तरह हम दोनों सेक्स के लिए बेकरार हो चुके थे।
कुछ देर घूमने के बाद मुझे भूख लगी। मैंने उससे खाने के लिए पूछा, तो उसने कहा- हाँ, होटल चलकर खाएँगे।
मैंने मज़ाक में कहा- खाने के लिए पूछा है, केले के लिए नहीं।
वह शरमा गई और मुझे हल्का मुक्का मारते हुए बोली- बहुत सताते हो।
मैं समझ गया और उसकी बाँह में बाँह डालकर रिक्शे में बैठकर होटल की ओर चल पड़ा। रिक्शे में उसने मेरे लंड पर हाथ रखकर उसे तनाव महसूस किया। मैं समझ गया कि उसकी प्यासी जवानी बहुत मचल रही है।
मैंने फिर मज़ाक किया- साइज़ ठीक है ना?
वह शर्माकर लाल हो गई और बोली- मुझे क्या पता, कितना साइज़ ठीक होता है।
मैंने हँसकर कहा- मुझे भी नहीं पता, लेकिन मैंने साइज़ बताने वाली फिल्में देखी हैं।
उसने मेरी बाँह में सिर छिपाते हुए कहा- हाँ, मैंने भी देखी हैं।
मैंने कहा- फिर तो साइज़ का अंदाज़ा हो गया होगा।
वह शरमाकर बोली- ठीक से नहीं पता, लेकिन आज पता चल जाएगा।
मैंने कहा- मतलब खूनी खेल के लिए तैयार हो?
वह समझी नहीं, बोली- मतलब?
मैंने बात खत्म की और उसका हाथ चूमकर दूसरी बात शुरू कर दी।
मैंने पूछा- मलाई पसंद है?
रिया चहककर बोली- हाँ, मुझे मलाई बहुत पसंद है। मैं चेहरे पर भी लगाती हूँ।
मैं समझ गया कि वह मलाई का मतलब नहीं समझी।
मैंने हँसकर पूछा- मलाई खाने से ताकत मिलती है, लेकिन चेहरे पर लगाने से क्या होता है?
वह बोली- तुम्हें नहीं पता? यह देसी नुस्खा है। मलाई से चेहरे पर चमक आती है।
मैंने मज़ाक में कहा- मलाई खाने से भी चमक आती है।
वह बोली- खाने से पेट फूलता है, चर्बी बढ़ती है।
मैंने कहा- हाँ, पेट फूलता है, लेकिन चर्बी से नहीं।
रिया- फिर किससे?
तब तक होटल नज़दीक आ गया।
मैंने कहा- बच्चे से पेट फूलता है।
वह समझ गई और मेरे गाल नोचने को हाथ बढ़ाया, तभी रिक्शा रुक गया। मैं उतर गया।
मैं हँसने लगा और उसे उतरने के लिए हाथ बढ़ाया। वह भी हँसते हुए मेरा हाथ पकड़कर उतरी। मैंने रिक्शेवाले को पैसे दिए और होटल की ओर बढ़ गए।
हम हँसते-हँसते रेस्तराँ में आए और एक टेबल पर बैठ गए।
होटल में भीड़ थी, तो हँसी-मज़ाक कम हो गया।
खाना खाने के बाद मैंने धीरे से कहा- चलो, कमरे में चलते हैं। आज मैं तुझे मलाई चखाता हूँ।
वह हँस पड़ी- तुम बहुत शरारती हो, जगह का ख्याल करो।
मैं भी हँसा और हम मस्ती करते हुए कमरे में आए। कमरे में मैंने उसे बाँहों में लिया।
मैंने कहा- फ्रेश होना है?
वह बोली- नहाने का मतलब है ना?
मैंने कहा- हाँ।
वह बोली- पहले तुम नहाओ, फिर मैं।
मैंने कहा- साथ में चलते हैं।
वह मुस्कुराई, फिर बोली- नहीं, हमारा पहला मिलन बिस्तर पर होगा।
मैं उसकी बात से सहमत था।
हम एक-एक करके नहाकर कमरे में आए। मैंने रिया को गोद में उठाया और बिस्तर पर बैठकर बातें करने लगे।
उसने बताया कि उसकी प्यासी जवानी उसे लंबे समय से परेशान कर रही है। उसकी सहेलियों ने अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ सेक्स किया है और उसे अपनी कहानियाँ सुनाती हैं। वह उनकी कहानियाँ सुनकर मन मार लेती थी।
मैंने कहा- आज तू अपने मन की पूरी कर ले। मैं तेरे साथ हूँ।
रिया- हाँ, अब मैं सहेलियों के सामने चुप नहीं रहना चाहती। तुम मेरे शरीर को अपने प्यार से भर दो ताकि यह खिल जाए।
यह कहकर रिया ने मेरे होंठों को अपने होंठों से मिला दिया। उसकी चूचियाँ मेरे सीने से सट गईं, और हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। उस पल रिया के साथ चूमने का मज़ा शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
हम 20 मिनट तक स्मूच करते रहे।
तभी रिया की बहन अनन्या का वीडियो कॉल आया। मैंने अटेंड करके कहा- आज हमारी सुहागरात है।
उसने बेस्ट ऑफ लक कहा और बोली- दीदी को प्यार से रखना, बहुत नाज़ुक है।
मैंने कहा- प्यारी साली साहिबा, टेंशन मत लो।
उसने फोन काटा, लेकिन मैंने मज़ाक में ऐसा रिएक्ट किया जैसे फोन चालू हो। मैंने रिया को सुनाते हुए कहा- हाँ, मलाई भी खिला दूँगा।
रिया ने मेरे हाथ से फोन छीनते हुए कहा- बेशर्म, अनन्या से क्या कह रहे हो?
तभी उसने देखा कि फोन पहले से कट चुका था। वह समझ गई और मुझसे लिपट गई।
वह मेरे कान में फुसफुसाई- हाँ, मुझे मलाई खानी है।
मैंने उसकी पीठ सहलाई और कहा- सीधे केले से खाएगी?
वह आधा समझी- हाँ, मुझे मंज़ूर है।
मैंने अपने दाँतों से रिया के कपड़े उतारने शुरू किए। पहले उसका टॉप उतारा और गर्दन पर चूमने लगा। फिर दाँतों से उसकी ब्रा खोल दी। उसकी मादक चूचियाँ हवा में उछलने लगीं।
मैं उसकी चूचियों को बारी-बारी चूसने और मसलने लगा। रिया की कामुक सिसकारियों से कमरा गूँज रहा था। वह पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। उसकी साँसें तेज़ थीं, और उसका शरीर ऊपर-नीचे हो रहा था।
वह परम आनंद में थी। उसका शरीर तप रहा था।
मैं उसकी चूचियों को बच्चे की तरह चूस रहा था, और वह मेरे बालों में हाथ फेर रही थी।
फिर मैंने उसे पेट के बल लिटाया और उसकी गर्दन पर जीभ फेरने लगा। उसके कंधों को हल्के-हल्के दाँतों से काटा और चूमते हुए उसकी कमर तक पहुँचा।
मेरे होंठों का स्पर्श पाते ही रिया प्यार में पागल हो गई और ‘आह आह’ की आवाज़ें निकालने लगी। मैंने उसके चूतड़ों को काटा, तो उसने पानी छोड़ दिया।
वह थकी आवाज़ में बोली- काश तुम पहले मिले होते, तो मैं इतना न तड़पती। आज मुझे नया जीवन मिल रहा है।
मैंने उसकी नाभि को चूमते हुए उसके पैरों की एड़ी से चूमना शुरू किया और धीरे-धीरे घुटनों तक आया। मैं रिया के पूरे शरीर को चूम रहा था ताकि उसे सेक्स का ऐसा आनंद दूँ जो हमेशा याद रहे।
मैंने उसके घुटनों को चूमा, फिर जाँघों को, और एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया। रिया प्यार में खो गई। उसकी धड़कनें और साँसें तेज़ हो गईं। उसकी चूचियाँ तेज़ी से ऊपर-नीचे होने लगीं।
मैंने अपनी पैंटी को दाँतों से खींचकर उतारा और फिर से उसके पैर, घुटने, जाँघों को चूमते हुए चूत के पास पहुँचा।
रिया तड़पने लगी और बोली- ‘आई लव यू… प्लीज़ और मत तड़पाओ… मुझे लड़की होने का अहसास करा दो।’
मैंने अपने लोहे जैसे सख्त लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वह लंड का स्पर्श पाते ही मचलने लगी। बोली- ‘आह… प्लीज़ डाल दो… मेरी सील तोड़ दो।’
मैंने उसके होंठ चूसते हुए एक ज़ोर का झटका मारा। लंड का अगला हिस्सा उसकी चूत में घुसा, और वह चीख पड़ी- ‘उम्म्ह… आह… ओह…’
उसकी आँखों में आँसू आ गए।
मुझे उसका दर्द महसूस हुआ। मैं रुक गया और उसके बालों में हाथ फेरते हुए प्यार करने लगा। उसकी आँखों में खुशी के आँसू थे। वह प्यार से मेरी आँखों में देख रही थी। उसने मेरे माथे पर चूमा और आगे बढ़ने की इजाज़त दी।
थोड़ी देर में मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। रिया बहुत खुश और मस्त लग रही थी। वह अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दे रही थी।
मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। रिया के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत में सारा वीर्य छोड़ दिया। वह बहुत संतुष्ट लग रही थी। उसकी आँखें बंद थीं। जब मैंने लंड निकाला, तो चादर पर खून का लाल निशान था। मेरा वीर्य और उसका खून मिलकर बाहर आ रहा था।
मैंने कहा- यही था खूनी खेल।
वह समझ गई- हाँ, उस वक्त मैं नहीं समझी थी। शायद तुमने मुझे डरने से रोकने के लिए बात बदली।
मैंने हँसकर आँख मारी- हाँ, फिर मैंने मलाई की बात छेड़ी थी।
वह हँस पड़ी- मैंने मलाई खा ली, लेकिन अभी पेट नहीं फुलाना।
मैंने कहा- ठीक है जान, लेकिन सीधे केले से मलाई निगलना बाकी है।
वह हैरान होकर बोली- तो अभी सीधे केले से नहीं खाई थी?
मैंने कहा- खाना और निगलना अलग होता है, पगली।
वह समझ गई और चहक उठी। उसने मेरे लंड को चूमा और बोली- हाँ, मुझे सीधे केले से मलाई निगलनी है।
मैं उसकी बात से मस्त हो गया, और हम फिर चूमने लगे।
रिया ने ‘आई लव यू’ कहा और बोली- मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई मेरे साथ इतने प्यार से सेक्स करेगा। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा नया जन्म हुआ हो।
उस रात हमने चार बार चुदाई की और तीन दिन मज़े किए। रिया ने मेरा लंड चूसा और मलाई भी निगली।
उसने बाद में बताया कि ये तीन दिन उसकी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे। उसकी प्यासी जवानी तृप्त हो गई थी।
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