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टीनएज लड़की से मिळकर चुदाई

आज मैं एक टीनएज लड़की के साथ अपनी टीनएज लड़की से मिळकर चुदाई कहानी आपसे साझा कर रहा हूँ, लेकिन पहले अपने बारे में थोड़ा बता देना चाहता हूँ।

मैं दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जिले से हूँ। मैं ज्यादा तो नहीं बताऊँगा, बस इतना कहूँगा कि फरीदाबाद के बल्लभगढ़ इलाके से हूँ। मैं किसी लड़की से ये नहीं कहूँगा कि वो मुझसे चुदाई के लिए संपर्क करे। ये मैं उन पर छोड़ता हूँ कि मेरी कहानी पढ़कर वो खुद फैसला लें।

चलो, अब कहानी पर आता हूँ:

ये मेरे और मेरे पड़ोस के गाँव की एक टीनएज लड़की की कहानी है। मेरा नाम रोहन (बदला हुआ) है। हाइट 6 फुट, भरा हुआ बदन… मुझे जिम का शौक नहीं, पर दोस्तों के साथ गाँव की जिम में चला जाता हूँ। वैसे, मैं अपने छोटे भाई यानी मेरे लंड के बारे में बताना भूल गया, जो 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।

कहानी पिछले साल अक्टूबर की है, जब मैंने दिल्ली में सरकारी नौकरी की कोचिंग शुरू की थी।

जब मैंने कोचिंग शुरू की, मुझे नहीं पता था कि वो लड़की मेरे ही बैच में दाखिला ले लेगी। मैंने उसे पहली बार तब देखा जब मैं अपने दोस्त के साथ एडमिशन के लिए गया था।

हम दोनों सुबह जल्दी निकल गए थे। कई सेंटरों पर बात की, लेकिन दिमाग जैसे ठप हो गया था। फिर हमने सोचा कि जहाँ भी जाएँगे, पक्का कर के आएँगे। एक सेंटर अच्छा लगा, और हमने वहाँ दाखिला ले लिया।

हमें भूख लगी थी, तो हम एक ढाबे पर चले गए। मैंने वेटर को बुलाने के लिए आवाज लगाई, तभी एक लड़की की आवाज सुनाई दी। उसका चेहरा नहीं दिखा, लेकिन आवाज से लगा कि बड़ी मस्त लड़की होगी। मैंने उठकर उसे देखा, उसने काली टी-शर्ट और नीली जीन्स पहनी थी। मैं उसे देखता ही रह गया। मेरे दोस्त ने आवाज दी, तो मैं वापस बैठ गया।

उसने पूछा- क्या हुआ? मैंने मजाक में कहा- यार, तेरी भाभी वहाँ बैठी है। मैंने मजाक में कहा था, लेकिन वो सचमुच मेरी प्रेमिका बन गई।

15 अक्टूबर से मेरी क्लास शुरू हुई। शुरू के कुछ दिन यूं ही निकल गए, नए दोस्त बने, और मैं उस लड़की को भूल गया। मैं अपनी पढ़ाई और मस्ती में व्यस्त था।

एक दिन वो मुझे डीटीसी बस में मिली। मैं उसके आगे खड़ा था। उसने पीछे से पूछा- आपको उतरना है? वही आवाज फिर सुनाई दी। मैं पलटा, तो वही लड़की थी। मैंने कहा- नहीं, मुझे नहीं उतरना। और मैंने उसे आगे कर दिया।

उसकी गांड देखकर मुझे लगा कि ये बिल्कुल सीलपैक है। मन में ख्याल आया कि क्या आज भी कोई बिना चुदे रह सकती है? उस दिन वो फिर नहीं दिखी।

अगले दिन मैंने उसे अपनी क्लास की सीढ़ियों पर जाते देखा। अरे, मैं तो उस हसीना के बारे में बताना भूल गया। उसका नाम प्रिया (बदला हुआ) है, हाइट 5’9″, फिगर 32-28-32, और आँखें ऐसी कि कोई देखे तो खो जाए।

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जब मैंने उसे सीढ़ियों पर देखा, उसने भी मुझे देखा और हल्की सी स्माइल देकर चली गई।

क्लास में मैंने उसे ढूँढा, पर वो नहीं मिली। दिल्ली की कोचिंग में स्टूडेंट्स को कुत्तों की तरह रखा जाता है, ये तो आप जानते ही होंगे।

अब हमारा मिलना रोज होने लगा। जब वो बस स्टॉप पर खड़ी होती, मैं उसके पास चला जाता और कुछ बात हो जाती। बातों-बातों में उसने अपना नाम बताया, और मैंने अपना।

एक दिन वो मुखर्जी नगर स्टैंड पर बस का इंतजार कर रही थी। उस दिन बस में बहुत भीड़ थी। मैंने उसे चढ़ा दिया, पर मैं रह गया। जैसे-तैसे कोचिंग पहुँचा। पहले तो वो चुप रही।

जाते वक्त मैं उसके पास गया। मैं कुछ बोल नहीं रहा था, तो वो बोली- आज तो मैं लेट हो जाती अगर तू न आता। फिर उसने थैंक यू कहा। मुझे जैसे करंट लगा।

बस आई, तो मैंने उसे फिर चढ़ाया, और उसने फिर कातिलाना स्माइल दी। मैं तो मर ही गया। अब तक मैंने उसे दोस्त की तरह ट्रीट किया था, लेकिन उसकी हरकतें मुझे और आकर्षित कर रही थीं।

अगले दिन उसने दूर से ही हलो बोला। आसपास के लोग मुझे देखने लगे। मैं जल्दी से उसके पास गया और उसे ई-रिक्शा में ले गया। उस दिन वो जल्दी आ गई थी। मैंने पूछा, तो उसने बताया कि उसकी घड़ी खराब हो गई थी। वैसे, मैं भी उस दिन जल्दी पहुँच गया था।

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मैंने उससे बात शुरू की, क्योंकि क्लास शुरू होने में 2 घंटे थे। उसने बताया कि उसके पापा दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं, और भाई कॉन्स्टेबल है।

बातों-बातों में मैंने उसका नंबर माँगा, तो उसने मना कर दिया, लेकिन इंस्टाग्राम आईडी दे दी। अब हम घंटों बातें करने लगे।

उसने बताया कि उसका 19वाँ जन्मदिन आने वाला है। मैंने पूछा- कब? उसने बता दिया।

जन्मदिन पर मैंने उसे ट्रीट के लिए कहा। पहले उसने मना किया, लेकिन मेरे बार-बार कहने पर मान गई। हम गए, मैंने बिल दिया, और उसे एक चॉकलेट और गुलाब का फूल दिया। शायद वो मेरी फीलिंग्स समझ गई थी, उसने फूल बिना कुछ कहे ले लिया।

हम सबकुछ शेयर करने लगे। कभी-कभी क्लास बंक करके लाल किला, या कहीं और घूमने जाते। हमने सारी दिल्ली घूम ली। आखिरकार जनवरी आ गई।

14 जनवरी को मैंने उसे इंडिया गेट पर प्रपोज किया, और उसने हाँ कर दी। हम बहुत खुश थे। अब बातें और बढ़ गईं।

कोचिंग खत्म होने में एक महीना बाकी था। मैं उससे सेक्स की बातें करने लगा, और वो भी मजे लेती थी, लेकिन सीधा जवाब नहीं देती थी।

एक दिन मैंने कहा- चलो कहीं घूमने चलते हैं। उसने हाँ कर दी, और हम दिल्ली जू घूमने गए। मैंने ये जगह चुनी, क्योंकि मुझे पता था कि वहाँ के गार्डन में कपल्स बैठते हैं।

हम एक पेड़ के पास कमर लगाकर बैठ गए। कुछ दूरी पर झाड़ियों से ‘उह… अहह… आराम से… दर्द हो रहा है’ की आवाजें आ रही थीं। प्रिया वहाँ से जाने को बोली, तो हमें जाना पड़ा।

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हम एक ऐसी जगह गए जहाँ कोई नहीं था। मैंने उसे किस करना चाहा, लेकिन उसने मना कर दिया और बोली- मैं ये सब नहीं करूँगी, ठीक है? और वो चली गई। मैंने भी उसे जाने दिया और बातें कम कर दीं।

वो अब खुद मुझसे बात करने की कोशिश करने लगी। मैं 1-2 बार ही जवाब देता। उसे लगा कि उसे मुझे किस करने देना चाहिए था।

हम फिर से सेक्स की बातें करने लगे। वो खुलकर मेरा साथ देने लगी। अब वो मुझे किस करने देती थी। जब भी मौका मिलता, मैं उसे किस करता। आग दोनों तरफ लगी थी।

मैंने उसे सेक्स के लिए मना लिया। पहले वो नहीं मानी, लेकिन मैंने कसम देकर मना लिया। प्रिया ने पूछा- कहाँ जाएँगे? मैंने कहा- मेरे दोस्त का फ्लैट है, वहाँ चलते हैं।

मैंने रात को दोस्त को कॉल किया, और उसने हाँ कर दी। अगले दिन हम सुबह 9 बजे फ्लैट पर पहुँच गए। उस दिन प्रिया बहुत हॉट लग रही थी।

मैंने रूम खोला और उसे बेड पर बिठाकर कोल्ड ड्रिंक दी। फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे, और वो मेरा साथ देने लगी। हमने काफी देर तक किस किया। मैंने धीरे से उसकी चूची दबाई, तो उसने जोर से ‘आह’ भरी और मुझसे लिपट गई।

10-15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी। वो सिर्फ ब्रा में थी। उसने नीली जालीदार ब्रा पहनी थी। मैंने पूछा- ये कब ली? उसने कहा- कल ली थी। मुझे पता था तू कुछ न कुछ प्लान करेगा।

वो मुझे किस करने लगी, और मैं उसकी चूची दबा रहा था। वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… ओह…’ की आवाजें निकाल रही थी।

मैंने उसकी ब्रा उतारी, और उसकी चूचियों को देखकर जैसे सपनों में खो गया। मैंने जोर से किस किया और कहा- इतनी मस्त चूचियाँ मैंने कभी नहीं देखीं। उसने कहा- ले ले रोहन, आज से ये तेरी हैं। चूस इन्हें, और जोर से चूस!

वो सिसकारियाँ लेने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अब नहीं रहा जाता… कुछ कर ना रोहन… मैं मर जाऊँगी। उसकी सिसकारियाँ और तेज हो गईं। मैंने कहा- आज तुझे अपनी दुल्हन बनाकर चोदूँगा। उसने कहा- जो करना है, जल्दी कर, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा।

मैंने उसकी जीन्स उतारी, अब वो सिर्फ पैंटी में थी। मैंने पैंटी पर उंगली फेरी, वो पूरी गीली थी। मैंने पैंटी उतारी और उसकी चूत में जीभ डालकर चाटने लगा।

वो जोर-जोर से चिल्ला रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह्ह… ऊऊह्ह… हा! उसने मेरे सिर पर उंगलियाँ फिरानी शुरू कीं।

5 मिनट चूत चाटने के बाद वो मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने और जोर से चूसा, और वो इतनी जोर से झड़ी कि मेरा मुँह उसके कामरस से भीग गया।

वो शांत हो गई। मैंने उसे मेरा लंड चूसने को कहा, लेकिन वो नहीं मानी। मैंने सोचा, छोड़ यार, अब तो ये मेरा ही माल है, जब मन होगा चुसवा लूँगा।

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मैंने लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, और वो फिर गर्म होने लगी। मैंने उसके कानों में कहा- थोड़ा दर्द होगा, संभाल लेना। उसने आँखों से मंजूरी दी।

मैंने धक्का मारा, लेकिन लंड फिसल गया। वो हल्का सा मुस्कुराई। मैंने सोचा, ये तो मजाक बना रही है।

दूसरे धक्के में लंड का टोपा चूत में गया। वो जोर से चीखी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसने कहा- मुझे नहीं करना, निकाल ले। मैंने उसे समझाया, उसे किस किया, और वो नॉर्मल हुई।

मैंने फिर जोर का धक्का मारा, आधा लंड उसकी चूत में गया। उसकी आँखों में आँसू आ गए। मैंने उसे किस किया, और जब वो नॉर्मल हुई, मैंने एक और धक्का मारा। इस बार पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। झिल्ली फटी, और खून निकला, लेकिन मैंने उसे नहीं बताया। वो रो रही थी।

5 मिनट रुकने के बाद मैं धीरे-धीरे आगे-पीछे होने लगा। अब वो मेरा साथ दे रही थी। मैं जोर-जोर से उसकी चूत मार रहा था, और वो बोली- आआह्ह… ऊऊह्ह… हा… और जोर से चोद मेरी चूत को, इसमें बहुत आग थी जब से तुझे देखा। मैंने पूछा- तूने मुझे कब देखा? उसने कहा- पहले मेरी आग बुझा, फिर बताऊँगी।

मैं जोर-जोर से उसकी चूत मार रहा था, और वो गांड उठाकर मेरा साथ दे रही थी। वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा बाकी था। 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने पूछा- कहाँ? उसने कहा- अंदर। और मैं उसके अंदर झड़ गया।

मैं एक तरफ लेट गया। हम दोनों की साँसें तेज थीं, और हम पसीने से लथपथ थे। मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसके चेहरे पर संतुष्टि थी। मैंने पूछा- मजा आया? उसने कहा- आज से मैं तेरी हूँ। जब तू कहेगा, हम मजे करेंगे।

उस दिन हमने दो बार सेक्स किया। मैंने उसे किस किया, उसके कपड़े दिए। वो बाथरूम जाकर ठीक-ठाक होकर आई, और हम चले गए। वो अपने घर गई, मैं अपने।

मैंने उसे कई बार चोदा, लेकिन अब वो मेरे साथ नहीं है। मुझे पता चला कि मुझसे अलग होने के दो महीने बाद उसकी शादी हो गई। मैं अब उससे संपर्क नहीं करता।

तो दोस्तो, ये थी मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी एक टीनएज लड़की की।

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