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पड़ोसन भाभी की नई चुदाई कहानी

पढ़ें कि कैसे मेरी पड़ोसन भाभी ने मुझे छत पर मुठ मारते हुए पकड़ लिया, और फिर कुछ दिन बाद उनके घर जाने पर क्या हुआ।

हाय दोस्तों, मेरा नाम विक्की है, और मैं गुरुग्राम का रहने वाला हूँ। सभी लड़कियों से अनुरोध है कि मेरी इस नई सेक्स कहानी को कपड़े उतारकर पढ़ें और अपनी चूत में उंगली करती रहें। लड़कों, तुम भी अपना लंड हिलाते रहो।

हमारे पड़ोस में एक राजस्थानी परिवार रहता था। उसमें एक खूबसूरत भाभी थीं, जिनका नाम राधिका था। उनकी शादी को कुछ साल हो गए थे, लेकिन उनके कोई बच्चा नहीं था। उनकी सास इस बात को लेकर उन्हें ताने मारती थीं।

हमारी और उनकी छत आपस में जुड़ी थी, बीच में सिर्फ एक छोटी दीवार थी। एक दिन मैं छत पर अकेले मुठ मार रहा था। तभी राधिका भाभी अचानक आ गईं और मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया। उस वक्त मैं झड़ने वाला था, इसलिए रुक नहीं सका, और मेरे वीर्य की धार दूर जाकर गिरी।

उन्होंने मुझे डांटते हुए कहा, “ये क्या कर रहे हो? तुम्हारी माँ को बताऊँगी।”
मैंने उनके पैर पकड़कर माफी माँगी और वादा किया कि दोबारा ऐसा नहीं करूँगा।
उन्होंने प्यार से मेरे गाल पर थपकी दी और बोलीं, “ये सब करने से मर्द में कमजोरी आती है।”

बात वही खत्म हो गई, लेकिन जब भी वह मुझसे मिलतीं, उनके गाल लाल हो जाते थे।

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एक दिन उनकी सास कुछ दिनों के लिए शादी में गईं, और राधिका भाभी को घर पर अकेले रहना था, क्योंकि उनके पति भी एक महीने के लिए बाहर गए थे। उनकी सास ने मेरी माँ से कहा कि रात में विक्की को उनके घर सोने के लिए भेज देना, ताकि भाभी अकेली न रहें।

रात को खाना खाकर मैं उनके घर गया। भाभी ने नीली नाइटी पहनी थी। उन्होंने मुझे बादाम वाला दूध दिया और पूछा, “अब वह शैतानी तो नहीं करते ना?”
मैं डर गया और बोला, “नहीं भाभी, अब नहीं करता।”

भाभी बोलीं, “तुम्हारे भैया भी पहले ऐसा करते थे। अब उनमें कमजोरी आ गई है, और वह बच्चा पैदा नहीं कर पाते।”

रात होने पर हम एक ही बिस्तर पर सो गए। रात को मेरी नींद खुली, तो देखा कि भाभी मेरा लंड सहला रही थीं। मेरा लंड फटने को तैयार था। मुझे जगा देखकर भाभी बोलीं, “विक्की, मेरे पति का वीर्य कमजोर है, और वह बच्चा पैदा नहीं कर सकते। मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे साथ सेक्स करो और मुझे बच्चा दो।”

भाभी ने अपनी चूची मेरे मुँह में दे दी। मैंने दोनों चूचियों को बारी-बारी से खूब चूसा। फिर भाभी ने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। मैं तो जैसे दीवाना हो गया। भाभी ने इशारे से अपनी चूत चाटने को कहा। हम 69 की पोजीशन में आ गए और खूब चुसाई का खेल खेला।

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फिर भाभी बोलीं, “उस दिन तुम्हारे वीर्य की धार देखकर मैं समझ गई थी कि तुम मेरे बच्चे के बाप बन सकते हो।”

उसके बाद भाभी टाँगें फैलाकर लेट गईं और बोलीं, “विक्की, अब डाल दे अपना हथियार मेरी कच्ची चूत में!”
मैंने लंड के सुपारे पर थूक लगाया। भाभी की चूत से भी नमकीन पानी टपक रहा था। जैसे ही मैंने लंड का टोपा चूत के मुँह पर रखा, भाभी ने सिसकारी भरी और चूत ऊपर उठाकर लंड लेने को बेताब हो गईं।

मैंने हल्का धक्का दिया, और लंड चूत में घुसने लगा। एक अनोखा एहसास था, दोस्तों! राधिका भाभी ने नीचे से धक्के मारने शुरू किए और सिसकारियाँ लेने लगीं। मैं पागल सा हो गया। मैंने एक जोरदार झटका मारा, और पूरा लंड चूत की गहराई में उतार दिया। मैं तेजी से शॉट मारने लगा, और भाभी ने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रखकर दबाने का इशारा किया।

मैं उनकी चूचियाँ दबाते हुए चुदाई करता रहा। 10 मिनट की चुदाई में भाभी दो बार झड़ गईं। फिर हम नंगे ही लिपटकर सो गए।

उस रात मैंने भाभी की चूत की तीन बार चुदाई की। अगले कुछ दिनों में कई बार उनकी चुदाई हुई। इस तरह मेरी नई सेक्स कहानी पूरी हुई।

कुछ समय बाद पता चला कि भाभी गर्भवती हो गईं। जब वह मुझसे मिलीं, तो उन्होंने मुझे बहुत प्यार किया और खूब पप्पियाँ दीं।

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समय आने पर भाभी के घर एक प्यारा बच्चा पैदा हुआ।

लेकिन बाद में पता चला कि भाभी ने यह बात अपनी बहन नेहा को बता दी। एक दिन उन्होंने मुझे नेहा से मिलवाया और कहा, “ये मुन्ने के पापा हैं, तुम्हारे जीजा जी।”
मैं शरमा गया।

शाम को मैंने भाभी से कहा, “भाभी, इस बच्चे के लिए मुझे भी कुछ गिफ्ट चाहिए।”
उन्होंने पूछा, “क्या?”
मैंने कहा, “भाभी, उस रात के बाद मुझे सेक्स की भूख लग गई है। अब आप बच्चे में व्यस्त हो गई हैं, तो मेरी सेक्स की समस्या का समाधान करवाइए।”
वह बोलीं, “मैं नेहा से बात करती हूँ। वह इसी शहर में रहती है, और मुझे लगता है कि उसे तुममें रुचि है। जिस दिन मैंने तुम्हें उससे मिलवाया, वह तुम्हें गौर से देख रही थी और बोली, ‘राधिका, तूने तो कमाल का लौंडा पकड़ा है!’”

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