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पहली बार भाई-बहन की चुदाई होली में

मैं तीन साल पहले की अपनी आपबीती बता रही हूँ। यह भाई-बहन की चुदाई की कहानी है। पहली बार भाई-बहन की चुदाई होली में.

मेरा नाम रिया साहू है। मैं नियमित रूप से अन्तर्वासना की फ्री सेक्स कहानियाँ पढ़ती हूँ। मेरा फिगर 34-28-36 है, और मेरा रंग बहुत गोरा है। मेरे घर में मम्मी, पापा, भाई और मैं हैं। मैं बी.कॉम की पढ़ाई कर रही हूँ।

हमारे घर में दो कमरे, एक बाथरूम और रसोई है। एक कमरे में मम्मी-पापा सोते हैं, और दूसरे में मैं और मेरा भाई। मेरा भाई 12वीं कक्षा में है।

बात मार्च की है, होली आने वाली थी। हमारी कॉलोनी में होली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।

होली से एक दिन पहले सभी लोग होलिका जलाकर घर लौटे। मम्मी-पापा अपने कमरे में सोने चले गए। मैं बाथरूम में हाथ-मुँह धोने गई। बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला था।

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, मैंने देखा कि मेरा भाई अपना लंड हाथ में पकड़कर हिला रहा था। उसकी आँखें बंद थीं, और उसे मेरे आने का पता नहीं चला।

मैं एक पल के लिए उसे देखती रही और फिर अपने कमरे में लौट आई। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड देखा था। मेरी हालत खराब हो रही थी।

थोड़ी देर बाद भाई बाथरूम से निकला और बिस्तर पर सो गया।

उस रात मुझे नींद नहीं आई। बार-बार भाई का लंड मेरी आँखों के सामने आ रहा था। मैंने उसे पहले कभी इस नजर से नहीं देखा था, लेकिन उस रात मेरे मन में अजीब सी फीलिंग थी। भाई के लंड के बारे में सोचते-सोचते मुझे नींद आ गई।

अगले दिन मैं भाई के साथ गली में होली खेलने गई। मेरी सहेलियों के बॉयफ्रेंड भी आए थे। वे बहाने से उनकी चूचियों और टाँगों के बीच रंग लगा रहे थे।

कई घंटे होली खेलने के बाद मैं घर लौटी। मुझे नहाने के लिए बाथरूम जाना था। मैं नहाकर बिना कपड़े पहने बाहर निकली, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि भाई कमरे में है।

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भाई बेड पर लेटा था और मेरे नंगे बदन को घूर रहा था। जब उसने देखा कि मैं उसे देख रही हूँ, उसने आँखें बंद कर सोने का नाटक किया। मैंने कपड़े पहन लिए।

रात को खाना खाने के बाद मैं जल्दी सो गई। होली खेलने से मैं थक गई थी। रात करीब 12 बजे मुझे अपने पेट पर कुछ महसूस हुआ। मैंने आँख खोली तो देखा कि भाई का हाथ मेरे नंगे पेट पर फिर रहा था।

मेरा टॉप शायद सोते वक्त ऊपर हो गया था। मैंने सोने का नाटक जारी रखा। मुझे अच्छा लग रहा था। भाई ने धीरे-धीरे मेरा टॉप और ऊपर किया। मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, क्योंकि रात को मैं बिना ब्रा सोती हूँ। मेरी चूचियाँ नंगी हो गईं। मेरे अंदर कामवासना जागने लगी।

भाई ने मेरी चूचियों को दबाना शुरू किया और निप्पलों को छेड़ने लगा। मुझे मजा आने लगा। उसकी हिम्मत बढ़ी, और उसने मेरी लोअर में हाथ डालकर पैंटी के ऊपर से चूत सहलाने लगा।

मेरे मुँह से हल्की सी ‘आह्ह’ निकल गई। भाई ने देखा कि मैं जाग गई हूँ, तो उसने हाथ हटाने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख लिया।

अब उसे डर नहीं था। वह समझ गया कि मुझे भी मजा आ रहा है। उसने जोर-जोर से मेरी चूत सहलानी शुरू की। मैंने भी उसका लंड टटोला और अपने हाथ में पकड़ लिया।

उसका लंड पूरी तरह तना हुआ था। मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड पकड़ा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, इसलिए लंड को लेकर मेरे मन में जिज्ञासा थी।

मैंने भाई के लंड को लोअर के ऊपर से सहलाना शुरू किया। भाई ने मेरी लोअर और पैंटी उतार दी। मेरी चूत से पानी निकल रहा था। मैं पूरी तरह नंगी थी और भाई के लंड को सहला रही थी।

भाई ने मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया। मैंने उसकी लोअर और अंडरवियर नीचे सरका दिया। उसका तना हुआ लंड मेरे हाथ में आ गया। हम दोनों एक-दूसरे को सहलाने लगे। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

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भाई का लंड मोटा और लंबा था। उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसे चूसना शुरू किया। पहले तो स्वाद अच्छा नहीं लगा, लेकिन फिर मजा आने लगा।

भाई ने मेरी चूत में उंगली डाल दी। उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था। मेरा दम घुटने लगा, तो मैंने उसे हटाया। उसने उंगली निकाली और मेरी चूत चाटने लगा।

भाई की गर्म जीभ मेरी चूत पर लगी, तो मुझे बहुत मजा आया। मैं समझ गई कि मेरी सहेलियाँ अपने बॉयफ्रेंड से चूत क्यों चटवाती हैं।

कुछ देर चाटने के बाद भाई ने मेरी टाँगें फैलाईं और चूत पर लंड रखकर रगड़ने लगा। पहली बार मैंने अपनी चूत पर लंड का स्पर्श महसूस किया। मेरा बदन तड़पने लगा।

भाई मेरी चूत पर लंड रगड़ रहा था। मेरी चूत बहुत गर्म हो चुकी थी। मैं चाह रही थी कि वह लंड अंदर डाल दे। भाई ने मेरी चूत पर थूक लगाया और लंड सेट करके धक्का मारा। मेरी चीख निकल गई: ‘उम्म्ह… अहह… हय… ओह…’

उसने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। उसके लंड से बहुत दर्द हुआ। मम्मी-पापा बगल के कमरे में सो रहे थे, इसलिए मैं चीख नहीं सकती थी।

भाई कुछ देर मेरे ऊपर लेटा रहा। फिर उसने धीरे-धीरे लंड हिलाया। मुझे फिर दर्द हुआ। मैंने देखा कि मेरी चूत से खून निकल रहा था। मैं डर गई। भाई ने कहा: घबराओ मत, तुम्हारी चूत की सील टूटी है।

वह मेरी चूचियाँ चूसने लगा। मैं लेट गई। दो-तीन मिनट तक वह मेरी चूचियाँ चूसता रहा, फिर चूत में लंड चलाने लगा।

अब मुझे अच्छा लगने लगा। उसने गति बढ़ाई। उसका मोटा लंड मेरी चूत में फंस गया था, लेकिन पहली बार लंड लेने का मजा आ रहा था।

उसने तेजी से धक्के लगाने शुरू किए। मुझे बहुत मजा आने लगा। मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पर लपेट लीं। उसका लंड मेरी चूत की गहराई में जा रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं चुदती ही रहूँ।

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मुझे समझ आया कि मेरी सहेलियाँ अपने यारों से चुदकर इतनी खुश क्यों रहती हैं। लंड चूत में बहुत मजा देता है। भाई ने मेरी चूत को तीस मिनट तक चोदा। उसने मेरी चूत फैला दी।

मुझे लगा जैसे मैं मर जाऊँगी। मैंने भाई को बाहों में कस लिया। मेरा बदन अकड़ने लगा। मेरी चूत से पानी छलक उठा, और मैं शांत हो गई।

भाई की स्पीड से मेरी चूत से पच-पच की आवाजें आने लगीं। उसकी गति और तेज हो गई। मेरी चूत में दर्द होने लगा। मैंने उसे हटाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं रुका।

दो मिनट बाद उसकी गति धीमी पड़ी। उसने मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। पूरा वीर्य मेरी चूत में डालकर वह शांत हो गया।

उस रात भाई ने मेरी चूत दो बार चोदी। सुबह मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैं मुश्किल से चल पा रही थी। उस दिन के बाद भाई ने मेरी चूत की चुदाई शुरू कर दी।

जब तक मेरी शादी नहीं हुई, भाई मेरी चूत चोदता रहा।

पहली बार भाई से चुदवाने के बाद मुझे लंड का चस्का लग गया। इसके बाद मैंने और किन-किन के लंड लिए, वो मैं अपनी अगली कहानियों में बताऊँगी।

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