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भाई-बहन की नाजायज ख्वाहिश

यह कहानी एक ऐसी इच्छा की है, जिसमें एक भाई अपनी तलाकशुदा बहन के प्रति आकर्षित हो जाता है और उसकी जवानी की आग को देखकर खुद को रोक नहीं पाता।

हाय दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन मल्होत्रा है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ, लेकिन नौकरी के कारण अब चंडीगढ़ में रहता हूँ। मैं शादीशुदा हूँ और मेरे बच्चे हैं। मेरी तलाकशुदा बहन, जिसका नाम सानिया है, मेरे साथ ही रहती है।

हमारे घर में दो कमरे हैं। एक कमरे में मैं अपने परिवार के साथ सोता हूँ, और दूसरे कमरे में सानिया रहती है।

मैं लंबे समय से हिंदी सेक्स कहानियों का शौकीन रहा हूँ। मुझे ऑनलाइन सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है, खासकर भाई-बहन के रिश्तों पर आधारित कहानियाँ। पहले मैं ऐसी कहानियों को लिखने से हिचकता था, लेकिन जब मैंने ऐसी कई कहानियाँ पढ़ीं, तो मुझे लगा कि अपने अनुभव साझा करने में मजा आएगा। इन कहानियों ने मेरे दिमाग पर गहरा असर डाला।

एक दिन ऐसा हुआ कि मेरी पत्नी और बच्चे मेरी ससुराल चले गए। घर में सिर्फ मैं और सानिया थे। पहला दिन सामान्य बीता। अगले दिन जब मैं ऑफिस से लौटा, तो सानिया रसोई में खाना बना रही थी।

मैं फ्रेश होकर आया, और हमने साथ में खाना खाया। खाने के दौरान अचानक सानिया झुकी, और उसके गहरे गले वाले कुर्ते से मुझे उसके मम्मों के दर्शन हो गए। उसने उन्हें छिपाने की कोई कोशिश नहीं की, जिससे मेरे मन में चुदास जाग उठी।

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खाना खाकर मैं अपने कमरे में गया और ऑनलाइन भाई-बहन की सेक्स कहानियाँ पढ़ने लगा। देर रात तक मैं कहानियाँ पढ़ता रहा। फिर मैं सानिया के कमरे में गया और टीवी चालू कर दिया। टीवी की आवाज सुनकर सानिया उठ गई और मेरे साथ बैठकर सीरियल देखने लगी।

वह मुझे अजीब नजरों से देख रही थी। मैंने हिम्मत करके उससे बात शुरू की।

भाई-बहन की नाजायज ख्वाहिश

मैं: सानिया, नींद नहीं आ रही?
सानिया: हाँ, थोड़ा।
मैं: मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।
सानिया: हाँ, बोलो?
मैं: नहीं, छोड़ो।
सानिया: अरे, भाई, क्या हुआ? खुलकर बोलो।
मैं: ठीक है, लेकिन तुम वादा करो कि किसी से नहीं कहोगी और मुझसे नाराज नहीं होगी।
सानिया: भाई, अब बोलो, क्या बात है?

मैं उसके पास बैठ गया, उसका हाथ पकड़ा और कहा, “सानिया, मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ और तुम्हारे साथ हमबिस्तर होना चाहता हूँ।”

सानिया: भाई, ये क्या बोल रहे हो? तुम्हारा दिमाग ठीक है?
मैं: हाँ, लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।

मैंने उसे अचानक अपनी बाहों में खींच लिया और चूमने लगा।

सानिया: भाई, छोड़ो, ये गलत है!
मैं: सानिया, कुछ गलत नहीं है। तुम्हें मजा आएगा।
सानिया: लेकिन भाई…
मैं: बस, कुछ मत बोलो।

मैंने उसे खड़ा किया और चूमना शुरू किया। उसने मेरी पत्नी की नाइटी पहनी थी, जिसमें मम्मों के ऊपर एक जिप थी। मैं लगातार उसे चूम रहा था। वह आँखें बंद करके खड़ी थी। फिर मैंने उसे सोफे पर बिठाया और उसकी नाइटी ऊपर उठाकर उसके पैरों को चूमने लगा।

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जब मैं उसकी जांघों तक पहुँचा, तो उसने कहा, “भाई, गुदगुदी हो रही है।”

मैंने नाइटी की जिप खोलकर उसके मम्मों को चूसना शुरू किया। वह धीरे-धीरे वासना भरी सिसकारियाँ लेने लगी और मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी नाइटी गले तक उठाकर उसके दूध चूसने लगा। तभी उसने कहा, “भाई, ये ठीक नहीं है। भाई-बहन के बीच ऐसा नहीं होना चाहिए।”

उसकी बात सुनकर मैं अलग हो गया। मुझे बहुत बुरा लगा। मैंने माफी माँगी, “सानिया, मुझे माफ कर दो। ऐसा फिर कभी नहीं होगा।”

उसने कपड़े ठीक किए और सिर्फ इतना कहा, “ठीक है।”

मैं अपने कमरे में सोने चला गया। अगली सुबह उसने मुझसे बात नहीं की। मैं ऑफिस चला गया। कुछ दिन बाद मेरी पत्नी और बच्चे वापस आ गए, और सब सामान्य हो गया।

करीब पाँच महीने बाद मेरी पत्नी फिर से अपने मायके गई। मेरे मन में फिर से सानिया के साथ सोने की इच्छा जागी। रात को एक बजे तक सोचने के बाद, मैंने हिम्मत करके उसके कमरे में जाकर उसे जगाया।

सानिया: भाई, क्या हुआ? तुम मेरे बिस्तर पर क्यों बैठे हो?
मैं: मैं तुम्हें चूमना और प्यार करना चाहता हूँ।
सानिया: भाई, नहीं, बहुत रात हो चुकी है।

मैंने उसे पकड़कर चूमना शुरू किया और उसके बूब्स दबाए। फिर मैंने उसकी नाइटी उतार दी। वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। मैंने उसकी ब्रा ऊपर करके उसके मम्मों को चूसना शुरू किया। वह मादक सिसकारियाँ ले रही थी।

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सानिया: भाई, धीरे… छाती में दर्द हो रहा है।
मैं: अरे, मजा तो आ रहा है ना?
सानिया: भाई, अब बस करो।
मैं: एक बार मुझे तुझे चोदना है।
सानिया: भाई, हम गलत कर रहे हैं। जो किया, वही बहुत है।

मैं अलग हो गया और चूमकर अपने कमरे में सोने चला गया।

तब से अब तक हमारे बीच इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ। वह मुझसे बात करती है, कभी-कभी अपने बूब्स दिखा देती है, चुसवा भी लेती है, लेकिन इससे आगे कुछ नहीं।

मुझे लगता है कि उसे भी लंड की जरूरत है, और वह जवानी की आग में जल रही है। लेकिन भाई-बहन का रिश्ता हमें रोक रहा है। हम चाहकर भी सेक्स नहीं कर पा रहे।

दोस्तों, यह मेरी कहानी है। मेरी भाई-बहन की नाजायज ख्वाहिश की कहानी आपको कैसी लगी?

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