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कॉलेज गर्ल का जिस्म

नमस्ते दोस्तों, ये मेरी कॉलेज गर्ल का जिस्म पहली कहानी है, जो दो कॉलेज गर्ल्स के साथ मेरे अनुभव की है। मैं इसे आप सभी के सामने पेश कर रहा हूँ, उम्मीद है आपको ये सेक्स कहानी पसंद आएगी।

मेरा नाम अजय है, और मैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहता हूँ। यहाँ मैं शहर का नाम बदल रहा हूँ, इसके लिए माफी। मैं एक मशहूर चॉकलेट कंपनी में सेल्स मैनेजर के तौर पर कई सालों से काम कर रहा हूँ।

मैंने पहले कभी हस्तमैथुन नहीं किया था। मुझे पता था कि मुठ कैसे मारी जाती है, लेकिन मैंने सुना था कि इससे लंड की नसों पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए मैं इस आदत से बचता था।

एक दिन मैं अपने दोस्त के रूम पर उसके साथ टीवी पर फिल्म देख रहा था। फिल्म में कुछ सेक्स सीन आए, और मेरे दोस्त ने अपनी पैंट से लंड निकालकर मेरे सामने हिलाना शुरू कर दिया। उसने मुझसे भी कहा, “तू भी हिला ले,” लेकिन मैंने मना कर दिया। फिर वो बाथरूम गया और वहाँ वीर्य निकालकर लौटा।

कुछ दिन बाद मैं घर पर अकेला था। मन में खयाल आया कि एक बार हस्तमैथुन करके देखूँ, आखिर इसमें कितना मजा है। शादी के बाद तो सेक्स हो ही जाएगा। मैंने टीवी ऑन किया और कुछ सेक्सी सामग्री ढूँढने लगा। काफी देर तक कुछ नहीं मिला। फिर मैंने फिल्मी गानों में हीरोइनों के चूचों को देखकर लंड हिलाना शुरू किया।

पहली बार जब मैंने लंड हिलाया, तो गजब का मजा आया। जब क्लाइमेक्स पर पहुँचा, तो लंड से वीर्य की ऐसी पिचकारी निकली कि वो सीधे टीवी स्क्रीन पर जा लगी। उस दिन वीर्य निकालने का जो आनंद मिला, उसे मैं बयान नहीं कर सकता।

इसके बाद तो मुझे इसकी लत लग गई। हर लड़की में मुझे उसकी चूत दिखने लगी। किसी जवान लड़की को देखते ही मेरी नजर पहले उसके चूचों पर, फिर चूत के खयालों में खो जाती। मैं चुदाई के लिए तड़पने लगा। इस चक्कर में मेरी पढ़ाई चौपट हो गई।

मैं कॉलेज में सिर्फ एग्जाम देने जाता। बाकी समय तफरी मारता। मैं दिखने में स्मार्ट था, गोरा रंग और अच्छी पर्सनालिटी। जब मैं अय्याशी की दुनिया में उतरा, तो कई लड़कियाँ मुझ पर फिदा थीं।

मैंने कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया। जिसे चूत में खुजली होती, वो खुद मेरे पास आकर अपनी चूत सौंप देती। मैं इस मामले में ईमानदार था। किसी लड़की के साथ सेक्स के बाद उसकी प्राइवेसी कभी शेयर नहीं की। जब किसी को इच्छा होती, वो मुझे बुलाकर अपनी जरूरत पूरी कर लेती।

मेरा लंड औसत साइज का है, और मुझे इससे कोई शिकायत नहीं। मैंने अनुभव से सीखा कि लंड के साइज से ज्यादा सेक्स की कला मायने रखती है। अगर सेक्स करना न आए, तो बड़ा लंड भी पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर सकता।

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मैंने कई लड़कियों और भाभियों की चूत चोदी, और वो आज भी मुझे याद करती हैं। ये कहानी कॉलेज के दिनों की है। मेरे कॉलेज में एक लड़की थी, प्रिया (नाम बदला हुआ)। मेरे दोस्त ने बताया कि प्रिया ने कई बार अपनी सहेलियों के जरिए मेरे बारे में बात की थी। मैंने कभी उसकी ओर ध्यान नहीं दिया था। दोस्त ने बताया कि प्रिया की सहेली रीना उसके साथ सेट थी और उसने ही प्रिया के मन की बात बताई।

मेरे दोस्त ने रीना की ठुकाई पहले ही कर रखी थी। अब मेरे मन में प्रिया की चूत के लिए तूफान उठने लगा। हमने दोस्तों ने मिलकर मूवी देखने का प्लान बनाया। रीना भी आने वाली थी। मूवी बहाना था; असल में प्रिया की चूत चुदाई का इरादा था। मैं उसकी चूत चोदने को बेताब था।

किसी जवान कॉलेज गर्ल के साथ ये मेरा पहला अनुभव होने वाला था, इसलिए मैं थोड़ा नर्वस था। फिर मैंने सोचा, जो होगा, देखा जाएगा। सिनेमा हॉल में रीना और प्रिया आ गईं। रीना ने मेरा परिचय प्रिया से करवाया। प्रिया बहुत खूबसूरत थी। जब उसने मुझसे हाथ मिलाया, तो उसका नरम हाथ छोड़ने का मन नहीं किया। उसके चूचे मस्त थे, गांड उभरी हुई, और रंग इतना गोरा कि जैसे दूध में नहाकर आई हो।

मन कर रहा था कि यहीं चोद दूँ। मैं उसे देखता रहा, तो प्रिया ने कहा, “कहाँ खो गए? चलना नहीं है?”

मेरा दोस्त और रीना आगे निकल चुके थे। मैंने प्रिया को बाइक पर बैठाया, और हम उनके पीछे चल पड़े। रास्ते में मैं बार-बार ब्रेक लगा रहा था, ताकि उसकी चूचियाँ मेरी पीठ से टकराएँ। वो मुझसे चिपककर बैठी थी, और उसे भी मजा आ रहा था।

सिनेमा हॉल में हम पहुँचे। हमने जानबूझकर एक बेकार मूवी चुनी, ताकि हॉल खाली रहे। वहाँ कुछ कपल्स ही थे, जो शायद मजे लेने आए थे। हमारी आगे-पीछे की सीटें खाली थीं।

मूवी शुरू होते ही हमारी हरकतें शुरू हो गईं। रीना और मेरा दोस्त एक-दूसरे को चूम रहे थे। उन्हें देखकर मैंने प्रिया का हाथ पकड़ा और सहलाने लगा। उसने मेरी ओर देखकर मुस्कुराया और मेरे कंधे पर सिर रख दिया। मैंने उसके गाल पर चूमा—ये मेरा पहला किस था।

हमारी साँसें टकराने लगीं। मैंने उसके सिर के पीछे से हाथ ले जाकर उसके कंधों पर रखा। उसने मेरा साथ दिया और मेरे हाथ पर सिर टिकाकर चिपक गई। मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठाया और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

उसके होंठ इतने नरम थे कि मैं चूसता ही गया। पाँच मिनट बाद वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। तभी एक आवाज आई, “उम्म्ह… अहह… हय… ओह…” मैंने देखा, मेरा दोस्त रीना की चूचियाँ बाहर निकालकर निप्पल चूस रहा था।

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रीना ने हमें देखकर शरमाते हुए चूचियाँ चुन्नी से ढक लीं और मेरे दोस्त से बोली, “धीरे करो, प्रिया और अजय देख रहे हैं।”

मेरे दोस्त ने कहा, “उसे सब पता है।”

रीना को इस हाल में देखकर मेरा लंड तन गया। प्रिया ने भी इसे महसूस कर लिया। मैंने अपना दायाँ हाथ उसकी चूचियों पर रखा और दबाने लगा। वो गर्म हो चुकी थी और उसने कोई विरोध नहीं किया। उसकी चूचियाँ रुई जैसे नरम थीं। उसके मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने उसकी कमीज के ऊपर से गले में हाथ डाला। उसकी चूचियों की गर्म चमड़ी छूते ही मजा आ गया। मैंने उसकी कमीज ऊपर की और एक चूची बाहर निकालकर उसमें होंठ रख दिए। प्रिया ने “सी… सी…” की आवाज निकाली और मेरा सिर अपनी चूची पर दबा लिया। वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी।

उस दिन को मैं कभी नहीं भूल सकता। हमें होश ही नहीं था कि हम सिनेमा हॉल में हैं। जवानी के जोश में हम होश खो बैठे। मैं चाहता था कि रीना देखे कि मैं उसकी सहेली की चूचियाँ कैसे मसल रहा हूँ। मैं रीना की चूचियाँ चूसने के बारे में भी सोच रहा था। बाद में मैंने रीना के साथ भी चुदाई की, लेकिन वो कहानी बाद में।

मैंने प्रिया का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और दबाया। उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। उसके नरम हाथ के स्पर्श से मुझसे रहा नहीं गया। मैंने चेन खोलकर लंड बाहर निकाला और टोपा पीछे खींचा। मेरा लंड झटके खा रहा था।

पहली बार किसी के सेक्सुअल पार्ट्स को छूने का नशा अजीब होता है। शरीर में सनसनी दौड़ती है, दिमाग बंद हो जाता है, और दिल की धड़कनें दोगुनी हो जाती हैं। लड़कियाँ सोचती हैं कि लंड को जल्दी चूत में डाल लें, और लड़के चूत को भोसड़ा बनाने की सोचते हैं। लेकिन ज्यादातर लड़कियाँ ही बाजी मार लेती हैं। अगर लंड मोटा और चूत का छेद छोटा हो, तो लड़की चिल्लाने लगती है। प्रिया के साथ भी ऐसा हुआ।

प्रिया ने मेरे लंड के टोपे को पीछे-आगे करना शुरू किया। मैं इतना उत्तेजित था कि वीर्य छूटने का डर हो गया। मैंने उसे रोका और सिर्फ सहलाने को कहा। फिर मैंने उसकी लेगिंग में हाथ डाला। नाड़ा नहीं था, मेरा हाथ सीधे उसकी चूत पर पहुँचा। उसकी पैंटी गीली थी। मैंने पैंटी साइड करके उसकी चूत में उंगली डाल दी।

उंगली घुसते ही प्रिया ने “सी… सी… आह…” की आवाज निकाली और कमर मरोड़ने लगी। मैंने उंगली से उसकी चूत चोदना जारी रखा। वो मेरे कानों को काटते हुए मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी। फिर उसने मेरे हाथ को अपनी जांघों से कस लिया और दो मिनट तक झड़ती रही।

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मैं उसकी चूचियाँ दबाता रहा, और वो मेरा लंड आगे-पीछे करती रही। उसका सारा माल मेरी उंगलियों से होते हुए मेरे हाथ में भर गया। मेरा लंड भी उफान पर था। मैंने एक जोरदार पिचकारी छोड़ी, जो आगे की सीट के ऊपर तक गई। अगर कोई वहाँ बैठा होता, तो उसके सिर पर शैम्पू लग जाता। बाकी वीर्य प्रिया के हाथ और उंगलियों में भर गया।

हम भूल गए थे कि कोई हमें देख रहा है। वो रीना थी, जो पिछले दस मिनट से हमें देखकर हँस रही थी। रीना भी मेरे लंड से खेलना चाहती थी, जैसा उसने बाद में बताया। जब मैंने देखा कि रीना हमें देख रही है, तो मैंने उसे मुस्कुराकर देखा और लंड बाहर ही रखा। मैंने प्रिया से कहा, “रीना ने हमारा पूरा लाइव शो देखा।”

प्रिया बोली, “वो तो चुदक्कड़ है। मुझे उसकी परवाह नहीं, लेकिन तू भी कम बेशर्म नहीं।”

बातों के बीच मैंने प्रिया का नंबर लिया और रीना को आँख मारी। वो समझ गई कि हम दोनों क्या चाहते हैं। मूवी खत्म होने से पहले हम चारों बाहर निकल गए। एक रेस्तरां में फास्ट फूड खाया। खाते वक्त हम एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे। रीना मुझसे ज्यादा फ्रेंक हो रही थी।

मैंने नोटिस किया कि प्रिया को मुझसे कुछ ज्यादा लगाव हो गया था। उसकी बातों में प्यार झलक रहा था। वो वाकई बहुत सुंदर थी। फिर हमने दोनों को ऑटो स्टैंड पर छोड़ा। प्रिया की नजर मुझसे हट नहीं रही थी। मैंने उसे बाय बोला और फ्लाइंग किस दी। उसने भी फ्लाइंग किस दी और चली गई।

वो चली गईं, लेकिन मैं इस अधूरी चुदाई से पागल हो गया। रात में प्रिया और रीना की चूचियों और चूत के बारे में सोचकर दो बार मुठ मारी। रात के दो बजे फोन पर दो मैसेज आए।

पहला मैसेज रीना का था: “तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।”

दूसरा प्रिया का: “आई लव यू।”

दोस्तों, इसके बाद मैंने प्रिया और रीना की एक साथ चुदाई की, उनकी सहमति से। वो कहानी मैं अगली बार बताऊँगा। जैसे ही समय मिलेगा, मैं अगली कहानी लिखूँगा।

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