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डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 2

ऋषि और नीटू ने कपड़े पहने और सो गए। मगर रात को नीटू की नींद टूटी। वह बाथरूम गई। पेशाब करते वक्त उसे रात का प्रसंग याद आया और उसकी वासना फिर से जाग उठी।

पिछला भाग डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 1

अनजाने में वह अपनी चूत में उंगली करने लगी। लेकिन उसने खुद को संभाला और वापस आकर सो गई। फिर भी रात का वह साहसिक अनुभव उसके मन से निकल नहीं रहा था। वह फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी। उसकी हलचल से ऋषि जाग गया। नीटू की आधी बंद आँखें और उसका चूत में उंगली करना देखकर उसे सब समझ आ गया। वह धीरे से बोला, “नीटू, फिर से इच्छा हो रही है क्या?”

नीटू बोली, “हाँ रे, हो रही है। फिर से सेक्स करना चाहती हूँ। सच कहूँ तो यह गलत है, ऐसा नहीं सोचना चाहिए। लेकिन क्या करूँ? बार-बार आज की रात याद आ रही है। छोड़ दे, थोड़ी नींद आ गई तो सब भूल जाऊँगी। तू सो जा।”

ऋषण बोला, “ऐसे अपने मन को मत दबा। तुझे इच्छा है ना? तो सोहम के पास जा। मुझे यकीन है, वह तुझे निराश नहीं करेगा।”

नीटू बोली, “लेकिन मुझे शर्म आ रही है रे। भला मैं अपने बेटे के पास जाकर कैसे कहूँ कि मुझे फिर से इच्छा हो रही है। मुझे तो डर भी लग रहा है।”

ऋषि बोला, “शर्म और डर की कोई बात नहीं। एक बार तू खुद गई तो डर खत्म हो जाएगा। चल, वक्त मत गँवाए, जा उसके पास।”

नीटू बोली, “जाती हूँ, लेकिन तू भी चल साथ। मुझे इतना तो हौसला मिलेगा।”

ऋषि बोला, “मैं बिल्कुल नहीं आऊँगा। अभी सोहम भी कितना झिझक रहा था। तू अकेली जा। तुम दोनों बिना संकोच मजे करो। चल, जा अब।”

शारीरिक भूख ने मन की इच्छा पर काबू पा लिया। नीटू ने कपड़े ठीक किए और दरवाजा खोला। पीछे मुड़कर उसने फिर कहा, “ऋषि, सचमुच जाऊँ ना? तू नाराज तो नहीं होगा? मैं तुझे खोना नहीं चाहती।”

ऋषि बोला, “एक बात समझ ले। मेरे मन में था, तभी तो आज यह सब हुआ। अगर मैं नाराज होता तो यह होने ही नहीं देता। अब वक्त मत गँवाए, जा।”

नीटू ने दरवाजा बंद किया और धड़कते दिल के साथ सोहम की रूम में गई। सोहम की रूम में हल्का लैंप जल रहा था। सोहम चादर ओढ़कर सोया था। नीटू उसके बगल में पीठ टेककर बैठ गई। उसकी छाती अभी भी धड़धड़ा रही थी। आगे क्या करना है, यह उसे समझ नहीं आ रहा था।

आखिरकार उसने सोहम के सिर पर हाथ फेरना शुरू किया। सोहम चौंककर जाग गया। उसने सिर उठाकर देखा तो नीटू बैठी थी। वह भी घबरा गया। उसने पूछा, “मम्मी, तू? इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है? और डैडी कहाँ हैं? सब ठीक तो है ना?”

नीटू को अटपटा-सा लगा। उसे समझ नहीं आया कि क्या बोलना है। आखिरकार किसी तरह उसकी नजर टालते हुए वह बोली, “सोहम, सच कहूँ तो मुझे यह कहते हुए शर्मिंदगी होनी चाहिए। लेकिन क्या करूँ? अभी तूने मुझे जो सुख दिया, वह बार-बार याद आ रहा है। मन से निकल ही नहीं रहा। बार-बार वह अनुभव फिर से लेना चाहती हूँ। मुझे बहुत बेचैनी हो रही है। मेरी यह हालत देखकर तेरे डैडी ने ही मुझे यहाँ आने की इजाजत दी। इसलिए आई। क्या हम फिर से सेक्स कर सकते हैं?”

सोहम झट से उठकर बैठ गया और नीटू के कंधे पर सिर रखकर बोला, “बिल्कुल, मम्मी। कर सकते हैं। मैं तेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ।” इतना कहकर उसने नीटू को अपनी बाँहों में लिया और उसके शरीर पर हाथ फेरने लगा। नीटू भड़कने लगी। उसने अपना गाउन ऊपर किया और अंडरवियर उतार फेंकी। फिर पैर फैलाकर लेट गई और सोहम से बोली, “आ, अब सेक्स करते हैं।”

सोहम उस पर झुककर उसके कान में बोला, “क्या, ऐसे होता है भला? ऐसे तो तुरंत नहीं करते। पहले तू डैडी के साथ ऐसा नहीं करती होगी। पहले रोमांस, फोरप्ले करके फिर करते होंगे, है ना? हमें भी वैसे ही करना है।”

नीटू झेंपते हुए बोली, “ऐसा मत कह। मुझे बहुत शर्म आती है।”

सोहम उसके शरीर पर हाथ फेरते हुए बोला, “मम्मी, अभी तुझे मजा तो आया। लेकिन हम उतना एंजॉय नहीं कर पाए।”

नीटू बोली, “क्यों नहीं एंजॉय कर पाया?”

सोहम उसे सहलाते हुए बोला, “भला कैसे करता? तेरे शरीर पर चादर थी, चेहरा आधा ढका था। मैं तेरा शरीर भी नहीं देख पाया। फिर मजा कैसे आता?”

नीटू आँखें फाड़कर बोली, “मतलब मुझे तेरे सामने पूरी नंगी होना पड़ेगा? छी, यह क्या बात हुई? मैं आज तक सिर्फ तेरे डैडी के सामने नंगी हुई हूँ। मुझे नहीं जमेगा। तू बस कर और मुझे जाने दे।”

सोहम सीधा होकर बोला, “सॉरी, मम्मी। फिर मैं नहीं करूँगा। यह सुख चाहिए तो तुझे नंगी होना ही पड़ेगा।”

नीटू बिस्तर से उठी और बोली, “तो छोड़ दे। हम यह बात रद्द करते हैं।” सोहम के कुछ बोलने से पहले नीटू सीधे अपनी बेडरूम में आ गई। ऋषि जागा हुआ था। वह बोला, “क्या हुआ, इतनी जल्दी सब हो गया? कैसे मुमकिन है?”

नीटू ने ऋषि को सारा वाकया बताया और बोली, “अब यह विषय बंद। मुझे ऐसा कुछ नहीं करना।”

ऋषि ने नीटू के सामने कोहनी से हाथ जोड़कर कहा, “सचमुच तू मुश्किल है। अरे, सोहम सही तो कह रहा था। सेक्स का असली मजा नंगे होकर ही है। तू यह भी सोच—सोहम की नजर से देख। जैसे तुझे सुख चाहिए, वैसे उसे नहीं चाहिए क्या? जा अब सोहम के पास। वह जैसा कहे, वैसा कर और उसे भी खुश कर।”

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नीटू मजबूर होकर उठी और फिर सोहम की रूम में गई। सोहम जागा ही था। उसने नीटू से पूछा, “क्या हुआ? फिर से क्यों आई?”

नीटू बिस्तर पर बैठते हुए बोली, “तू जो कह रहा था, वह मुझे समझ आ गया। और तेरे डैडी ने भी समझा दिया। अब जैसा तू कहेगा, वैसा ही होगा। थोड़ा अटपटेगा, लेकिन मैं सब करूँगी।”

सोहम नीटू पर झुककर बोला, “कमाल। मेरी प्यारी मम्मी। अब मजे करें?” नीटू आँखें मूँदकर बोली, “उसी के लिए तो आई हूँ ना? अब मैं किसी बात को ना नहीं कहूँगी। लेकिन रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दे बेटा।”

सोहम ने दरवाजा बंद किया और वापस आकर नीटू के पास लेट गया। उसने एक हाथ नीटू की गर्दन के नीचे डाला और उसे अपने पास खींचा। उसने नीटू की बंद आँखों पर अपने होंठ रखे। फिर उसने उसके माथे और गालों को चूमा। ऋषि के अलावा नीटू पहली बार किसी और पुरुष के साथ रोमांस कर रही थी। वह सिहर उठी। सोहम ने फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसका लंबा चुम्बन लिया। वह उसके होंठ चूसने लगा। होंठ चूसते-चूसते उसने नीटू के स्तनों को दबाना शुरू किया। नीटू के रोंगटे खड़े हो गए।

अनजाने में उसने सोहम का सिर पकड़ा और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसके मुँह में डाल दी। सोहम उसकी जीभ चूसने लगा। उसने एक हाथ नीटू के गाउन के अंदर डाला और उसके स्तनों पर फेरने लगा। उसके मुलायम स्तनों का स्पर्श होते ही उसका लंड तनने लगा। उसने दूसरे हाथ से नीटू के गाउन की डोरी खोली और गाउन को दोनों तरफ हटा दिया। वह नीटू के कान में फुसफुसाया, “मम्मी, अपनी ब्रा उतार दे ना। मुझे तेरे स्तन देखने हैं।” अब नीटू भड़कने लगी थी। उसने एक हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोला। सोहम ने उसकी ब्रा उतार फेंकी।

नीटू ने शर्म से अपने हाथों से अपने स्तनों को ढक लिया। सोहम ने एक हाथ बढ़ाकर बेडलैंप ऑन किया और धीरे से नीटू के हाथ उसके स्तनों से हटाए। उसने उसके स्तनों को अपनी मुट्ठियों में पकड़ा और दबाने लगा। नीटू ने खुद से सोहम के होंठ चूसना शुरू किया। कुछ देर बाद सोहम ने उसके होंठ छोड़े और उसकी निप्पल्स चूसने लगा। नीटू की निप्पल्स सख्त हो गईं। सोहम ने नीटू से कहा, “तू उठकर बैठ।” नीटू उठकर बैठ गई। सोहम ने उसका एक स्तन अपनी दोनों मुट्ठियों में पकड़कर दबाया और उसकी निप्पल चूसने लगा। यही उसने दूसरे स्तन के साथ भी किया।

नीटू ने अपना हाथ बढ़ाया और सोहम के लंड पर रखा। उसके सख्त लंड का स्पर्श होते ही वह उसे दबाने लगी। नीटू सोहम के कान में फुसफुसाई, “सोहम, अब अपनी चड्डी उतार दे।” सोहम ने चड्डी उतार फेंकी और फिर से उसके स्तनों को दबाने, उसकी निप्पल्स को मसलने लगा। नीटू सोहम का लंड हिलाने लगी। सोहम ने उसके स्तनों को दबाते हुए उसकी चड्डी में हाथ डाला और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। नीटू पूरी तरह भड़क चुकी थी। उसने सोहम का लंड अपनी मुट्ठी में पकड़कर जोर से दबाया। उसे अपनी चूत पर स्पर्श अच्छा लगने लगा। उसने अपनी कमर ऊपर उठाई और पैर घुटनों से मोड़कर ऊपर किए, ताकि सोहम उसकी चूत को अच्छे से मसल सके।

सोहम ने नीटू के स्तनों को मुँह से छोड़ा और अपने होंठों से उसके होंठ चूसने लगा। नीटू ने उसका हाथ अपने स्तनों पर रखा। सोहम एक हाथ से उसके स्तनों को मसलने लगा और दूसरे हाथ की उंगलियाँ उसकी चूत में डालने लगा। नीटू का रस बहने लगा था। उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। इधर सोहम के लंड से प्री-कम निकलने लगा था। नीटू उसकी बूंदों को अपनी उंगलियों पर लेकर उसके लंड पर मलने लगी। अब उसे रहा नहीं जा रहा था। वह आवेग में बोली, “अब करें क्या? मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। कब मेरा छोटा सोहम मेरे अंदर जाएगा, कब मेरा छेद छोटे सोहम से भरेगा। आ ना अब।”

सोहम बोला, “मम्मी, थोड़ा सब्र कर। तुझे और भड़काता हूँ, फिर तेरे ऊपर चढ़ता हूँ। माफ करना, लेकिन ऐसे मौके पर थोड़े गंदे शब्द इस्तेमाल किए तो ज्यादा मजा आता है, जोर से करने का मन करता है। चलेगा ना ऐसा बोलना?”

नीटू बोली, “सब कुछ करने को तैयार हूँ तो बोलने में क्या दिक्कत? लेकिन मुझे ज्यादा शब्द नहीं आते। तू बता ना कुछ शब्दों के जवाब—मेरी योनि, मेरी छाती, मेरी गांड, तेरा हथियार, हम जो कर रहे हैं वह संभोग…”

सोहम उसे दबाते हुए बोला, “बताता हूँ। योनि को चवट भाषा में चूत कहते हैं, छाती को बॉल्स, गांड को कुल्ले, पुरुष के हथियार को सोट्या, लंड या बुल्ला कहते हैं और संभोग को झवाझवी। मैंने अभी कहा ना कि तुझे और भड़काकर चढ़ूँगा, उसके बजाय कहता हूँ कि तुझे और भड़काकर झवूँगा।”

नीटू बोली, “अब और क्या भड़काना बाकी है? मेरी चूत तो अब तेरा लंड अंदर लेने को बेकरार है। अब वक्त मत गँवाए, मेरे ऊपर चढ़ और झवकर फाड़ दे। मेरी चूत फाड़ दे। डाल दे अपना बुल्ला मेरे अंदर और घुसल दे मेरी चूत। अब रहा नहीं जाता।”

सोहम खुश होकर बोला, “डार्लिंग मम्मी, अब तू कितनी मस्त तैयार हो गई… कमाल बोल दिया तूने। लेकिन बस थोड़ा और वक्त दे। मैं क्या करता हूँ, देख। फिर तुझे मुझसे झवने का असली मजा आएगा। तू अब बिस्तर के किनारे पीठ के बल लेट और पैर जमीन पर रख।”

नीटू ने जैसा सोहम ने कहा, वैसा किया। सोहम उसके पैरों के बीच बैठकर बोला, “अब मुझे तेरी चूत आँखें भरकर देखनी है। तू पैर फैला और ऊपर उठा ले। ताकि तेरी चूत अच्छे से फटे।” नीटू बोली, “ऐसा मत कर रे, मुझे शर्म आती है। आज तक तेरे डैडी के अलावा किसी ने मेरी चूत नहीं देखी।” सोहम बोला, “अब क्या शर्म? मैंने रात को जब तुझे झवा, तब तो सारी शर्म खत्म हो गई। इस पल में हम सिर्फ मर्द और औरत हैं, नर और मादा हैं। झवने का पूरा मजा लेने को बेताब हैं। हाँ, अब पैर फैला और ऊपर उठाकर रख।”

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नीटू मजबूर हो गई। उसने अपने पैर घुटनों से मोड़े और ऊपर उठाकर पेट की तरफ खींचे। सोहम ने धीरे से नीटू की चूत पर हाथ फेरा। अनजाने में नीटू “आह” निकल गया। सोहम ने उसकी चूत के नरम होंठों को उंगलियों से फैलाया। उसका गुलाबी अंदरूनी हिस्सा दिखने लगा। सोहम ने अपनी जीभ उसके अंदरूनी गर्म हिस्से पर फेरी। नीटू असह्य सुख से लगभग चीख ही पड़ी। उसके शरीर पर रोंगटे खड़े हो गए। सोहम ने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं और हिलाने लगा। उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। फिर सोहम ने अपनी उंगली उसके क्लिट के पास लाई और क्लिट को रगड़ते हुए उसकी चूत चाटने लगा। नीटू को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे और क्या न करे। वह सिसकारियाँ भरने लगी।

नीटू ने भारी आवाज में सोहम से कहा, “जो तू रगड़ रहा है, उसे क्या कहते हैं?” सोहम बोला, “लव बटन या झवाझवी की भाषा में दाना।” नीटू बोली, “तू मेरे दाने को अपने मुँह से चूस ना… और अभी अपनी उंगलियों से झव।” सोहम उसका दाना मुँह से चूसने लगा, वहाँ अपनी जीभ फड़फड़ाने लगा, उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर अंदर-बाहर करने लगा, अंदर ही अंदर गोल घुमाने लगा। नीटू अपनी चूत को सोहम के मुँह पर रगड़ने लगी।

पाँच मिनट बीते और नीटू बोली, “अब बस रे बेटा। ये हरकतें बंद कर और अब झव।” सोहम भी अब पूरी तरह भड़क चुका था। वह खड़ा हुआ और थोड़ा झुककर उसने अपना लंड नीटू की गीली चूत में डालना शुरू किया। एक झटके में उसका लंड उसकी चूत में घुस गया। उसने जोर-जोर से नीटू को चोदना शुरू किया। उसकी चूत से पचक-पचक की आवाजें आने लगीं। उसकी गोटियाँ नीटू की गांड पर टकराने लगीं। नीटू हिल रही थी। जैसे-जैसे वह हिलती, वैसे-वैसे उसके स्तन भी जोर-जोर से हिलने लगे। सोहम आगे झुका और अपनी कोहनियों को नीटू के दोनों तरफ टेककर उसके स्तनों को जोर-जोर से दबाने लगा। बीच-बीच में उसकी निप्पल्स को मसलने लगा।

दस-पंद्रह मिनट बाद नीटू झड़ गई। उसकी वासना पूरी तरह शांत हो गई। भारी आवाज में वह सोहम से बोली, “मेरी खुजली मिट गई रे बेटा। मेरी चूत सुलग रही है। तेरा कब होगा? अब जल्दी झड़ जा। अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दे।” सोहम बोला, “अब बस एक-दो मिनट ही लगेंगे। मेरा लंड भी काँपने लगा है।” सोहम नीचे झुका और उसने नीटू के होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगा। उसके स्तनों पर उसकी पकड़ और सख्त हो गई। उसने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। कुछ पलों में उसका शरीर तन गया और उसने अपने वीर्य को आजाद कर दिया। उसका वीर्य जोर-जोर से नीटू की चूत में पिचकारियाँ मारने लगा। वीर्य पूरी तरह झड़ने तक उसने नीटू को धक्के देना, उसके स्तनों को दबाना, उसके होंठ चूसना जारी रखा।

आखिरकार उसका वीर्य झड़ना बंद हुआ और उसका लंड नरम पड़ गया। उसने लंड नीटू की चूत से धीरे से निकाला और उसके बगल में लेट गया। नीटू ने उसका सिर अपने स्तनों पर खींच लिया और उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगी। थकी हुई आवाज में वह सोहम से बोली, “मेरे सोने, तूने मुझे आज पूरी तरह तृप्त कर दिया। अब कितना सुकून लग रहा है। तुझे मजा आया ना? सच बोल।”

सोहम उसके स्तनों पर सिर रगड़ते हुए बोला, “कमाल का लगा। मध्यम उम्र की औरत को चोदने में अलग ही मजा है। एक बात बता मम्मी, इस उम्र में तेरी चूत इतनी टाइट कैसे है? मुझे जबरदस्त घर्षण मिल रहा था।”

नीटू उसके बालों को सहलाते हुए बोली, “अरे, मैं नियमित व्यायाम करती हूँ। शायद इसलिए मेरी चूत टाइट रही होगी। सच बताऊँ? मुझे इतना मजा कभी नहीं आया। यहाँ तक कि जब तेरा डैडी जवान था, तब भी नहीं। मुझे यह आज समझ आया।”

कुछ पल खामोशी में बीते। फिर नीटू ने सोहम को बगल में किया और उठकर बैठ गई। बैठते ही उसकी चूत से सोहम का वीर्य थोड़ा-थोड़ा बाहर आने लगा। उसने कुछ बूंदें अपनी उंगलियों पर लीं और बोली, “कितना गाढ़ा है तेरा वीर्य! बिल्कुल चिपचिपा।”

सोहम उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोला, “कभी इसका स्वाद लिया है? दो बूंद चखकर देख।” नीटू शरमा गई, लेकिन उसने अपनी उंगलियाँ मुँह में डालकर चूसीं। यह देखकर सोहम बोला, “पहले कभी स्वाद लिया है?” नीटू फिर शरमाई और बोली, “पहले एक बार तेरे डैडी का चखा था। लेकिन अब स्वाद याद नहीं। छोड़, तू अब मेरे सामने खड़ा हो। मुझे तेरा लंड ठीक से देखना है।”

सोहम उठकर खड़ा हो गया। उसका लंड लटक रहा था। नीटू उसके सामने खड़ी हुई और उसके लटके हुए लंड को सहलाने लगी। सोहम बोला, “देख लिया? कैसा लगा? डैडी जैसा है क्या?” नीटू फिर शरमाकर बोली, “क्या सवाल करता है। बस इतना कहूँगी, तेरा एकदम शानदार है।”

तभी उसका फोन बजा। फोन उठाने से पहले वह सोहम से बोली, “तेरे डैडी का है।” फोन उठाकर वह बोली, “सॉरी ऋषि, बहुत वक्त हो गया ना? पाँच मिनट में आती हूँ।” दूसरी तरफ से ऋषि बोला, “अपना वक्त ले, हनी। बस एक बात बता। तू खुश है? तुमने क्या-क्या किया?” नीटू बोली, “चुप रह। कुछ भी मत पूछ। मिलने पर बताऊँगी। संक्षेप में, मैंने बहुत एंजॉय किया। शानदार अनुभव था। अब फोन रखती हूँ। पाँच मिनट में आती हूँ।” ऋषि जल्दी-जल्दी बोला, “अभी मत आ। उसी के साथ रह। फिर से इच्छा हुई तो बार-बार मत आ। नहीं, मैं बिल्कुल गुस्से से नहीं कह रहा। फोन रखता हूँ।” ऋषि ने फोन कट कर दिया।

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सोहम ने पूछा, “डैडी क्या कह रहा था? नाराज था क्या?” नीटू बोली, “नहीं रे, बिल्कुल नाराज नहीं था। पूछ रहा था कि मैंने क्या-क्या किया। मैंने कहा, मिलने पर बताऊँगी। उसने कहा कि आज सोहम के पास ही रह।”

सोहम बोला, “यह तो कमाल है। आज की रात यहीं रह। हम दोनों नंगे ही सोएँ। फिर से इच्छा हुई तो कपड़े उतारने की झंझट नहीं।” नीटू ने उसका गाल खींचते हुए कहा, “बड़ा शरारती है। लेकिन ठीक है, आज यहीं रुकती हूँ। और जैसा तू कहता है, नंगे ही सोएँ।”

सोहम ने लाइट्स बंद कीं। दोनों लेट गए। कुछ देर बाद सोहम ने नीटू से पूछा, “नाराज नहीं होगी तो एक सवाल पूछूँ?” नीटू बोली, “पूछ ना। मैं नाराज नहीं होऊँगी।” सोहम ने पूछा, “मम्मी, तूने कभी लंड मुँह में लिया है?” नीटू यह सवाल सुनकर हक्का-बक्का रह गई। उसे समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे। उसने उल्टा सवाल किया, “ऐसा क्यों पूछ रहा है?” सोहम फिर बोला, “बस यूँ ही। लेकिन इसमें भी मजा है। बता ना, कभी मुँह से किया है?” नीटू ने लंबी साँस छोड़कर कहा, “हाँ, दो-चार बार किया है। लेकिन ऐसा पूछना ठीक नहीं। हमने दो बार चोदा तो क्या कोई भी सवाल पूछेगा?” सोहम बोला, “अरे, चोद तो लिया ना? दोनों को मजा आया कि नहीं? अब कैसी शर्म? यह भी रोमांस का एक तरीका है। सुन ना… एक बार मेरे लिए मुँह से करेगी? मुझे बदलाव के लिए ओरल सेक्स पसंद है। मैं तुझे एक पेन ड्राइव दूँगा। उसमें चूसने के कई तरीके दिखाए गए हैं। उसे देख ले। फिर तू भी अच्छे से कर पाएगी। ओरल करने से दोनों को थकान नहीं होती।” नीटू बोली, “अब मेरे पास तेरी बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। और ऋषि ने तो आग में घी डाल दिया है। अब यह सब करना ही पड़ेगा, यह समझ आ गया। ठीक है, जैसा तू कहेगा, वैसा करूँगी। बस एक सवाल है—क्या ऋषि हमें फिर से चोदने की इजाजत देगा?”

उसका बोलना खत्म होने से पहले ही रूम का दरवाजा खुला और लाइट जली। अच्छा हुआ कि नीटू और सोहम के ऊपर चादर थी। उन्होंने चौंककर देखा तो ऋषि खड़ा था। ऋषि बोला, “डर मत। मैंने तुम्हारी आखिरी बात सुनी। तुम दोनों जरूर एक-दूसरे के साथ मजे लो। जब चाहो—दिन में, रात में, कभी भी। मेरी पूरी, दिल से इजाजत है। मैंने नीटू से कहा था कि आज यहीं रह। लेकिन क्या करूँ? अभी मुझे खुद करने की इच्छा हो रही है। नीटू, तुझे ऐतराज न हो तो फिर से हमारी रूम में आएगी?”

नीटू बोली, “यह कैसा सवाल हुआ? मैं तेरी शादीशुदा, प्यार करने वाली बीवी हूँ। आऊँगी ही। तू आगे चल, मैं कपड़े पहनकर आती हूँ।” ऋषि बोला, “कपड़े क्यों पहन रही है? हमारी रूम में जाकर तो उतारने ही हैं ना? ऐसे ही आ।” नीटू बोली, “अरे, सोहम है यहाँ। मुझे शर्म आती है।” ऋषि बोला, “तू तो कमाल है। अरे, सारे कपड़े उतारकर सेक्स किया ना? या सोहम को कुछ दिखाने को बाकी है? कैसी शर्म आ रही है? चल अब।”

नीटू ने अपने ऊपर की चादर हटाई और खड़ी हो गई। अनजाने में उसने अपने स्तनों को ढक लिया और ऋषि के साथ चल दी। जाते वक्त उन्होंने लाइट्स बंद कीं। सोहम सोने की कोशिश करने लगा। लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी। पाँच मिनट बीते और उसका फोन बजा। फोन ऋषि का था। ऋषि बोला, “अगर तेरी इच्छा हो तो हमारी रूम में आकर लाइव सेक्स देख।” सोहम यह सुनकर सनाक गया। वह बोला, “लेकिन मम्मी को यह मंजूर होगा?” ऋषि बोला, “फोन स्पीकर पर है। वह सब सुन रही है।” लेकिन सोहम को यह ठीक नहीं लगा। वह बोला, “डैडी, थैंक्स। लेकिन अभी नहीं। मैं थक गया हूँ और नींद भी आ रही है। आज दो बार चढ़ा हूँ ना?” उसने जल्दी से अपनी जीभ काट ली। ऋषि उसके बोलने की ओर ध्यान न देकर बोला, “ठीक है। तू सो जा।” सोहम कुछ देर में सो गया।

उधर ऋषि की रूम में ऋषि और नीटू का रोमांस शुरू हो गया। सच तो यह था कि नीटू थक चुकी थी और उसकी इच्छा भी नहीं थी। लेकिन ऋषि की खातिर वह उसका साथ देने लगी। उसे यकीन था कि ऋषि जल्दी थक जाएगा। और वैसा ही हुआ। दस मिनट फोरप्ले करने के बाद ऋषि नीटू पर चढ़ा और मुश्किल से पाँच मिनट में झड़ गया। फिर दोनों सो गए।

डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 3

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