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डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 3

सोहम अपनी रूम में आया, टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने और सो गया। अगले दिन उसे देर से नींद खुली। आराम से तैयार होकर वह नाश्ते के लिए आया। नीटू ने नाश्ता तैयार रखा था।

पिछला भाग डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 2

नाश्ता करते वक्त सोहम ने नीटू से कहा, “मम्मी, डैड को फोन करके पूछ कि वह कब लौट रहे हैं। ताकि आज का प्लान कर सकें।” नीटू ने ऋषि को फोन लगाया और पूछा, “हाय, हब्बी, तेरा दौरा कैसा चल रहा है? काम हो रहे हैं ना? कब लौटेगा?” ऋषि बोला, “मैं आज ही लौट रहा हूँ। लेकिन फ्लाइट लेट है। घर पहुँचते-पहुँचते रात के दस बज जाएँगे। वैसे, तुम दोनों ने मजे किए कि नहीं? क्या-क्या किया, वो सुनने की उत्सुकता है।” नीटू बोली, “ठीक है, मैं तेरे साथ ही डिनर करूँगी। और बाकी जो पूछा, वो तू आने के बाद रात को सोते वक्त बात करेंगे। बाय, टेक केयर। सेफ जर्नी।”

सोहम ने नीटू से पूछा कि क्या बात हुई। नीटू बोली, “ऋषि आज रात को लौट रहा है। उसे पहुँचने में दस बज जाएँगे। मैं उसके लिए रुकूँगी डिनर के लिए। तू अपने रोज के समय पर खा ले।” सोहम बोला, “वो बाकी क्या पूछ रहा था?” नीटू बोली, “पूछ रहा था कि हमने मजे किए कि नहीं, क्या-क्या किया। आज रात सोते वक्त मैं उसे बताने की कोशिश करूँगी। मुझे तो शर्मिंदगी हो रही है। बेटे के साथ चोदते वक्त क्या-क्या किया, ये पति को कैसे बताऊँ? उसे क्या लगेगा?” सोहम बोला, “अब उसे ही उत्सुकता है ना? तो बता दे। एक सुझाव दूँ। तुम सोने जाओ तो तुरंत बता देना। इससे उसे भी चोदने की इच्छा होगी। वो अच्छे से भड़केगा और तुझे अच्छे से चोदेगा। तुम दोनों को मजा आएगा।” नीटू बोली, “तो आज क्या करें? तू ऑफिस जाएगा या छुट्टी लेगा?” सोहम बोला, “मैं ऑफिस में फोन करके हालचाल लेता हूँ। ज्यादा कुछ न हो तो छुट्टी ले लूँगा।”

वो अपनी रूम में गया और फोन करने का नाटक किया। बाहर आकर उसने नीटू से कहा, “मैं एक-दो घंटे के लिए ऑफिस जा रहा हूँ। ज्यादा काम नहीं है। एक मीटिंग है, वो निपटा के आता हूँ। फिर दोपहर को वापस जाने की जरूरत नहीं।” नीटू बोली, “जब निकलेगा तो बता दे, मैं खाना गर्म करके रखूँगी।” सोहम ने शरारती अंदाज में कहा, “सिर्फ खाना ही गर्म मत रखना। खुद को भी गर्म रख!” नीटू बोली, “वो तो तुझे बताने की जरूरत नहीं। और अगर मैं गर्म न भी हुई तो तू गर्म कर ही देगा। गर्म क्या, चांगला भड़का देगा। समझा?”

सोहम बाहर निकला और एक होटल में रूम बुक किया। फिर उसने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन करके होटल में बुलाया। सोहम पहले होटल पहुँचा। कुछ देर बाद उसकी गर्लफ्रेंड आई। थोड़ी बातचीत के बाद उन्होंने चुदाई की। फिर दोनों अलग-अलग निकल गए। होटल छोड़ते वक्त उसने नीटू को सूचना दी। घर पहुँचकर नीटू बोली, “खाना खा लें?” सोहम ने आँख मारते हुए कहा, “नहीं। पहले चुदाई कर लें।” नीटू ने आँखें तरेरकर उसकी ओर देखा और बोली, “तुझे इसके सिवा कुछ सूझता नहीं क्या?” सोहम बोला, “नहीं सूझता। तू है ही ऐसी। बार-बार तुझे भोगने का मन करता है।” नीटू बोली, “ठीक है रे बेटा। लेकिन बाद में तो खाएगा ना?” सोहम ने हाँ कहा तो नीटू बोली, “तो चलें?” सोहम बोला, “तू पाँच मिनट बाद आ। मैं जरा फ्रेश हो लूँ।”

सोहम अपनी रूम में गया और नंगा होकर बिस्तर पर लेट गया। अभी-अभी चुदाई करने की वजह से उसका लंड पूरी तरह नरम पड़ गया था। उसने दस मिनट ऐसे ही बिताए, चादर ओढ़ ली और नीटू को बुलाया। नीटू आई और बोली, “ये क्या, चादर ओढ़कर पड़ा है? तबीयत ठीक है ना?” सोहम बोला, “बिल्कुल ठीक है। तेरे लिए तैयार होकर पड़ा हूँ। आ, शुरू करते हैं…”

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नीटू उसके पास बैठी और सोहम ने चादर हटाई। नीटू ने देखा तो उसका लंड सुस्त पड़ा था। उसने हैरानी से पूछा, “ये क्या रे? ये तो सोया हुआ है। फिर कैसे करेगा?” सोहम ने उसे पास खींचते हुए कहा, “मैंने अभी मुठ मारकर झड़ लिया। जैसा हमने कल बात की थी, तू मेरा लंड चूसेगी और उसे तान देगी। फिर मैं तेरे मुँह में फव्वारे मारूँगा।”

नीटू उसके लंड पर हाथ फेरते हुए बोली, “बड़ा हठी है तू। आज मुँह में ही करना है क्या?” सोहम ने उसे चूमते हुए कहा, “अभी तो यही मन में है। एक प्रयोग तो करें। फिर चुदाई तो है ही…”

नीटू सोहम के एक तरफ उसकी कमर के पास बैठी। उसने उसका लंड ऊपर उठाया और नीचे झुककर उसकी गोटियों पर जीभ फेरने लगी। गोटियाँ अच्छी तरह गीली होने के बाद वह उन्हें मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। सोहम बोला, “बगल में बैठकर गोटियाँ मुँह में नहीं ले पाएगी। मैं पीठ टेककर, पैर फैलाकर बैठता हूँ। तू मेरे पैरों के बीच बैठ, फिर अच्छे से होगा।” सोहम पीठ टेककर बैठा तो नीटू उसके पैरों के बीच बैठ गई। उसने फिर से उसकी गोटियों पर जीभ फेरना शुरू किया। एक हाथ से वह सोहम का लंड सहलाने लगी। वह और नीचे झुकी और उसकी गोटियाँ मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। फिर सोहम ने अपनी कमर के नीचे दो तकिए रखे। अब नीटू को गोटियाँ मुँह में लेना आसान हुआ। गोटियाँ मुँह में लेकर वह चूसने लगी। अपनी जीभ को वह मुँह में गोटियों पर फेरने लगी। एक हाथ से वह उसका लंड सहलाने लगी।

कुछ देर गोटियाँ चूसने के बाद उसने अपना ध्यान सोहम के लंड की ओर मोड़ा। लंड के निचले हिस्से से ऊपरी हिस्से तक वह अपनी जीभ फेरने लगी। उसने सोहम का लंड हर तरफ से चाटा। फिर उसने लंड को हाथ में लिया और लंड के छोटे छेद पर जीभ फेरने लगी। उसी वक्त वह सोहम की गोटियों को मसलने लगी। हल्के हाथ से वह उसकी गोटियाँ रगड़ रही थी। फिर उसने लंड का सिरा मुँह में लिया और चूसते-चूसते उस पर जीभ फेरने लगी। धीरे-धीरे उसने अपना मुँह नीचे करते हुए सोहम का पूरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। वह मुँह के अंदर लंड पर जीभ फेर रही थी।

फिर उसने अपना सिर ऊपर-नीचे करना शुरू किया। सोहम का लंड उसके मुँह में अंदर-बाहर होने लगा। अब उसके लंड में जान आने लगी। लंड बड़ा और सख्त होने लगा। नीटू को यह महसूस हुआ। उसने नजर उठाकर सोहम की ओर देखा। सोहम ने उसे अंगूठा दिखाकर थम्स अप का इशारा किया। इतनी देर तक सोहम चुपचाप बैठा था। अब वह गर्म होने लगा। नीटू की साड़ी का पल्लू कब का गिर चुका था। सोहम ने हाथ बढ़ाकर नीटू के ब्लाउज के बटन खोले और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। नीटू ने उसका लंड छोड़ा और ब्लाउज व ब्रा उतार फेंके। उसने फिर से सोहम का लंड मुँह में लिया और सिर ऊपर-नीचे करने लगी। सोहम उसके स्तनों को मसलने लगा, उसकी निप्पल्स को चुटकी में लेने लगा।

नीटू गर्म होने लगी। सोहम बोला, “मम्मी, अब बगल में बैठकर मुँह में ले।” नीटू उसके पैरों के बीच से उठी और बगल में बैठकर फिर से उसका लंड चूसने लगी। सोहम ने नीटू का पेटीकोट ऊपर किया और उसकी जाँघों पर हाथ फेरने लगा। नीटू ने अपनी कमर थोड़ी ऊपर उठा ली। सोहम ने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत रगड़ने लगा। नीटू ने सोहम का लंड छोड़ा और बोली, “ऐसा कुछ मत कर बेटा। मैं पहले ही गर्म हो रही हूँ। तू ऐसा करने लगा तो मुझे फिर से चुदने की इच्छा होगी। तू चोदने लगेगा और झड़ जाएगा।” सोहम बोला, “तू चूसना चालू रख। और मैं तुझे चोदने वाला हूँ। बस तेरी चूत में नहीं झड़ूँगा। तेरे मुँह में ही झड़ूँगा। मैं बताता हूँ क्या करना है।” नीटू आज्ञाकारी बनकर सोहम का लंड चूसने लगी।

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कुछ देर बाद सोहम ने नीटू से कहा, “अब हम 69 करेंगे। तू मेरी तरफ पीठ करके मेरे ऊपर उलटी हो जा और मेरा लंड चूस। मैं तेरी चूत चाटता हूँ।” नीटू ने अपना पेटीकोट उतारा। वह सोहम की तरफ पीठ करके उसके दोनों तरफ घुटने टेककर बैठी और आगे झुककर सोहम का लंड मुँह से चूसने लगी। सोहम ने उसकी कमर थोड़ी पीछे खींची और उसकी चूत अपने मुँह के पास लाई। उसने एक हाथ की उंगलियों से उसकी चूत के होंठ फैलाए और अंदर के गुलाबी हिस्से पर जीभ फेरने लगा, जीभ उसके छेद में डालने लगा। नीटू के मुँह से “आह, हं, स्स्स्स, ओह” जैसे आवाज निकलने लगे। सोहम फिर उसका दाना चूसने लगा। नीटू का शरीर एकदम तन गया। नीटू उसका लंड जोर से चूसने लगी, उसकी गोटियाँ मसलने लगी। नीटू की चूत से रस टपकने लगा। सोहम का लंड भी पूरी तरह सख्त हो गया।

सोहम ने नीटू से कहा, “अब तुझ पर चढ़ूँ? अच्छी तरह गर्म हो गई है ना?” नीटू ने सोहम का लंड छोड़ा और जल्दी से उठकर उसके बगल में लेट गई, पैर फैलाते हुए बोली, “हाँ डार्लिंग, अब रहा नहीं जाता। जल्दी डाल दे अपना लंड मेरे अंदर। मैं तैयार होकर पड़ी हूँ, देख।” सोहम ने उसकी गर्दन के नीचे हाथ डाला और उसे उठाते हुए कहा, “हमने दो-तीन तरीके आजमाए। अब नई पोजीशन में चोदेंगे। तू अभी की तरह उलटी हो, छाती नीचे करके कमर ऊपर उठा। मैं पीछे से डालता हूँ। बस इतना कर कि तू बिस्तर के किनारे हो। मैं खड़ा होकर तुझे चोदता हूँ।” नीटू घबराकर बोली, “ए, मेरी गांड में कुछ डालना नहीं है हाँ, बिल्कुल नहीं।” सोहम बोला, “गांड में नहीं, चूत में ही चोदने वाला हूँ। बस लंड पीछे से डालूँगा और वो भी खड़े होकर।”

नीटू ने सोहम के कहे अनुसार पोजीशन ली। सोहम उसके पीछे खड़ा हुआ। दोनों हाथों से उसने नीटू की गांड फैलाई। फिर उसने अपना लंड पकड़ा और नीटू की चूत के छेद के पास लाया। अंदर डालने से पहले उसने लंड का सिरा उसकी चूत पर ऊपर-नीचे फेरना शुरू किया। कुछ देर बाद नीटू तंग आकर बोली, “अरे, क्यों तड़पा रहा है? मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा। अब डाल दे अंदर।” सोहम ने अपना लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे डालना शुरू किया। नीटू के मुँह से “आह माँ…” जैसे शब्द निकले। सोहम धीरे-धीरे नीटू को धक्के देने लगा। दो-तीन मिनट बाद उसने रफ्तार बढ़ानी शुरू की। नीटू जोर-जोर से हिलने लगी। उसके स्तन लटककर हिलने लगे। सोहम आगे झुका और नीटू के स्तनों को अपनी मुट्ठियों में जोर से पकड़कर चोदने लगा। “आह माँ, स्स्स्स, हं, आहा, ओह, बाप रे” जैसे शब्द नीटू के मुँह से निकलने लगे। सोहम उसे अच्छे से चोद रहा था। दस-पंद्रह मिनट बाद नीटू झड़ गई। उसकी चूत से खूब रस बहने लगा। उसने नीचे झुककर अपनी गर्दन आगे की तकिए पर रखी और चुपचाप सोहम से चुदवाने लगी।

सोहम ने अपना लंड पीछे खींचा। वह नीटू से बोला, “अब तू दो तकिए सिर के नीचे लेकर आराम से लेट।” नीटू बोली, “लेकिन तेरा कहाँ झड़ा?” सोहम बोला, “सही कहा, अभी नहीं झड़ा। तेरे प्यारे मुँह में झड़ना है ना?”

नीटू ने सिर के नीचे दो तकिए लिए और लेट गई। सोहम उसके बगल में घुटनों पर बैठा और अपना लंड उसके मुँह के पास लाया। नीटू ने लंड पकड़ा और अपने मुँह में लेकर होंठों को लंड के चारों ओर कस लिया। सोहम कमर हिलाकर नीटू को मुँह में चोदने लगा। नीटू एक हाथ से उसकी गोटियाँ मसलने लगी। सोहम बड़बड़ाने लगा, “ओह माय गॉड, ओह, स्स्स्स, आह, ओह, कितना गर्म है तेरा मुँह, चूत से भी नरम… आहा, ऐसे ही कसकर पकड़।” सोहम नीचे झुका और नीटू के स्तनों को जोर-जोर से मसलने लगा। उसकी निप्पल्स को चुटकी में लेने लगा। उसकी गोटियाँ नीटू के गालों पर टकराने लगीं। नीटू के मुँह से पचक-पचक की आवाजें आने लगीं। कुछ देर बाद सोहम ने अपना लंड नीटू के मुँह से निकाला। नीटू बोली, “क्या हुआ? अच्छा नहीं लगा?” सोहम ने नीचे झुककर उसका चुम्बन लिया और बोला, “बहुत अच्छा लग रहा है। कमाल का लग रहा है। अब मैं लेटता हूँ और तू बैठकर चूस।” नीटू उठकर बैठते हुए बोली, “क्यों रे?” सोहम बोला, “झड़ते वक्त अगर मुझसे आवेग नहीं रुका तो मैं लंड तेरे मुँह में दबाकर रखूँगा और तुझे गुदमराहट होगी।”

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सोहम लेट गया और नीटू ने उसका लटकता लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। पाँच मिनट बाद सोहम बोला, “मम्मी, मैं झड़ने वाला हूँ। तू अब सिर्फ सिरा मुँह में रख। मेरा झड़ना शुरू हो तो मेरा वीर्य जोर से चूसकर अपने मुँह में खींच ले।” नीटू ने सोहम के लंड का सिरा मुँह में लिया और जोर से चूसने लगी। सोहम पागल की तरह उसके स्तनों को दबा रहा था। दो मिनट में सोहम ने अपने वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ना शुरू किया। नीटू चूस-चूसकर उसका वीर्य अपने मुँह में ले रही थी। उसने उसका लंड थोड़ा और मुँह में लिया और वीर्य खींचने लगी। उसके मुँह के किनारों से सोहम का वीर्य बाहर टपकने लगा। सोहम ने उसके स्तनों को अपनी मुट्ठियों में जोर से कस लिया। आखिरकार सोहम का झड़ना बंद हुआ और नीटू ने उसका लंड मुँह से छोड़ा। वह जल्दी से उठी और बाथरूम में चली गई। जब वह वापस रूम में आई तो उसके एक हाथ की हथेली में सोहम का वीर्य था।

सोहम ने पूछा, “ये क्या?” नीटू बोली, “तेरा वीर्य। सचमुच इसे चीक ही कहना चाहिए। कितना दूधिया और गाढ़ा है। मुझे ऐसा फिर से करना पसंद आएगा। लेकिन पहले चोदना और फिर मुँह से।”

नीटू फिर बाथरूम गई और हाथ धोकर आई। वह सोहम के बगल में लेटते हुए बोली, “मैंने थोड़ा निगल भी लिया!” सोहम बोला, “तू कमाल है। तूने पहले कहा था कि दो-चार बार मुँह से किया था, लेकिन मुँह में झड़वाया था क्या?” नीटू बोली, “जानबूझकर नहीं झड़वाया, लेकिन एक बार चोदते वक्त ऋषि जल्दी झड़ गया और उसका वीर्य मेरे मुँह में आ गया। लेकिन बहुत कम था। और उसका वीर्य पतला था। तेरे जैसा गाढ़ा चीक जैसा नहीं था।”

दस मिनट बाद नीटू सोहम से बोली, “अब तेरे मन की हो गई। मुझे भी अच्छा लगा। अब खाना खाएँ?” सोहम बोला, “खाना तो खाएँ ही… अब पेट की भूख मिटानी पड़ेगी।” नीटू उठकर खड़ी हुई और कपड़े पहनने लगी। सोहम बोला, “कपड़े क्यों पहन रही है? नंगे ही अच्छे से खा लें। यहाँ देखने वाला कौन है?” नीटू बोली, “मैंने आज तेरी सारी बात मानने का फैसला किया है। चल मेरे साथ। ऐसे ही खाएँगे।” दोनों डाइनिंग रूम में खाने बैठे। उन्होंने खाना शुरू किया और…

डैड की इजाजत से मम्मी को चोदा – भाग 4

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