नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मेरा एक दोस्त है, जिसकी बड़ी बहन का नाम आरती है। दोस्त की बहन दिखने में बहुत सेक्सी है, उसका फिगर 32-34-38 है, जो मुझे बाद में पता चला। उसकी मटकती गांड मुझे शुरू से बहुत सेक्सी लगती थी, लेकिन अपने दोस्त की दोस्ती की वजह से मैं चुप रहता था और कुछ कर नहीं पाता था। मैं उनके घरवालों का मुझ पर भरोसा तोड़ना नहीं चाहता था, लेकिन मैं सब भूलकर उसे बहुत जोर से चोदा और उसे बहुत मज़ा दिया।
दोस्तों, यह बात आज से करीब 5 साल पहले की है और मैं आपको यह घटना विस्तार से बता रहा हूँ। मैंने पिछले कुछ सालों से ऐसी कहानियाँ पढ़कर बहुत मज़ा लिया है और मुझे यह करने में बहुत आनंद आता है।
दोस्तों, मैं अपने उस दोस्त के घर बार-बार जाता था। उसके घरवाले मुझे बहुत अच्छा इंसान समझते थे और आरती भी मुझे बहुत अच्छा मानती थी, क्योंकि मैं उस वक्त वैसा ही था जैसा वे मुझे समझते थे। हम दोनों बहुत अच्छे से एक-दूसरे के साथ रहते और बात करते थे, लेकिन उस वक्त मैंने उसके साथ कुछ करने की तो दूर, उसके बारे में बुरा सोचा भी नहीं था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं आरती के साथ ऐसा कुछ करूँगा, क्योंकि वह मेरे दोस्त की बड़ी बहन थी।
दोस्तों, आरती की एक सहेली थी, जो मुझे बहुत पसंद करती थी। मुझे भी यह बात पता थी, लेकिन मैं उस लड़की पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था। इस बात पर आरती मुझसे कहती थी कि तू मेरी सहेली से एक बार बात कर ले, लेकिन मैं साफ मना कर देता था।
फिर धीरे-धीरे मैं और आरती करीब आने लगे। आरती पहले से ही एक लड़के से प्यार करती थी, लेकिन उस लड़के के साथ उसका कुछ ठीक नहीं चल रहा था। इस वजह से वह धीरे-धीरे मेरे करीब आने लगी। मुझे भी उसके साथ अच्छा लगने लगा और इस तरह हम दोनों बहुत करीब आ गए। हमारे बीच मज़ाक बहुत बढ़ गया था। अब तो हमारे बीच डबल मीनिंग वाली बातें और जोक्स भी होने लगे थे, जो हम दोनों अच्छे से समझते थे। मैं उसे कई बार डबल मीनिंग वाले जोक्स सुनाता था और वह भी हँसकर मेरा साथ देती थी। मुझे भी उसके साथ मज़ा करके बहुत खुशी मिलती थी।
एक दिन मैं किसी काम से अपने दोस्त के घर गया। वहाँ मेरा दोस्त और उसके घरवाले नहीं थे, सिर्फ़ उसकी सेक्सी बहन अकेली बैठी थी। उसे देखना, उससे बात करना और मिलना मुझे बहुत पसंद था। मैं उसके प्यार में पागल हो गया था और मुझे यह बात धीरे-धीरे समझ आने लगी थी।
मैंने उससे पूछा कि बाकी घरवाले कहाँ गए हैं। उसने बताया कि उसके चाचा की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई है, इसलिए सब वहाँ गए हैं और अब वह घर में अकेली है। हम दोनों बैठकर बात करने लगे और मैंने उसके चाचा की तबीयत के बारे में पूछा।
तभी अचानक उसे कुछ हुआ और वह मेरे बहुत करीब आ गई। उसने मेरे साथ बहुत अजीब व्यवहार शुरू किया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे अचानक क्या हुआ और अब मैं क्या करूँ। उसके हाव-भाव से लग रहा था कि उसे कुछ चाहिए, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं उससे दूर चला गया और कुछ देर बाद अपने घर आ गया। लेकिन दोस्तों, उसके इस व्यवहार से मुझे यकीन हो गया कि वह मुझसे बहुत प्यार करने लगी है और उसे मुझसे कुछ चाहिए।
अब हम दोनों और करीब आ गए थे। मुझे बहुत बुरा लगा कि मैंने उसके साथ कुछ क्यों नहीं किया। लेकिन मैंने मन में ठान लिया कि अगर उसने फिर से मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया, तो मैं भी वैसा ही करूँगा। मैं अब ऐसी किसी मौके की तलाश में था। लेकिन कई दिन बीत गए और ऐसा कुछ नहीं हुआ। फिर एक दिन वह मौका आ गया, जिसका मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।
उस दिन मैं अपने दोस्त के घर गया। वहाँ सब लोग थे। मैंने वहाँ जाकर आरती की छेड़खानी शुरू की। उसने भी मुझे कुछ कहा और मैं उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ा। वह भागते-भागते एक दूसरे कमरे में चली गई, जहाँ कोई नहीं था। मैंने उसे पीछे से ज़ोर से पकड़ा, लेकिन वह मेरे हाथ से छूटकर मेरे सामने आई और मेरी बाहों में आकर मुझसे चिपट गई।
उसने अपने पूरे शरीर को मेरे हाथों में ढीला छोड़ दिया था। मैंने भी इस मौके का फायदा उठाया और उसके रसीले गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे ज़ोर से किस करने लगा। वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। हमने करीब पाँच मिनट तक किस किया और फिर मैं उससे अलग हुआ।
दोस्तों, उस वक्त जो हो रहा था, उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। शायद वह मेरी ज़िंदगी का पहला किस था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मैं पागल हो गया था। लेकिन वह अनुभव बहुत खूबसूरत था। अब हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। हम रात को फोन पर देर तक सेक्स की बातें करने लगे थे।
जब भी मुझे मौका मिलता, मैं उसके बूब्स दबाता था। लेकिन घर खाली न होने की वजह से हम ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे, सिर्फ़ किस करते और मैं उसके कपड़ों के ऊपर से उसके बूब्स दबाता और उसकी चूत की गर्मी महसूस करता था।
दोस्तों, फिर एक दिन वह मौका आ गया, जिसका मैं बहुत दिनों से इंतज़ार कर रहा था। उस दिन मेरे घरवाले किसी काम से बाहर गए थे। मैंने बीमार होने का बहाना बनाकर घर पर रहने का फैसला किया। मेरे घरवाले मुझे छोड़कर चले गए।
मैंने तुरंत आरती को फोन किया और उसे सब कुछ बता दिया। मैंने उसे मेरे घर आने को कहा। वह यह सुनकर बहुत खुश हो गई और बोली, “तू मुझे जब भी बुलाएगा, मैं तेरे घर आने को तैयार हूँ।”
उसके मुँह से यह सुनकर मैं और खुश हो गया। अगले दिन सुबह मेरे घरवाले बाहर चले गए। उनके जाने के 3-4 घंटे बाद मैंने आरती को फोन किया और कहा कि तू 11 बजे तक मेरे घर आ जा। उसने कहा, “ठीक है, मैं 11 बजे तक पहुँच जाऊँगी।” मैंने भी कहा, “ठीक है,” और उसका इंतज़ार करने लगा। मैं टीवी देखने लगा। तभी डोरबेल बजी। मैं उठा और बाहर देखा तो आरती दरवाजे पर खड़ी थी।
दोस्तों, उसे देखकर मैं पागल हो गया और उसे बस देखता रहा। वह हल्के से मुस्कुराई और बोली, “क्या तू मुझे अब अंदर भी बुलाएगा या सारा दिन मुझे बाहर खड़ा करके ऐसे ही देखता रहेगा?” मैं थोड़ा घबराया और बोला, “हाँ, आ जा ना, अंदर आ।”
दोस्तों, वह इतनी खूबसूरत लग रही थी कि मैं बयान नहीं कर सकता। मेरी नज़र उसके भरे हुए शरीर से हटने को तैयार नहीं थी। मैं आज उसे चोदकर अपनी सारी इच्छाएँ पूरी करना चाहता था और उसे भी बहुत सुख देना चाहता था। मैंने उसे अंदर बुलाया और फटाक से दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने उसका हाथ पकड़ा, उसे अपनी ओर खींचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया।
वह बोली, “ज़रा कंट्रोल कर, मेरे राजा। मैं आज पूरी तरह सिर्फ़ तेरी हूँ। तू जो चाहे मेरे साथ कर ले, मैं तुझे कुछ नहीं कहूँगी।” मैंने उसे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया। मैंने उसे सोफे पर बिठाया। हम दोनों बैठकर बात करने लगे। बात करते-करते मैं धीरे-धीरे उसके और करीब गया और उसे किस करने लगा। मैं उसके होंठ पकड़कर उसे चूम रहा था और उसकी छाती दबा रहा था। उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया। दोस्तों, क्या नज़ारा था! उसकी काली ब्रा में उसका गोरा-गोरा शरीर और उसके बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे। उसके बूब्स का साइज़ शायद 32 होगा। मैंने उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबाना शुरू किया। वह भी मेरे साथ मज़े लेने लगी और मैं उसे किस भी कर रहा था।
उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे ऊपर आ गई। वह जोश में मेरी गर्दन और पीठ पर किस करने लगी। वह धीरे-धीरे नीचे गई और मेरी पैंट उतार दी। उसने अपनी पैंट भी उतार दी। अब वह सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी।
उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरी पैंट उतार दी। वह मेरी चड्डी के ऊपर से मेरा लंड दबाने लगी। उसने चड्डी उतारी और मेरा लंड सहलाने लगी। मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था। कुछ देर लंड दबाने के बाद वह मेरे ऊपर चढ़ी और मेरे होंठ चूसने लगी। मैं उसके सामने पूरी तरह नंगा था। मैंने उसे लिटाया और मैं ऊपर आ गया। मैं उसके होंठ चूसने लगा। वह भी मेरा साथ दे रही थी। मेरा एक हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरा उसकी चूत रगड़ रहा था।
वह मेरे सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थी। उसकी चूत एकदम साफ थी। उसने कहा, “मेरी चूत और बूब्स चूसकर सारा रस निकाल दे।” मैं दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा। वह ओह्ह राहुल उम्म्म छ्छ्ह की आवाज़ें निकाल रही थी। मैंने उसके बूब्स मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था। कुछ देर उसके बूब्स चूसने के बाद मैं उसके पैरों के बीच आया और उसकी चूत पर मुँह रखकर चाटने लगा। उसने पैर फैलाए और अह्ह उम्म्म येस्स्स ओह्ह येस्स्स की आवाज़ें निकालने लगी। वह बोली, “राहुल, ज़ोर से चाट, और ज़ोर से! फाड़ दे मेरी चूत। आज फाड़ दे इसे। इसे मत छोड़, खा जा इसे। इसकी खुजली मिटा दे।”
उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चूत पर दबाया। वह बहुत गर्म हो गई थी। मैंने बिना देर किए अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डालकर चोदना शुरू किया। मैं एक तरफ लंड से चूत चोद रहा था और दूसरी तरफ उसके बूब्स मुँह में लेकर चूस रहा था।
वह चिल्लाने लगी—अह्ह अह्ह ओह्ह उम्म्म, और ज़ोर से, येस्स्स, और ज़ोर से! मैं आने वाली हूँ। फाड़ दे मेरी चूत। मैंने 5-6 धक्के मारे और हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ा। मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ा और उसके ऊपर लेट गया। कुछ देर बाद मेरा लंड फिर तन गया।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत में उंगली डालने लगा। मैं दो उंगलियों से उसकी चूत चोदने लगा। वह अह्ह ओह्ह उम्म्म की आवाज़ें निकाल रही थी। फिर मैंने उसकी चूत में जीभ डाली और चाटने लगा। वह अह्ह ओह्ह उम्म्म कर रही थी और मैं मज़े से उसकी चूत चाट रहा था।
वह आईईईई येस्स कर रही थी। वह अपनी गांड ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे करके अपनी चूत मेरी जीभ से चटवा रही थी। उसने मेरा सिर अपनी चूत पर ज़ोर से दबाया।
कुछ देर बाद वह अकड़ गई और उसने पानी छोड़ा। वह बोली, “अह्ह, अब बस कर, प्लीज़, अब मुझे चोद।”
लेकिन मैं कुछ देर रुका और उसे किस करने लगा। मैं उसके बूब्स दबाने लगा। इससे वह थोड़ी शांत हुई। मैंने फिर एक धक्का मारा, लेकिन इस बार वह चिल्ला नहीं पाई, क्योंकि मैंने उसका मुँह दबा रखा था।
करीब 10 मिनट चोदने के बाद उसने पानी छोड़ा। लेकिन मुझे अभी वक्त था। मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना शुरू किया। वह आनंद से चिल्लाने लगी—ठोक मुझे, ठोक, प्लीज़, और ज़ोर से ठोक, उम्म्म ओह्ह येस्स्स फक मी, फक हार्ड, येस्स्स ओह्ह उम्म्म, चोद मुझे, ज़ोर से चोद।
फिर मैंने उसे नीचे किया और ऊपर लेट गया। मैंने उसके पैर अपने कंधों पर रखे और मेरा लंड उसकी चूत पर रखा। मैंने एक धक्के में लंड अंदर डाला। मैं उसे लगातार 15 मिनट तक चोदता रहा और मैंने सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया। फिर हम कुछ देर वैसे ही पड़े रहे। अब उसकी शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी हैं। मैंने उसकी शादी के बाद भी उसे कई बार चोदा और उसने मुझे कभी मना नहीं किया।
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