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प्यासी बहन की चुदाई की कहानी-1

मेरी बड़ी बहन सेक्स की बहुत प्यासी थी। यह बात मेरे दोस्त ने मुझे बताई। मेरी बहन उसके भाई से सेट थी और उससे चुदवाती थी। मैं भी अपनी बहन की चुदाई करना चाहता था।

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम अजय है, और मैं उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है। मैं एक निजी कंपनी में नौकरी करता हूँ।

मेरी बहन का नाम रीना है, और वो 28 साल की है। रीना दीदी बहुत सीधी-सादी है। अब उसकी शादी हो चुकी है।

यह कहानी 4 साल पुरानी है, जब रीना दीदी 24 साल की थीं और मैं 22 साल का था। अब ज्यादा समय न लेते हुए मैं कहानी शुरू करता हूँ।

मुझे शुरू से ही चुदाई का शौक था, लेकिन कोई लड़की मिलती नहीं थी। मेरी दीदी के साथ सेक्स करने की इच्छा मुझे बहुत पहले से थी। हम दोनों पढ़ाई के लिए शहर में रहते थे। हमने एक कमरा किराए पर लिया था। मम्मी-पापा गाँव में रहते थे।

हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। दीदी फाइनल ईयर में थीं, और मैं सेकंड ईयर में। हम दोनों खूब बातें और मस्ती करते थे। जब दीदी हँसती थीं, तो मन करता था कि उसी वक्त उनके मुँह में अपना लंड डाल दूँ। मैं हर रात उनके नाम पर मुठ मारता था।

मैं दीदी को चोदने के लिए तड़प रहा था।

एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी दीदी के साथ सेक्स की इच्छा पूरी हो गई।

रीना दीदी रात को मुझसे कहकर घर से निकलती थीं कि उन्हें अपनी सहेली के साथ रात भर पढ़ाई करनी है। लेकिन असल में वो अपनी सहेली के घर नहीं, बल्कि अपने बॉयफ्रेंड के घर जाती थीं और उसके साथ सेक्स करती थीं।
यह बात मुझे मेरे दोस्त ने बताई। मेरा दोस्त मेरी दीदी के बॉयफ्रेंड का भाई था। मेरे दोस्त का नाम विनोद था।

उसने मुझे ये बात इसलिए बताई, क्योंकि पहले वो भी मेरी दीदी के साथ सेक्स करता था।
लेकिन कुछ दिन पहले उसके भाई ने उससे कहा, “मैं रीना से शादी करना चाहता हूँ, इसलिए अब तुम उससे दूर रहो।”
यह सुनकर विनोद को बहुत बुरा लगा। जब उसने अपने भाई से कहा कि एक आखिरी बार उसे मज़ा लेने दे, तो उसके भाई ने उसे बहुत मारा।

यह सब सुनकर मुझे गहरा सदमा लगा। मैं सोचने लगा कि मेरी दीदी इतनी बड़ी रंडी है। मैंने विनोद को तो कुछ नहीं कहा, लेकिन मुझे उसके भाई और रीना दीदी पर बहुत गुस्सा आ रहा था। मैं हमेशा से दीदी की सील तोड़ना चाहता था, लेकिन मुझसे पहले किसी और ने उनकी सील तोड़ दी थी। मेरे दोस्तों को पता था कि मेरे दिल में दीदी के लिए ऐसी भावनाएँ हैं, क्योंकि मैं उनसे दीदी को चोदने की बातें करता रहता था।

तब मैंने, विनोद और अपने बाकी दोस्तों ने मिलकर एक योजना बनाई। अगली बार जब दीदी अपने बॉयफ्रेंड के घर जाएँगी, विनोद उनकी सेक्स की वीडियो बनाएगा। फिर मैं उस वीडियो को दीदी को दिखाकर उन्हें चुदाई के लिए ब्लैकमेल करूँगा।

उस दिन मैं घर गया और दीदी से ज्यादा बात नहीं की। इससे उन्हें कुछ शक हुआ।

दो दिन बाद रात को जब मैं घर लौटा, तो दीदी कहीं जाने की तैयारी कर रही थीं। मैंने पूछा, “दीदी, तुम कहाँ जा रही हो?”
उन्होंने कहा, “मैं अपनी सहेली पूजा के घर पढ़ाई के लिए जा रही हूँ। तेरे लिए खाना बना रखा है, खा लेना।”
यह कहकर दीदी जल्दी में निकल गईं।

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मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया, जो पास ही रहता था। मैंने उसे दीदी का पीछा करने को कहा। उसने दीदी का पीछा किया और मुझे फोन करके बताया कि दीदी अपने बॉयफ्रेंड अंकित के साथ कार में बैठकर चली गईं।

मैंने विनोद को फोन किया और बताया कि दीदी और उसका भाई निकल चुके हैं। विनोद ने जल्दी से अंकित के कमरे में जाकर कैमरा लगा दिया।
बाकी तो आप समझ ही गए होंगे कि क्या होने वाला था।

सुबह विनोद ने मुझे वो वीडियो भेजी। दीदी को देखकर मैं दंग रह गया। उनकी बॉडी कमाल की थी, बिल्कुल रंडी जैसी लग रही थीं।

उस दिन दीदी अंकित के घर से सीधे कॉलेज गई थीं। मैं कॉलेज नहीं गया। मैं रात की तैयारी कर रहा था। मैंने स्ट्रॉबेरी फ्लेवर के डॉटेड कंडोम खरीदे, ताकि दीदी को मज़ा आए।

शाम 5 बजे दीदी घर आईं। मैं उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ, लेकिन चेहरा गुस्से वाला रखा। दीदी कमरे में आईं, और इससे पहले कि वो कुछ बोलतीं, मैंने उन्हें अपने पास बुलाया और फोन पर वो सेक्स वीडियो दिखा दी।
दीदी वीडियो देखकर डर गईं।

मैंने कहा, “दीदी, ये क्या है? मम्मी-पापा ने तुम्हें यहाँ इसके लिए भेजा है?”
दीदी बोलीं, “ये वीडियो तुम्हारे पास कहाँ से आई?”
मैंने कहा, “विनोद ने दी है। उसने मुझे सब बता दिया।”
यह सुनकर दीदी बहुत डर गईं और रोने लगीं।

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रीना दीदी बहुत भोली हैं। वो जल्दी किसी की बातों में आ जाती हैं। इसीलिए वो अंकित और विनोद के साथ सेक्स के लिए तैयार हो गई थीं। मैंने भी उनके इस भोलेपन का फायदा उठाया।

मैंने कहा, “मैंने तो सोचा था कि तुम बहुत शरीफ हो और कभी झूठ नहीं बोलतीं। लेकिन तुम मुझसे झूठ बोलकर अंकित के साथ ये सब करती हो?”
दीदी रोते हुए बोलीं, “अंकित ने कहा था कि जब भी मैं तुम्हें लेने आऊँ, तो तुम रमेश को ऐसा ही बोल देना।”
तब मुझे यकीन हो गया कि अंकित ने दीदी के भोलेपन का पूरा फायदा उठाया है।

मैंने कहा, “मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है। मैं अंकित को मार डालूँगा और पापा को सब बता दूँगा।”
हमारे पापा बहुत गुस्सैल हैं। अगर उन्हें ये पता चलता, तो वो दीदी को सचमुच मार डालते।

दीदी बहुत डर गईं और रोते हुए बोलीं, “ऐसा मत करना, अजय। पापा मुझे और अंकित को मार डालेंगे। मैं अंकित से बहुत प्यार करती हूँ।”
मैंने थोड़ी एक्टिंग की और कहा, “नहीं दीदी, मैं सुबह गाँव जा रहा हूँ और पापा को सब बता दूँगा।”
दीदी मेरे पैर पकड़कर बोलीं, “नहीं अजय, प्लीज़, ऐसा मत करना।”
दीदी का रो-रोकर बुरा हाल था।

तब मैंने वो बात कह दी, जो मैं करना चाहता था। मैंने कहा, “दीदी, मैं एक शर्त पर मानूँगा। अगर तुम वो मान लो, तो तुम और अंकित बच जाओगे।”
दीदी ने तुरंत हाँ बोल दिया और कहा, “ठीक है, जो कहोगे, वो करूँगी।”
मैंने कहा, “अंकित और मेरी कसम खाओ कि तुम मना नहीं करोगी।”
दीदी बोलीं, “मैं कसम खाती हूँ।”

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मैंने हिम्मत करके कहा, “जो तुमने अंकित और विनोद के साथ किया, वो मेरे साथ भी करना होगा।”
दीदी ने हैरानी से मुझे देखा और बोलीं, “क्या मतलब है तेरा?”
मैंने कहा, “देखो दीदी, मैं भी जवान हूँ। मेरी भी इच्छाएँ हैं। मैं अपनी प्यास बुझाना चाहता हूँ।”

दीदी गुस्से में बोलीं, “ये क्या कह रहा है, अजय? मैं तेरी बहन हूँ। मैं तुझसे ऐसा नहीं करूँगी। तुझे ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे हुई?”

इससे पहले कि दीदी और बोलतीं, मैंने गुस्से में कहा, “तुम बाहर किसी और से चुदवाती हो, क्या ये मैं बर्दाश्त करूँ?”
लेकिन दीदी मानने को तैयार नहीं थीं।

मैंने फिर याद दिलाया, “दीदी, तुमने अभी अंकित और मेरी कसम खाई थी, उसका क्या?”
दीदी थोड़ा डर गईं।

मैंने देखा कि मेरी बातों का असर हो रहा है। मैंने और समझाया, और आखिरकार दीदी मान गईं।
लेकिन दीदी बोलीं, “अगर अंकित को पता चला, तो वो मुझसे शादी नहीं करेगा।”
मैंने कहा, “अंकित को कैसे पता चलेगा? तुम चिंता मत करो।”
दीदी बोलीं, “विनोद को तो सब पता है। अगर उसने बता दिया?”

तभी मेरे दिमाग में एक तरकीब आई।
मैंने कहा, “दीदी, एक रास्ता है, जिससे विनोद अंकित को कुछ नहीं बताएगा।”
दीदी बोलीं, “क्या रास्ता?”
मैंने कहा, “विनोद ने मुझे इसलिए बताया, क्योंकि तुम दोनों ने उसे चुदाई से मना कर दिया। अगर तुम उसे 1-2 बार मज़ा दे दो, तो उसका गुस्सा खत्म हो जाएगा।”

दीदी सोच में पड़ गईं और मना करने वाली थीं, तभी मैंने कहा, “दीदी, सिर्फ़ 1-2 बार की बात है।”
मजबूरी में दीदी ने सेक्स के लिए हाँ कर दी।

मैंने तुरंत दीदी को पीछे से पकड़ लिया। लेकिन दीदी ने मेरे हाथ हटाए और दूर हो गईं। बोलीं, “अजय, ये ठीक नहीं है। हम भाई-बहन हैं।”
मैंने कहा, “दीदी, कुछ नहीं होगा। इससे हम और करीब आ जाएँगे।”
लेकिन दीदी नहीं मानीं और बोलीं, “मुझे अच्छा नहीं लग रहा।”

अब मुझे गुस्सा आ गया। मैंने कहा, “दीदी, अब चाहे जो कह लो, मैं तुम्हारी चूत मारकर ही रहूँगा। अगर मैं पापा को सब बता दूँ, तो तुम्हारे और अंकित के लिए अच्छा नहीं होगा। मेरी बात मान लो, यही तुम्हारी भलाई है।”

दीदी समझ गईं और मेरी ओर मुड़ गईं। मैं बहुत खुश हो गया। मैंने दीदी को ज़ोर से गले लगाया। दीदी के स्तन मेरी छाती से टकरा रहे थे। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।
मैंने दीदी की गर्दन पर चूमा, फिर गालों और होंठों तक चूमता रहा। वो एहसास बयान नहीं कर सकता। मैं जैसे स्वर्ग में था।

दीदी अभी भी पूरे मन से साथ नहीं दे रही थीं। लेकिन होंठों पर चुम्बन से वो मदहोश होने लगीं। मैंने 10 मिनट तक उन्हें चूमा।

फिर मैंने दीदी को गोद में उठाया, उनके चूतड़ों को पकड़कर बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया।
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरा 7.5 इंच का लंड दीदी के सामने था।

दीदी मेरे लंड को देखकर शरमा गईं।
मैंने पूछा, “दीदी, क्या अंकित का भी इतना बड़ा है?”
दीदी बोलीं, “हाँ… लेकिन विनोद का इससे छोटा है।”

यह सुनकर मुझे लगा कि दीदी अब खुल रही हैं। मैंने दीदी को खड़े होने को कहा। फिर मैंने उनकी कमीज़ उतारी। दीदी के स्तन ब्रा में छुपे थे। मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी। दीदी के स्तन मेरे सामने थे। वो बहुत बड़े नहीं थे, लेकिन मेरे लंड ने उन्हें देखकर सलामी दे दी।

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मैंने पूछा, “दीदी, तुम्हारे स्तन ज्यादा बड़े नहीं हैं। ऐसा क्यों?”
दीदी शरमाते हुए बोलीं, “अंकित और विनोद सिर्फ़ मेरी चूत पर ध्यान देते हैं। उन्हें स्तनों से ज्यादा लगाव नहीं।”
मैंने कहा, “दीदी, चिंता मत करो। मैं तुम्हारे स्तनों को पहाड़ जैसा बड़ा कर दूँगा।”

मैंने दीदी को लिटाया और उनके चूचों को ज़ोर-ज़ोर से मरोड़ने लगा। मैं उनके चूचों को पागलों की तरह चूसने लगा। मैं इतना मदहोश था कि दीदी को दर्द होने लगा। वो “आ… आह…” करने लगीं। उनकी सिसकारियाँ सुनकर मुझे और मज़ा आ रहा था।

दीदी को मज़ा भी आ रहा था, लेकिन दर्द भी हो रहा था। वो बोलीं, “अजय, ये क्या कर रहा है? थोड़ा धीरे कर… बहुत दर्द हो रहा है।”
मैं उनके चूचों से हट गया।

मैंने देखा कि दीदी रो रही थीं, और उनके चूचे लाल हो गए थे।
दीदी ने अपने चूचों को पकड़कर रोते हुए कहा, “तू जानवर है क्या? तुझे पता है मुझे कितना दर्द हुआ?”
मैंने कहा, “माफ कर दो, दीदी। मैं तुम्हें देखकर पागल हो गया था। अब धीरे करूँगा।”
दीदी बोलीं, “नहीं, चूचों में बहुत दर्द है। अब कुछ और कर।”

मैंने तुरंत अपने लंड को हाथ में पकड़ा और दीदी के मुँह के सामने रख दिया।
मैंने इशारा करते हुए कहा, “इसे चूसो।”

दीदी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और अपने होंठों पर रखा। मेरे मुँह से “आह…” निकल गई। दीदी ने पूरा लंड मुँह में लिया और अंदर-बाहर करके चूसने लगीं।
मैंने कहा, “दीदी, क्या चूस रही हो! और तेज़ चूसो!”

दीदी ने रफ्तार बढ़ा दी।

15 मिनट तक चुसवाने के बाद मैं इतना मग्न हो गया कि मैंने दीदी के मुँह में ही वीर्य छोड़ दिया। दीदी ने झट से मेरा लंड मुँह से निकाला और वीर्य थूक दिया।
दीदी गुस्से में बोलीं, “ये क्या किया, अजय? आधा वीर्य मैंने पी लिया। ये ठीक नहीं हुआ।”
मैंने कहा, “माफ कर दो, दीदी। मैं चुसवाने में मस्त हो गया था। मुझे याद ही नहीं रहा कि बाहर झड़ना चाहिए।”

दीदी बोलीं, “अब क्या होगा? अगर मैं गर्भवती हो गई तो?”
मैंने कहा, “दीदी, चिंता मत करो। इससे कुछ नहीं होगा।”
दीदी बोलीं, “ठीक है, लेकिन अब नीचे करते वक्त ध्यान रखना।”
मैंने कहा, “हाँ, ध्यान रखूँगा।”

दोस्तों, आगे की कहानी में और मज़ा आएगा। मेरे साथ बने रहिए और अगली कहानी में पढ़िए कि मैंने और मेरे दोस्तों ने रीना दीदी को कैसे चोदा।

प्यासी बहन की चुदाई की कहानी-2

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