हेलो दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है और मैं जालंधर का हूँ। मेरी उम्र 22 साल है और मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ। यह माँ की मस्त चुदाई कहानी एक आंटी की है, जो मेरे एक दोस्त की माँ है। यह घटना आज से 8 महीने पहले की है और अभी भी चल रही है।
दोस्तों, मेरे क्लास में मेरी एक दोस्त है, प्रीत, जो मेरे साथ पढ़ती है। वह दिखने में अच्छी है, लेकिन मैंने उसे कभी बुरी नज़र से नहीं देखा। मैंने हमेशा उसे दोस्त के रूप में ही देखा। हम अच्छे दोस्त थे, इसलिए मेरा उसके घर आना-जाना था। सच कहूँ तो मैं पहली बार उसकी माँ को देखकर आकर्षित हो गया था। उनकी उम्र 40 साल है, लेकिन वे ऐसी नहीं लगतीं, और फिगर में प्रीत भी मस्त है। प्रीत थोड़ी मोटी है, लेकिन उनकी माँ का फिगर 36-32-38 है। वे एकदम मस्त आइटम हैं। मैं अब उनकी माँ को पटाने का मौका ढूँढने लगा था। मैं बार-बार उनके घर जाने लगा। समय बीतता गया, लेकिन मेरी तरफ से कोई प्रगति नहीं हो रही थी और मैं बस रोज़ मुठ मारता था। मैं रोज़ उनकी माँ को सोचकर मुठ मारकर सो जाता था।
अब मैं सिम्मी आंटी से ज़्यादा बात करने लगा था और बिना किसी कारण उनकी तारीफ करता था, जिससे वे शरमा जाती थीं। धीरे-धीरे मैं उनके साथ खुलकर बात करने लगा। अब वे मुझसे पूछने लगीं कि कॉलेज में मेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं। मैंने कहा, नहीं आंटी। तो वे बोलीं, क्यों?
मैंने कहा कि मुझे अपनी उम्र की लड़कियाँ पसंद नहीं हैं, मुझे औरतें ज़्यादा पसंद हैं। वे एकदम हैरान हो गईं और बोलीं, तुझे कैसी-कैसी आदतें हैं रे? मैंने कहा, जो है सो है, अब क्या करें। फिर उन्होंने मुस्कुराकर पूछा कि तुझे औरतों में ऐसा क्या दिखता है? मैंने कहा, आप खुद से पूछिए। तो वे बोलीं, बता ना प्लीज़।
मैंने कहा कि मुझे औरतों के स्तन और उनकी गांड बहुत आकर्षित करते हैं। वे हँसकर बोलीं, पागल कहीं का, कुछ भी बोलता है। फिर मैं अपने घर चला गया। दो दिन बाद मैं प्रीत के घर गया, तब वह घर पर नहीं थी। मैं उनके घर में गया और प्रीत को पुकारने लगा, लेकिन कोई आवाज़ नहीं आई। मुझे नल की आवाज़ सुनाई दी और मैं समझ गया कि आंटी बाथरूम में हैं। मैं सीधा बाथरूम में चला गया। उन्होंने मुझे देखा और उनका मुँह खुला रह गया क्योंकि वे पूरी तरह नंगी थीं और बाथटब में थीं।
मैंने कहा, सॉरी आंटी, मुझे लगा कि किसी ने बाथरूम का नल खुला छोड़ दिया है। फिर मैं उन्हें ऊपर से नीचे तक देखता रहा। मेरा लंड तन गया था। मुझे लग रहा था कि मेरा लंड पैंट फाड़कर उनकी चूत में घुस जाएगा। उनके बड़े-बड़े स्तन, उफ्फ्फ। फिर मैं बाहर आकर बैठ गया। वे एक साधारण गाउन पहनकर बाहर आईं और मुझसे बोलीं कि जो तूने देखा, प्लीज़ किसी को मत बताना।
मैंने कहा, इट्स ओके आंटी। फिर मैंने कहा, क्या मैं एक बात कहूँ? वे बोलीं, हाँ, बता ना। मैंने कहा कि आप बहुत सुंदर हैं, खासकर जब आप बिना कपड़ों के थीं। वे शरमा गईं और सिर झुका लिया। मैंने सोचा कि यह अच्छा मौका है, आज इसे नहीं छोड़ूँगा। मैं उनके पास गया, उनका चेहरा ऊपर उठाकर उनके होंठों पर चुम्बन करने लगा। लेकिन उन्होंने मुझे झटके से हटाया और बोलीं, तू यह क्या कर रहा है? मैं कुछ नहीं बोला। फिर मैंने उन्हें दीवार से सटाया और चूमने लगा। अब उनके गले से कोई आवाज़ नहीं निकल रही थी और वे धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगी थीं।
अब वे मेरे बाल ज़ोर से पकड़कर मुझे चूमने लगी थीं। मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था। मैंने उन्हें उठाकर प्रीत के कमरे में ले गया और उनका गाउन उतार दिया। मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उन्हें चूमने लगा। वे आह… उम्म्म… स्स्स… उम्म्म… आह… की आवाज़ें निकालने लगीं। फिर मैंने उनके स्तन अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। दोस्तों, क्या बताऊँ, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे स्वर्ग मिल गया हो।
फिर मैं उनकी निप्पल चाटने लगा। वे स्स्स… उम्म्म… कर रही थीं और अपने हाथ से मेरा सिर अपने स्तनों पर दबा रही थीं। मैंने उनके स्तन 20 मिनट तक चूस-चूसकर लाल कर दिए। फिर मैं उनकी नाभि चाटने लगा। आह, क्या मज़ा आ रहा था, मुझे उस वक्त स्वर्ग में होने का एहसास हो रहा था।
फिर मैं नीचे आया और उनकी चूत पर अपना मुँह रखकर अपनी जीभ से चाटने लगा। वे अब पागल हो गई थीं और उनका शरीर काँपने लगा था। मैंने अपनी जीभ और अंदर डाली और वे तड़पने लगीं। मैंने बहुत ज़ोर से उनकी चूत चाटी। अचानक उन्होंने अपने दोनों पैरों से मेरा सिर पकड़ा और मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया। फिर उन्होंने ज़ोर से पानी छोड़ दिया और मेरा पूरा मुँह उनके पानी से भर गया। वे एकदम ढीली हो गईं। फिर मैंने उन्हें नीचे बिठाया और मेरा लंड उनके मुँह में डाल दिया। वे धीरे-धीरे मेरा लंड चूसने लगीं। मैंने उनके सिर को पकड़कर एक ज़ोर का धक्का दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उनके मुँह में चला गया और वे चिल्ला भी नहीं सकीं।
उनके आँखों से पानी निकलने लगा। फिर वे सामान्य हुईं और मैं उनके बाल पकड़कर उनके मुँह को चोदने लगा। अब वे मेरा पूरा लंड मुँह में लेने लगी थीं। 15 मिनट में मैंने उनके मुँह में अपना पानी छोड़ दिया। फिर मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनके पैर फैलाकर उनकी चूत में मेरा लंड डाला। मेरा लंड कुछ इंच ही गया होगा कि वे आह… कर उठीं। फिर मैंने कुछ देर बाद एक झटका दिया और मेरा पूरा 9 इंच का लंड अंदर डाल दिया। वे दर्द से चिल्लाने लगीं और 2 मिनट बाद सामान्य हुईं। फिर वे अपनी गांड उठाकर ठुकवाने लगीं। मैं उनके स्तन दबाते हुए उन्हें ठोक रहा था और वे आवाज़ें निकाल रही थीं।
अब हम दोनों पसीने से पूरी तरह भीग गए थे। मैंने उन्हें 5 मिनट तक ठोका और फिर मैं नीचे लेट गया। मैंने उन्हें अपने ऊपर बिठाया और ठोकने लगा। अब वे भी अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी थीं। मैं धीरे-धीरे उनके स्तन चूस रहा था और अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी। उन्हें भी मज़ा आने लगा था। 15 मिनट ठोकने के बाद उन्होंने कहा कि उनका निकलने वाला है और मैंने कहा कि मेरा भी निकलने वाला है। फिर मैंने उन्हें नीचे लिटाया और उनके मुँह पर अपना पानी छोड़ दिया। कुछ देर वैसे ही लेटे रहने के बाद हमने नहाया। अब जब भी मैं उनके घर जाता हूँ, उन्हें ठोककर देता हूँ।
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