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बहन की बेटी को चोद कर प्यास बुझायी

नमस्ते दोस्तों, मैं अपनी सगी बहन की बेटी, अपनी भांजी, के साथ सेक्स की सच्ची बहन की बेटी को चोद कर प्यास बुझायी कहानी साझा कर रहा हूँ।

कुछ समय पहले मेरी भांजी कुछ दिन के लिए हमारे घर आई थी। वो देखने में बहुत आकर्षक थी। मैंने उसे पहले कभी इस नज़र से नहीं देखा था। लेकिन एक दिन मैंने नोटिस किया कि वो मुझसे बहुत बातें कर रही थी और मेरी पत्नी के साथ बातचीत के दौरान बार-बार मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी।

मेरे परिवार में मैं, मेरी पत्नी और मेरा बेटा है। मेरी पत्नी खुले विचारों वाली है और सेक्स को लेकर खुलकर बात करती है। वो मुझसे कहती थी कि अगर मैं किसी और को चोदूँ, तो उसे देखकर मज़ा आएगा।

एक सर्दी की शाम को मैं, मेरी पत्नी और भांजी एक बिस्तर पर कंबल ओढ़कर बातें कर रहे थे। मेरा पैर गलती से भांजी की टाँगों से टकराया। पहले मुझे लगा कि ये मेरी पत्नी की टाँगें हैं, लेकिन बाद में पता चला कि ये भांजी की थीं। उसने कोई विरोध नहीं किया, बल्कि अपनी जाँघ मेरे पैर से और सटा दी।

यहाँ से मेरे मन में उसके लिए विचार बदल गए। मैंने उसकी जाँघ को सहलाना शुरू किया, और वो मुस्कुराने लगी। थोड़ी देर बाद हम सोने की तैयारी करने लगे। मेरा बेटा मेरी पत्नी के बगल में सो रहा था।

मैंने मजाक में कहा- सर्दी बहुत है, कोई मुझे भी पास सुला लो।
पत्नी ने हँसते हुए कहा- मैं तो नहीं, अपनी भांजी से पूछ लो।
भांजी बोली- मामाजी, मैं कब मना कर रही हूँ? सोना ही है, मेरे पास आ जाओ।

मैं तुरंत उसके बेड पर लेट गया और लाइट बंद कर दी। मेरी पत्नी समझ चुकी थी कि मैं उसका मज़ा लूँगा।

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करीब 10-15 मिनट बाद, मुझे लगा कि भांजी सो गई है। वो पीठ मेरी तरफ किए थी। मैंने पीछे से सटकर उस पर हाथ रखा। उसने कोई विरोध नहीं किया। मैं उससे पूरी तरह सट गया। मेरा लंड खड़ा होकर उसके चूतड़ों की दरार से लग रहा था। वो चुप रही।

मैंने हिम्मत करके उसका मम्मा पकड़ा। गोल-गोल, कड़े बूब्स थे। मैंने उसके सूट के अंदर हाथ डालकर नंगे मम्मों को सहलाया। उसका कोई विरोध न देखकर मैंने उसे सीधा किया और उसकी कुर्ती ऊपर करके दोनों मम्मे नंगे कर दिए। मैंने एक मम्मा मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मैं समझ गया कि वो जाग रही है और मज़ा ले रही है।

मैंने उसकी सलवार में हाथ डाला। उसकी चूत पूरी गीली थी। मैंने सोचा कि वो कुंवारी है, और बेटा भी कमरे में सो रहा है, तो पूरा खेल यहाँ नहीं हो सकता। मैंने उसकी चूत को उंगली से सहलाया।

जब वो पूरी गर्म हो गई, मैंने उसके कान में कहा- बगल वाले कमरे में चलते हैं।
वो तुरंत उठकर दूसरे कमरे में चली गई। मैं भी पीछे गया। वहाँ बिस्तर लगाया और खिड़की हल्की खुली छोड़ दी, ताकि मेरी पत्नी भी देख सके।

कमरे में मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। हम दोनों ने कपड़े उतार दिए और पूरी तरह नंगे हो गए। उसका कामुक बदन, गोल कड़े मम्मे और फूली हुई चूत देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया। उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, और वो गुलाबी पाव रोटी जैसी लग रही थी।

मैंने उसे चित लिटाया और उसके मम्मों को फिर चूसने लगा। वो मादक सिसकारियाँ ले रही थी। मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोली- मामाजी, बहुत मज़ा आ रहा है, आगे करो ना।

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मैंने उसकी टाँगें फैलाईं। उसकी गीली चूत को उंगलियों से चौड़ा किया और जीभ से चाटना शुरू किया। वो उछल पड़ी। मैंने जीभ अंदर डालकर चाटा। उसकी चूत का नमकीन पानी और कोरेपन की खुशबू मुझे मस्त कर रही थी। वो मेरे सिर को चूत पर दबा रही थी।

उसने कहा- मामाजी, अब बर्दाश्त नहीं होता, कुछ करो!

मैंने कहा- मेरी प्यारी भांजी, मेरे लंड को भी चाट कर मज़ा दो।
उसने तुरंत मेरा लंड मुँह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। 5 मिनट बाद उसने कहा- मामाजी, बहुत मोटा है, मेरा मुँह दुख रहा है, अब नीचे करो।

मैंने उसे सीधा लिटाया, टाँगें चौड़ी कीं और लंड का सुपारा चूत के मुँह पर सेट करके हल्का धक्का मारा। सुपारा अंदर गया। उसने कहा- हल्का दर्द हो रहा है।
मैंने समझाया- थोड़ा दर्द होगा, फिर मज़ा आएगा। चीखना नहीं।
उसने सहमति दी।

मैंने उसका एक मम्मा चूसते हुए लंड को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया। उसे पीड़ा हो रही थी। मैंने लंड को हल्का आगे-पीछे किया, तो उसका दर्द कम हुआ और वो गांड उछालने लगी।

फिर मैंने लंड बाहर खींचकर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में जड़ तक समा गया। मैंने उसके होंठ दबा लिए, जिससे उसकी कराहट दबी रही। उसकी सील टूट चुकी थी।

मैं उसके ऊपर लेटा रहा और मम्मे चूसने लगा। वो नॉर्मल हुई, तो मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। उसकी सिसकारियाँ शुरू हो गईं। मैं समझ गया कि वो अब मज़ा ले रही है। मैंने स्पीड बढ़ाई और चुदाई शुरू कर दी।

हम दोनों मज़े में डूब गए। मैंने लंड बाहर निकाला, तो उस पर हल्का खून लगा था। मैंने लंड और उसकी चूत साफ की, फिर दोबारा चुदाई शुरू की।

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खिड़की से देखा, तो मेरी पत्नी हमारी चुदाई देख रही थी और मज़ा ले रही थी। मैं भांजी से बातें करते हुए चोद रहा था। वो खुलकर लंड-चूत की बातें कर रही थी।

उसने कहा- मामाजी, मेरे शरीर में ऐंठन हो रही है, कुछ हो रहा है।
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। उसने मुझे कसकर जकड़ा और चिल्लाई- जोर से चोदो, मुझे कुछ हो रहा है!
वो शांत हो गई। मैंने लंड बाहर निकाला।

मैंने उसे कपड़े पहनाकर दूसरे कमरे में भेजा और पत्नी को बुलाया। पत्नी नंगी होकर आई और बोली- मैं तुम्हारी चुदाई शुरू से देख रही हूँ। मेरी चूत गीली है।
मैंने उसकी चूत चाटी और लंड डालकर चुदाई की। मैं उसकी चूत में झड़ गया।

तभी भांजी वापस आई और मेरे झड़े लंड को चूस लिया। पत्नी ने उसे बिस्तर पर लिया। इसके बाद मैंने भांजी से शुरू करके पत्नी तक थ्रीसम किया। बहुत मज़ा आया।

उसके बाद मैं, मेरी पत्नी और भांजी रोज़ चुदाई का मज़ा लेने लगे। ये सिलसिला अभी भी जारी है, क्योंकि भांजी की शादी नहीं हुई है।

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