कुछ महीने पहले की बात है, मैं उस समय 18 साल का था और बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। मुझे नौकरी करने का बहुत शौक था। इससे मुझे कुछ पैसे मिलते थे और पढ़ाई के साथ-साथ मेरा थोड़ा मनोरंजन भी हो जाता था।
मैं सेल्स, प्रमोशन और ऐसे ही कुछ छोटे-बड़े काम करता था।
एक दिन मैंने अखबार में एक विज्ञापन पढ़ा और उसमें दिए गए नंबर पर फोन किया। उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं वहाँ पहुँचा और मुझे पता चला कि वह काम किसी और को दे दिया गया था। मैं निराश होकर वहाँ से निकला और मैंने देखा कि मेरे सामने एक स्कोडा गाड़ी खड़ी थी। मुझे गाड़ियों का भी शौक है, इसलिए मैंने उस गाड़ी की ओर देखा और फिर आगे चलने लगा।
मैं थोड़ा और आगे चला था कि मैंने देखा कि वही स्कोडा गाड़ी फिर से मेरे सामने खड़ी थी।
मैं गाड़ी के पास पहुँचा तो गाड़ी की खिड़की नीचे हुई और मुझे एक आवाज़ सुनाई दी, “हाय गाय, सुनो।”
मैंने देखा तो गाड़ी में एक 19-20 साल की लड़की थी। उसने मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया और पूछा, “तुम नौकरी के लिए आए थे?”
मुझे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन मैंने हाँ कहा।
उसने पूछा, “तो तुम्हें नौकरी मिली?”
मैंने सिर हिलाकर ना कहा और बोला, “नहीं।”
उसने पूछा, “मेरे पास काम करोगे?”
मैंने कहा, “हाँ, लेकिन काम क्या है?”
वह बोली, “गाड़ी में बैठो, मैं तुम्हें बताती हूँ कि काम क्या है।”
मैं थोड़ा डर गया, लेकिन मुझे स्कोडा में बैठने का मौका गँवाना नहीं था, इसलिए मैं गाड़ी में बैठ गया।
वह मुझे लेकर अपने घर पहुँची, माफ करना, बंगले में पहुँची।
उसके बंगले में मुझे कम से कम चार नौकर दिखे। मैं देखता ही रह गया। इतने नौकर होने के बाद भी उसे और नौकर की ज़रूरत क्यों थी? मैं सोचता रहा।
इतने में वह बोली, “यह मेरा कॉलेज का दोस्त है, मेरे कमरे में दो जूस भेजो।” और वह मुझे अपने कमरे में ले गई। उसने मुझसे सीधे-सीधे पूछा, “क्या तुम वर्जिन हो?”
मैंने पूछा, “क्या?”
उसने पूछा, “कभी सेक्स किया है?”
मैंने कहा, “नहीं।”
इतने में एक नौकर जूस लेकर आया और दे कर चला गया।
वह बोली, “काम बहुत आसान है। हफ्ते में दो बार मेरी एक दोस्त के साथ सेक्स करना है। मैं तुम्हें हर महीने एक हज़ार दूँगी।”
मैं देखता रह गया। फिर वह बोली, “चलो, बारह सौ देती हूँ, लेकिन तुम तैयार हो?”
मैं जूस पीते हुए सोचने लगा कि यह सब क्या है? फिर मेरे मन में ख्याल आया कि एक बार देखता हूँ कि क्या होता है?
मैंने हाँ कहा और पूछा, “तुम्हारी दोस्त कौन है और कहाँ है?”
वह हँसी और बोली, “मेरी दोस्त नहीं, मैं ही हूँ।”
वह दिखने में बहुत सुंदर थी। उसके स्तन बड़े थे और उसने खुद को बहुत अच्छे से सँभाला हुआ था।
उसने मुझसे पूछा, “डेमो नहीं दिखाओगे?” और उसने मुझे बेड पर धकेल दिया। उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसने मेरी ओर एक नज़र डाली, मेरे लंड को चूमा और उसे मुँह में लेकर चूसने लगी।
एक-एक करके उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे होंठों से लेकर लंड तक चूमने लगी।
मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके स्तनों के साथ खेलने लगा, उसके स्तन दबाने लगा। वह मुँह से आवाज़ निकालने लगी। मैंने उसका स्कर्ट हटा दिया और उसकी चिकनी चूत पर हाथ फेरने लगा। वह “उम्म्म… उफ्फ्फ… येस्स्स” की आवाज़ करने लगी। उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया और मेरा लंड हाथ में लेकर बोली, “अब मुझे शांत कर दे।”
फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर धक्का मारा।
वह जोर से चीखी, “आई… ग्ग्ग… मर गई मैं।”
फिर मैंने और कुछ धक्के मारे और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब वह मज़ा लेने लगी। हम काफी देर तक ऐसा करते रहे।
जब मैं पानी छोड़ने वाला था, तो मैंने उससे कहा।
वह बोली, “मुझे चखना है।”
और वह मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। मैंने उसके मुँह में वीर्य छोड़ दिया। फिर मैं वहाँ से निकला तो उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया और कुछ पैसे भी दिए।
हमने आगे क्या-क्या किया, वह तुम मेरी दूसरी कहानी में पढ़ना।
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