खट…खट…खट… निर्देशक कुणाल राणा कैमरे के पीछे से चिल्लाए… नाराज होकर वे आगे आए और निशांतकुमार की ओर जाते हुए बोले… अरे, ये क्या कर रहा है तू… तुझे बताया ना, जोर से… गले लग… पूरी तरह जोश के साथ…
आपने जैसा कहा, वैसा ही गले लगाया ना… निशांतकुमार ने कहा…
अरे, देख, ऐसा… हिंदी में बोलते हुए कुणाल राणा आगे बढ़े… और उन्होंने नायिका की भूमिका निभा रही अनुषा की छाती को दोनों हाथों से अपनी छाती से टकराया और उसके कमर के हिस्से को अपनी कमर के हिस्से से टकराया… देखा… हमारे शरीर एक-दूसरे में कैसे जकड़े हैं… ऐसा जोरदार गले लगाना…
इस गले लगाने की हड़बड़ी में अनुषा की कमर से छाती तक आए हुए पतले सफेद पंचे का कपड़ा थोड़ा नीचे सरक गया और उसके तांबूस रंग की झलक वाले उन्नत स्तन और स्तनाग्र, क्योंकि नीचे कोई कपड़ा नहीं था, खुल गए… उस समय सेट पर मौजूद कई लोगों की धड़कन बढ़ गई, लेकिन कुछ हुआ ही नहीं जैसे भाव से अनुषा ने उस कपड़े को फिर से छाती पर लाकर अपने स्तन ढक लिए और बिना शर्माए वह दोबारा शॉट देने के लिए तैयार हो गई…
निर्देशक कुणाल राणा सुबह से एक झरने के नीचे अपने फिल्म के एक गाने की शूटिंग कर रहे थे… अनुषा… फिल्म की नायिका… कमर पर लपेटा हुआ और वहां से छाती तक आया हुआ सफेद पतला पंचा सुबह से अपने बदन पर ओढ़े हुए थी… बेहद गोरी, गहरी आंखें, भरी हुई छाती, मजबूत जांघें, लाल होंठ, तराशी हुई भौंहें, लंबे बाल और मध्यम कद वाली अनुषा मुश्किल से बीस साल की अभिनेत्री थी… उसे इस फिल्म से ही कुणाल राणा ने मौका दिया था… कुणाल राणा हिंदी फिल्म उद्योग में बड़ा नाम थे… उनका अपना प्रोडक्शन हाउस था… स्टूडियो था… बॉलीवुड में वे शोमैन के रूप में मशहूर थे… उनकी फिल्म में काम करने का मौका पाने के लिए हर कोई तड़पता था… अनुषा को यह मौका मिला, इसलिए कई लोग उससे जलन करते थे… लेकिन उसे यह मौका आसानी से नहीं मिला था… इस भूमिका के लिए करीब सौ शॉर्टलिस्ट की गई अभिनेत्रियों में से उसका चयन हुआ था… उसके साथ अन्य दस लड़कियों की अभिनय क्षमता की परीक्षा लेने के बाद कुणाल राणा ने अपने आलीशान स्टूडियो के ऑफिस में अनुषा को साक्षात्कार के लिए बुलाया था…
आप हमारी पहली पसंद हैं… सामने बैठी अनुषा से राणा ने कहा…
धन्यवाद सर… अनुषा ने कहा…
लेकिन यह काम बहुत मांग वाला है… क्या आप सभी मांगें पूरी कर सकती हैं… अपनी तीखी हरी-सी आंखें अनुषा पर टिकाते हुए राणा ने पूछा…
सर, आप जो चाहेंगे, मैं वह सब करूंगी… अनुषा ने राणा तक अपनी मंशा पहुंचाई…
क्या कह रही हो… बड़ी जोशीली हो… राणा अपने होंठ दबाते हुए बोले… आपको… इस काम के लिए सबसे अच्छा भुगतान मिलेगा, लेकिन इस किरदार के लिए आपको बोल्ड होना पड़ेगा…
हां सर, मैं समझ सकती हूं… अनुषा ने कहा…
शरीर का प्रदर्शन करना पड़ता है…
हां सर… मुझे पता है…
तो एक काम करो… सामने जो मंच है, वहां जाओ… और सारे कपड़े उतारकर नंगी खड़ी हो जाओ… चेहरा पूरी तरह भावशून्य रखते हुए और आंखें अनुषा की छाती पर टिकाते हुए राणा ने साफ-साफ कहा…
अनुषा ने अपनी पर्स एक तरफ रखी और वह सीधे मंच की ओर चली गई… और बदन पर मौजूद छोटी काली मिडी, भीतर की पतली लाल पैंटी, और लाल ब्रेसियर उतारकर वह नग्न अवस्था में खड़ी हो गई… अनुषा का शरीर तराशा हुआ था… उसका चेहरा जितना सुंदर था, उतना ही उसका शरीर भी सुंदर था… कमल के फूल का नाजुक डंठल जैसी उसकी गर्दन चेहरे से कंधों तक जुड़ी दिखती थी… बांहें और हाथ बेहद नाजुक लेकिन तराशे हुए थे… छाती पर दो उभरे हुए हिस्से… एक बड़े सेब जितने बड़े, उभरे, सख्त, गोल और गुलाबी थे… स्तनाग्र तो मानो गुंजा के दो लाल-छोटे मोती थे… उनके चारों ओर का वृत्त स्तन के रंग से थोड़ा गहरा लेकिन स्तनाग्र से थोड़ा हल्का गुलाबी था… उसके स्तन पूरी तरह अछूते थे… यानी आज तक किसी ने उन्हें छुआ नहीं था… यह उनके आकार और उनकी सख्ती से साफ था… स्तन के नीचे पेट का हिस्सा बिल्कुल सपाट था… और उस पर बटन के आकार की छोटी लेकिन आकर्षक नाभि थी… वहां से उसका पेट पतला होता हुआ आगे उसकी पतली कमर बन गया था… इस पतली कमर पर उसने अपने भारी स्तन का भार संभाला था… कमर से नीचे नजर घुमाई तो उसके नितंब का गोल उभार स्पष्ट दिखाई देता था… उसके नितंब की गोलाई ऐसी थी मानो किसी ने हाथ से तराशा हो, बिल्कुल चिकनी थी… उस पर एक भी उबड़-खाबड़ रेखा नहीं थी… क्योंकि उसका चेहरा राणा की ओर था, इसलिए उन्हें पीछे से नितंब कितने और कैसे मजबूत हैं, यह नहीं दिख रहा था… लेकिन नितंब की गोलाई के आगे मौजूद उसकी मांसल मजबूत जांघें और उन जांघों के बीच की बिना बालों वाली चूत स्पष्ट दिख रही थी… वहां से नीचे तक उसकी पिंडलियां और पैर… केले के गाभे जैसे चिकने और आकर्षक थे…
राणा ने मंच पर स्पॉटलाइट चालू किया और अपना कैमरा ऑन करके उसके नग्न शरीर को कैमरे में कैद करने लगे…
कुणाल राणा ने उसके कुछ फोटो और वीडियो लिए… फिर वे मंच के पास आए और अनुषा से बोले… मैं अपनी नायिकाओं के प्रति बहुत अधिकार भाव रखता हूं… मैं अपनी नायिका को बहुत करीब रखता हूं… जब तक आप मेरी नायिका हैं, मैं आपका मालिक हूं… आपको मेरी पत्नी बनकर रहना होगा… क्या यह आपको मंजूर है… राणा ने बिना पलक झपकाए अनुषा की आंखों में सीधे आंखें डालकर कहा…
सर, मैं आपकी नायिका हूं और आपकी मांग मुझे मंजूर है… अनुषा अपने नग्न शरीर का संकोच न करते हुए राणा की नजर से नजर मिलाकर बोली…
बहुत अच्छा… बहुत समझदार हो… चलो, अब हम जश्न मनाते हैं… ऐसा कहते हुए राणा अनुषा की ओर बढ़े और उसके नाजुक नग्न शरीर को अपनी मजबूत दोनों बांहों में समेट लिया कर उन्होंने उसका लंबा चुम्बन लिया… एक हाथ से उसके स्तन दबाते और दूसरे हाथ से उसके नितंब के उभार को सहलाते हुए वे बोले… अनु… अब फिल्म रिलीज होने तक तुम मेरी हो… मेरी रहोगी… मेरी इजाजत के बिना तुम्हें कुछ नहीं करना है… अगर तुम मेरी बात मानोगी तो तुम बॉलीवुड पर राज करोगी… अभी तुम कपड़े पहन लो… और हम समझौता हस्ताक्षर करेंगे…
अनुषा ने कपड़े पहने और वह राणा की मेज के सामने बैठ गई… राणा ने समझौते के कागज आगे किए… अनुषा ने कागज पढ़े बिना ही जरूरी जगहों पर हस्ताक्षर कर दिए…
आपने समझौता नहीं पढ़ा… राणा ने पूछा…
सर, अब मैं आपकी हूं… और आपकी रहूंगी… अब समझौते में क्या लिखा है, इससे मुझे कोई मतलब नहीं है… मुझे बस आपकी फिल्म में काम चाहिए… अनुषा ने कहा…
राणा ने समझौते के कागज लिए, उसके सभी हस्ताक्षरों पर नजर डाली और उसके सामने एक चेक रखते हुए बोले… यह एक करोड़… तुम्हारी साइनिंग राशि… तुम्हारा कुल पारिश्रमिक पांच करोड़ है… राणा ने कहा… अनुषा को यह अपेक्षित था… राणा उसके काम, शरीर और समर्पण की इतनी कीमत देते हैं, यह उसे पता था, इसलिए वह इस काम के लिए तैयार हुई थी…
कल हम स्क्रिप्ट पर चर्चा करने के लिए मॉरीशस जाएंगे… सुबह की उड़ान के लिए तैयार रहना… हां, और फिल्म पूरी होने तक तुम्हें हमारे मनोरी द्वीप के बंगले में रहना है… वहां तुम्हारे लिए पूरी व्यवस्था है… कुछ चाहिए तो वहां के केयरटेकर को बताना… तुम्हारे लिए बाहर ड्राइवर के साथ बीएमडब्ल्यू कार है, सिर्फ तुम्हारे लिए… इसका इस्तेमाल करो…
धन्यवाद सर, आप बहुत दयालु हैं… ऐसा कहते हुए अनुषा फिर से राणा के पास गई और उन्हें गले लगाकर उनके गाल का चुम्बन लिया… इस हरकत से राणा बहुत खुश हुए और उसके नितंब पर थपकी मारते हुए बोले… ठीक है… कल सुबह हवाई अड्डे पर मिलते हैं…
मॉरीशस के आलीशान होटल के टॉप फ्लोर का पूरा सुइट राणा ने बुक किया था… वहां स्विमिंग पूल, बार, मिनी थिएटर जैसी सारी सुविधाएं थीं… इस सुइट में सिर्फ राणा और अनुषा रहने वाले थे… शाम को सुइट में घुसने के बाद राणा ने अनुषा से कहा… चलो, थोड़ा स्विमिंग करते हैं… ठीक है… तुम्हारे लिए सामने की अलमारी में बिकिनी रखी है…
हां सर… जरूर… ऐसा कहते हुए अनुषा सामने की अलमारी की ओर गई, जहां लाल रंग की बेहद छोटी चड्डी और उतनी ही छोटी ब्रेसियर रखी थी… उसने राणा के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और पैरों से वह छोटी चड्डी चढ़ाई… इस चड्डी में सिर्फ उसकी चूत ढकी थी, बाकी सब खुला था। ब्रेसियर की भी वही हालत थी… सिर्फ स्तन के निपल्स ढके थे… बाकी उभार खुले थे… वह ब्रेसियर इतनी टाइट थी कि उसके स्तन उभरकर और ऊपर आ गए थे… उसे इन दो छोटे-से कपड़ों में देखकर राणा ने हल्की-सी सीटी बजाई और उन्होंने भी अपने सारे कपड़े उतारकर सिर्फ चड्डी रखी और अनुषा की कमर में हाथ डालकर उसे अपनी बाहों में लेते हुए स्विमिंग पूल की ओर ले गए…
स्विमिंग पूल में उतरने के बाद राणा ने तैरना शुरू किया… दो-चार हाथ मारकर वे अनुषा के पास आए, जो पूल के कोने में खड़ी थी… चलो, अंदर तैरते हैं, ऐसा कहते हुए उन्होंने अनुषा का हाथ पकड़ा और उसे पानी में खींच लिया… और उसे अपनी छाती पर लेकर वे पीठ के बल तैरने लगे… राणा की गोरी और भूरे बालों वाली छाती पर लेटने के बाद अनुषा थोड़ा घबराई… वह भले ही सिनेमा अभिनेत्री बनने की ख्वाहिश रखती थी, लेकिन उसके शरीर को पुरुष का शरीर इस तरह कभी नहीं टकराया था… राणा की भरी हुई गोरी छाती पर उसके अर्ध-खुले स्तन रगड़ रहे थे, जबकि उनका थोड़ा ढीला, गोल-मटोल पेट उसे सुखद स्पर्श का अहसास दे रहा था… राणा की जांघें अनुषा की जांघों से टकरा रही थीं… अनुषा को पुरुष के ऐसे स्पर्श की बिल्कुल आदत नहीं थी… इसलिए वह थोड़ा संकोच कर रही थी… उसका यह संकोच देखकर राणा बोले… अरे, रिलैक्स रहो… तुम्हें अभी बहुत कुछ सीखना है… और मैं सिखाऊंगा… मेरे साथ चिपकी रहो… ऐसा कहते हुए राणा ने उसे और जोर से जकड़ा और उसके होंठ अपने होंठों में ले लिए… अनुषा जब ऑडिशन के लिए जाती थी, तब कई लोगों ने उसके साथ नजदीकी करने और उसका चुम्बन लेने की कोशिश की थी… लेकिन उसने उन्हें ठुकरा दिया था, इसलिए इतने जोशपूर्ण चुम्बन का यह उसका पहला अनुभव था… इस इंडस्ट्री में होने के बावजूद उसका कौमार्यभंग नहीं हुआ था… उसने ठान रखा था कि जब तक उसे कुछ ठोस नहीं मिलता, वह अपना कौमार्यभंग नहीं होने देगी… लेकिन कुणाल राणा जैसे शोमैन निर्म-निर्देशक ने उसे ब्रेक देने का फैसला किया, तो उसने अपने कौमार्य को लेकर जिद्दी न रहने का फैसला किया था… इस इंडस्ट्री में रहने का मतलब ऐसे सब कुछ करना पड़ता है, यह उसे पता था, लेकिन इसके लिए उसे भी वह चाहिए जो वह चाहती थी, इस बात पर वह दृढ़ थी। अब राणा ने उसे वह दे दिया था, इसलिए वह भी उसकी कीमत चुकाने को तैयार थी…
राणा ने अनुषा के होंठों को अपने होंठों में जोर से जकड़ा, तो उसने मन में उठे संकोच को झट से झटक दिया और अपने शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़कर उनके शरीर पर झुक गई… अपने दोनों हाथ राणा के गले में डालकर उसने अपने होंठ उनके मुंह में डाल दिए…
राणा ने अनुषा का मन भरकर चुम्बन लिया, फिर उसे गले लगाकर वैसे ही पानी में खड़े रहे और उन्होंने नीचे हाथ डालकर अनुषा की चड्डी खींचकर उतार दी और अपनी चड्डी भी उतारकर पानी के नीचे नग्न हो गए… फिर उन्होंने अनुषा को घुमाकर उसकी पीठ अपनी ओर की और पीछे से उसे जोर से गले लगाया… पीछे से होने वाला यह स्पर्श अनुषा के लिए पूरी तरह नया था… राणा ने फिर अपने हाथ पीछे से उसकी जांघों पर ले गए… इससे अनुषा एकदम कांप उठी… राणा के स्पर्श से ही उसके शरीर में सिहरन दौड़ गई… राणा ने बिना किसी जल्दबाजी के उसे हल्के-हल्के सहलाना शुरू किया… अनुषा को इस स्पर्श की आदत होने पर वह थोड़ा स्थिर हुई… अब अनुषा उत्तेजित होकर उसके मुंह से स्स…स्स… जैसी आवाजें निकलने लगीं… लेकिन उसने अपने चेहरे पर जरा भी नकारात्मक भाव नहीं आने दिया… अब उसने मन ही मन तय कर लिया था कि उसे राणा को पूरी तरह समर्पित होना है…
राणा को समझ आ गया था कि अनुषा इस खेल में पूरी तरह नई है… और उसका कौमार्यभंग नहीं हुआ है… इसलिए उन्होंने तय किया कि भले ही उसके मन में रोमांस की तैयारी हो गई हो, लेकिन धीरे-धीरे आगे बढ़ना है… उन्हें पता था कि बिल्कुल कुँवारी लड़कियां जल्दबाजी में घबरा जाती हैं और उनके मन में सेक्स के प्रति डर बैठ जाता है… इसलिए वे जो भी कर रहे थे, उससे अनुषा को आनंद मिलना चाहिए… तभी वह आगे उनका साथ देगी, यह उन्हें पता था… इसलिए उन्होंने उसके नितंब दबाना शुरू किया… इससे एक सुखद लहर अनुषा के शरीर में दौड़ गई… अब तक उसे लग रहा था कि जो कुछ भी हो रहा है, वह उसके पेशे की जरूरत है… लेकिन अब राणा उसे अच्छे लगने लगे… राणा कुछ ऐसा कर रहे थे जो उसे सुख दे रहा था और वह चाहती थी कि वे इसे करते रहें… उससे कम से कम 20 साल बड़े, गोरे, गहरी आंखों वाले और भरे हुए शरीर वाले राणा उसे अब बहुत पसंद आने लगे थे… उसे लगने लगा था कि उनके शरीर में उसका शरीर सुरक्षित है… राणा को भी कई सालों बाद एक कोमल, कच्ची ककड़ी चखने को मिली थी… उन्होंने भले ही कई स्त्री शरीरों का उपभोग किया हो, लेकिन इतना अछूता, मुश्किल से 20 साल का शरीर उन्होंने कई सालों में नहीं देखा था… अब जब यह उनके हाथ लगा था, तो उन्होंने तय कर लिया था कि इसका मनमुराद और चटखारे लेते हुए आनंद लेना है…
पानी में काफी देर तक अनुषा के नए और कोमल शरीर के साथ कामक्रीड़ा करने के बाद राणा ने अनुषा को अपनी दोनों बांहों में पकड़ा और हल्के से उसकी छाती पर अभी तक मौजूद ब्रेसियर की चिंदी को अपने दांतों से खींचकर उतार दिया… इससे अनुषा के सेब के आकार के स्तन पूरी तरह उघड़ गए…
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