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होटल में बॉयफ्रेंड के साथ चुदाई का मजा

ये मेरी कहानी होटल में बॉयफ्रेंड के साथ चुदाई का मजा. नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम रिया है। मेरे परिवार में मैं, मेरे मम्मी-पापा और मेरा बड़ा भाई अनिल हैं। हमारा परिवार साधारण है, लेकिन हम बहुत प्यार और खुशी से रहते हैं। मेरी मम्मी गृहिणी हैं, पापा का खुद का छोटा-सा व्यवसाय है, और अनिल एक बड़ी कंपनी में नौकरी करता है।

मैं भी एक अच्छी कंपनी में नौकरी करती हूँ, जो मेरे भाई ने मेरे लिए लगवाई थी। मैं और अनिल रोज सुबह साथ में ऑफिस जाते हैं और शाम को साथ लौटते हैं। मैं अपने आप को बहुत अच्छे से रखती हूँ। मैं खूबसूरत हूँ, मेरा फिगर बहुत आकर्षक है। मेरी गांड थोड़ी उभरी और सेक्सी है, जो चलते वक्त ऊपर-नीचे हिलती है। मेरी चूचियाँ बड़ी और भरी हुई हैं। मैं खाते-पीते घर से हूँ, इसलिए मेरा बदन गदराया और लुभावना है।

ऑफिस में लोग मुझे अक्सर घूरते रहते हैं। वहाँ मेरी एक सहेली बनी, जिसका नाम काव्या है। काव्या बहुत चालू और बिंदास लड़की थी। उसने ऑफिस में कई बॉयफ्रेंड बना रखे थे और उनसे खूब मजे लेती थी। हम दोनों जल्दी ही अच्छी सहेलियाँ बन गईं, और मैं उसके साथ खुलकर बात करने लगी। काव्या की बिंदास बातों से मैं भी धीरे-धीरे खुल गई।

ऑफिस में काव्या के साथ रहते हुए मेरी एक लड़के, रोहन, से बातचीत शुरू हुई। मेरे भाई को नहीं पता था कि मैंने ऑफिस में एक दोस्त बना लिया है। काव्या खुलकर अपनी चुदाई की कहानियाँ सुनाती थी, जिससे मेरे अंदर भी वासना जागने लगी।

एक रात मैं अपने कमरे में सो रही थी। अनिल के कमरे की लाइट जल रही थी। वो हमेशा लाइट बंद करना भूल जाता था। मैं उसकी लाइट बंद करने गई, तो खिड़की से देखा कि वो मोबाइल में पोर्न देखकर मुठ मार रहा था। मैं चुपके से बाहर आ गई। उसे देखकर मुझे भी पोर्न देखने का मन हुआ। मेरे फोन में पहले से ही पोर्न वीडियो थे, क्योंकि काव्या मुझे हमेशा ऐसे वीडियो भेजती थी। उसके बॉयफ्रेंड उसे पोर्न भेजते थे, और वो मुझे फॉरवर्ड कर देती थी। काव्या की संगत में मैं इतनी बिगड़ गई थी कि रोज रात को पोर्न देखकर और अपनी चूत में उंगली डालकर ही सोती थी।

काव्या के साथ मैं कभी-कभी अनिल से छुपकर घूमने चली जाती थी। काव्या मेरे घर से थोड़ी दूरी पर रहती थी और अपनी स्कूटी से आती थी। जब भी ऑफिस की छुट्टी होती, हम दोनों मुंबई के आसपास घूमने निकल जाते। मैं रोहन से भी फोन पर बात करती थी, और काव्या के कहने पर मैं उसके साथ घूमने जाने लगी।

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एक दिन हम दोनों घूमने गए। रोहन ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने को कहा। मैंने उस वक्त कुछ नहीं कहा, लेकिन अगले दिन काव्या से सलाह लेने के बाद मैंने हाँ कर दी। इसके बाद मैं और रोहन रोज बात करने लगे।

काव्या मुझे अपनी चुदाई की कहानियाँ सुनाती थी कि वो अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ कैसे मजे लेती है। उसकी बातें सुनकर मेरी चूत गीली हो जाती, और मुझे भी चुदवाने का मन करता। मैं उससे पूछती, “तू कैसे चुदवाती है?” वो सब कुछ खुलकर बताती। उसकी कहानियों ने मेरे अंदर की वासना को और भड़का दिया। मैं रोज रात को चूत में उंगली करती, लेकिन अब उंगली से मेरा मन नहीं भरता था। मुझे असली लंड से चुदवाने की तीव्र इच्छा होने लगी।

काव्या ने मुझे सुझाव दिया कि मैं रोहन के साथ होटल जाकर सेक्स करूँ। वो खुद अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ होटल में जाकर चुदवाती थी। एक दिन रोहन ने मुझे चूमते हुए कहा कि वो मेरे साथ सेक्स करना चाहता है। हम काफी समय से साथ थे, और मैं भी चुदवाने को तैयार थी। मैंने तुरंत हाँ कर दी। काव्या ने मुझे एक अच्छा होटल बताया, और हमने वहाँ जाने का दिन तय कर लिया। मैं बहुत उत्साहित थी कि आज मुझे लंड से चुदवाने का मौका मिलेगा। मैं उंगली करने से बोर हो चुकी थी, और अब लंड की सैर मेरी चूत को चाहिए थी।

उस दिन मैं और रोहन होटल गए। उसने एक रूम बुक किया। रूम में पहुँचते ही हम एक-दूसरे पर टूट पड़े। हमने जोश में एक-दूसरे को चूमना शुरू किया। वो मेरे होंठ चूमते हुए मेरी गांड को जोर-जोर से दबा रहा था। मैं भी उसका साथ दे रही थी। हमने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और पूरी तरह नंगे हो गए। मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि मेरी चूत से पानी टपक रहा था।

रोहन मुझे बिस्तर पर ले गया। उसने मेरी चूचियों को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरी चूचियों पर फिर रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। फिर उसने मेरी नाभि में अपनी जीभ डाली और उसे चूमने लगा। मैं और जोश में आ गई, “उम्म्ह… अहह… हय… ओह…” मेरी सिसकारियाँ रूम में गूँज रही थीं।

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उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रही थी, और मैं उसके बालों में उंगलियाँ फिराते हुए सिसकार रही थी। हम दोनों असली चुदाई के लिए बेकरार थे। रोहन ने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और आधा अंदर डाला। मुझे शुरू में थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन जब उसने धीरे-धीरे पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया, तो मैं जोर-जोर से सिसकारने लगी। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे ताकि मेरी आवाजें बाहर न जाएँ।

वो मुझे चूमते हुए कुछ देर रुका। जब मैं थोड़ा सामान्य हुई, तो उसने चुदाई शुरू कर दी। मैंने अपनी गांड उठा-उठाकर उसका लंड अपनी चूत में लिया। हम दोनों प्रेमी-प्रेमिका की तरह चुदाई में डूब गए। कभी हम एक-दूसरे को चूमते, तो कभी जोर से गले लगाते।

काव्या की बात मेरे दिमाग में थी। उसने कहा था कि चुदाई में बहुत मजा आता है, और सचमुच मुझे गजब का मजा आ रहा था। रोहन मेरी चूचियों को दबाते हुए मुझे चोद रहा था। मैं चुदास में डूबी उसका साथ दे रही थी, अपनी गांड हिलाकर उसके धक्कों का जवाब दे रही थी। कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। हमारा पानी निकला, और हम शांत होकर बिस्तर पर लेट गए।

थोड़ी देर बाद रोहन ने कॉफी ऑर्डर की। जब वेटर कॉफी लेकर आया, मैं बाथरूम में चली गई, क्योंकि मैं नंगी थी। रोहन ने वेटर को टिप दी, और वो चला गया। हमने आराम से कॉफी पी। होटल के रूम में एक बड़ा टीवी था। हमें रोमांटिक गाने पसंद हैं, तो हमने टीवी पर रोमांटिक गाने लगाए और देखने लगे।

हम दोनों नंगे थे। रोहन मुझे अपनी बाँहों में लेकर मेरी चूचियाँ दबा रहा था। कॉफी पीने और गाने देखने के बाद हम फिर गर्म हो गए। हमने एक-दूसरे को चूमना शुरू किया। मैं उसके होंठ चूस रही थी, और वो मेरे होंठ। हम दोनों जोश में डूबे थे। रोहन ने मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया, और मैंने उसका मोटा लंड पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया।

उसने मेरी चूत को फिर से चाटा और अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डालकर अंदर-बाहर करने लगा। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह… उई उई… आह!” मुझे फिर से चुदवाने का मन हो रहा था। उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला और जोर का धक्का मारा। मैं चीख पड़ी, लेकिन जल्द ही सिसकारियों में डूब गई। वो मेरी चूत को तेजी से चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा था, और मैं चुदास भरी आवाजें निकाल रही थी। मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उसका लंड पूरा ले रही थी।

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हमने पोजीशन बदली। मैं घोड़ी बन गई, और रोहन मेरे पीछे आया। उसने मेरी चूत को चाटा और फिर अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया। वो मेरी गांड को मसलते हुए मुझे चोद रहा था। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और वो मेरे कूल्हों को पकड़कर धक्के मार रहा था।

थोड़ी देर बाद हम फिर से झड़ गए। हमारा पानी निकला, और हम थककर बिस्तर पर लेट गए। इतनी जोरदार चुदाई के बाद हमें नींद आ गई, और कब सो गए, पता ही नहीं चला।

जब हम उठे, तो शाम हो चुकी थी। दो बार चुदाई करने के बाद मैं बहुत तृप्त महसूस कर रही थी। मैं बाथरूम गई, अपनी चूत को अच्छे से साफ किया, और कपड़े पहन लिए। रोहन भी जाग चुका था। उसने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और कपड़े पहने। हमने रूम में थोड़ी देर और बातें की, एक-दूसरे को गले लगाया।

फिर हम होटल से निकले। मैंने अपना चेहरा रुमाल से ढक लिया ताकि कोई पहचान न ले। हम एक पास के गार्डन में गए, जहाँ हमने कुछ देर बैठकर एक-दूसरे को चूमा और रोमांटिक बातें की। इसके बाद हम अपने-अपने घर चले गए।

मैंने अपनी होटल चुदाई की कहानी काव्या को सुनाई। वो सुनकर गर्म हो गई और अगले ही दिन अपने बॉयफ्रेंड के साथ होटल चली गई। अब हम दोनों सहेलियाँ अपनी चुदाई की कहानियाँ एक-दूसरे से शेयर करती हैं। हम साथ में ऑफिस में काम करती हैं। काव्या तो कई बॉयफ्रेंड बदल चुकी है, लेकिन मैं अभी रोहन के साथ ही हूँ और उसी से चुदवाती हूँ।

काव्या मुझे नया बॉयफ्रेंड बनाने की सलाह देती है। अगर मैंने कभी नया बॉयफ्रेंड बनाया, तो अपनी नई चुदाई की कहानी जरूर सुनाऊँगी।

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