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जबरदस्त फिगर वाली भाभी की चूत चुदाई

नमस्ते दोस्तों, ये मेरी पहली जबरदस्त फिगर वाली भाभी की चूत चुदाई सेक्स कहानी है, जो मेरी पड़ोसन भाभी की चुदाई की है। अगर कोई गलती हो जाए, तो कृपया माफ कर देना।

मेरा नाम अर्जुन है, और मैं जयपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में आकर्षक और अच्छे परिवार से हूँ। मुझे सेक्स कहानियाँ पढ़ने का बहुत शौक है, और ये कहानियाँ मुझे हमेशा उत्तेजित करती हैं।

ये बात तब की है, जब मैं कॉलेज में था। हमारे पड़ोस में एक मस्त भाभी रहती थीं, जिनका नाम नेहा था। उनके पति की नौकरी ऐसी थी कि वो सुबह जाते और रात को ही लौटते। नेहा भाभी का फिगर कमाल का था। उनके बूब्स भरे हुए, कमर पतली, और गांड इतनी उभरी हुई थी कि कोई भी उन्हें देखकर पागल हो जाए।

मैं जब भी भाभी को देखता, उनके नाम की मुठ मारता। मेरे और भाभी के बीच अच्छी बनती थी। वो अक्सर मुझे छोटे-मोटे काम के लिए बुलाती रहती थीं।

एक दिन भाभी ने मुझसे कहा, “अर्जुन, मुझे मार्केट जाना है। क्या तुम मुझे ले चलोगे?”

मैंने तुरंत हाँ कर दी, “क्यों नहीं भाभी, चलिए।”

उन्होंने कहा, “रुको, मैं पाँच मिनट में तैयार होकर आती हूँ।”

पाँच मिनट बाद उन्होंने मुझे आवाज दी, “चलो, मैं तैयार हूँ।”

मैंने मन में सोचा, ‘भाभी, आप आज तैयार हैं, लेकिन मैं तो कब से आपकी चूत चोदने को तैयार हूँ।’

ये सोचते हुए मैं बाहर आया और भाभी को देखने लगा। वो गजब की लग रही थीं। मुझे घूरता देख भाभी बोलीं, “क्या हुआ? ऐसे क्या देख रहे हो? मुझमें कोई कमी दिख रही है?”

मैंने जवाब दिया, “भाभी, आपमें कमी कहाँ? यही तो दिक्कत है, आप बिल्कुल परफेक्ट हो।”

मेरी इस फ्लर्टिंग पर भाभी हँस पड़ीं और बोलीं, “बस, ये मस्ती छोड़ो और जल्दी चलो। वापस भी आना है।”

भाभी मेरे पास आईं, और मैंने उन्हें बाइक के पीछे बैठने का इशारा किया। वो गांड उछालकर सीट पर बैठीं। बैठते वक्त उनका बदन मेरी पीठ से रगड़ा, और मुझे जोश चढ़ गया।

मैंने बाइक स्टार्ट की, और हम मार्केट की ओर चल पड़े। मार्केट में भाभी ने कुछ सामान खरीदा और अपने बेटे के लिए चॉकलेट ली। फिर हम घर की ओर लौटने लगे।

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रास्ते में भाभी ने पूछा, “अर्जुन, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?”

मैं थोड़ा शरमाया और बोला, “भाभी, ये क्या सवाल है?”

वो बोलीं, “शर्माने की क्या बात है? मुझे बता सकते हो।”

मैंने कहा, “नहीं भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।”

उन्होंने पूछा, “क्यों? कोई पसंद नहीं आई?”

मैंने जवाब दिया, “हाँ, आप ऐसा कह सकते हैं। अभी तक कोई मन-मुताबिक नहीं मिली।”

भाभी ने कहा, “कैसी चाहिए?”

मैंने हिम्मत करके कहा, “भाभी, मुझे आपके जैसी चाहिए। अभी तक आपके जैसी कोई मिली ही नहीं।”

वो हँसकर बोलीं, “अच्छा? मुझमें ऐसा क्या खास है?”

मैंने कहा, “भाभी, आपका सब कुछ खास है। भैया बहुत लकी हैं, जो उन्हें आप जैसी पत्नी मिली।”

भाभी ने इठलाते हुए कहा, “अच्छा जी? जरा बताओ, मुझमें ऐसा क्या खास दिखा?”

मैंने कहा, “छोड़िए भाभी।”

वो जिद करने लगीं, “नहीं, बता ना यार।”

मैंने हँसते हुए कहा, “आपका फिगर, आपका चेहरा, सब कुछ मस्त है।”

वो बोलीं, “अच्छा, तो मेरा फिगर मस्त लगता है?” और हँस पड़ीं।

तब तक हम घर पहुँच गए। भाभी ने कहा, “चलो, मेरा सामान अंदर रखवा दो।”

मैं सामान लेकर अंदर गया। सामान रखकर लौटने लगा, तो भाभी बोलीं, “रुक, चॉकलेट तो खा ले।”

मैंने कहा, “ठीक है भाभी, दे दीजिए।”

फिर मैंने कहा, “आप भी तो खाइए।”

वो मेरे पास आईं और चॉकलेट मेरे मुँह में रखकर अपने होंठ मेरे होंठों से मिलाकर चॉकलेट खाने लगीं। उनके ऐसा करते ही मेरी साँस रुक गई। मैं हैरान था, लेकिन चुपचाप उनका साथ देने लगा। उनके गर्म होंठों से मुझे जोश चढ़ने लगा।

पाँच मिनट बाद मैंने भी उन्हें चूमना शुरू किया। फिर भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर रखा और ब्लाउज के ऊपर से दबवाने लगीं। दस मिनट तक हम ऐसे ही चूमते और उनके मम्मे दबाते रहे। फिर भाभी की चुदास बढ़ गई, और वो बोलीं, “चल, बेडरूम में चलते हैं।”

मैं उनके साथ बेडरूम में गया। रूम में पहुँचते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उन्हें चूमने लगा। मैंने उनकी साड़ी उतार दी और ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूचियों को दबाने लगा। कुछ मिनट बाद मैंने उनका ब्लाउज और पेटीकोट खोल दिया। अब भाभी सिर्फ गुलाबी ब्रा और पैंटी में थीं।

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मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया। मैं उन्हें चूमते हुए उनकी चूचियाँ दबाने लगा। भाभी भी चुदास में डूब गई थीं। वो उठीं और अपनी ब्रा-पैंटी उतारकर फेंक दीं। फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। हम दोनों पूरी तरह नंगे हो गए। मेरा लंड तनकर आसमान छू रहा था।

भाभी बेड पर लेटकर बोलीं, “आजा मेरे राजा, मेरी जवानी खा जा।”

ये सुनते ही मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूचियों को दबाने और चूसने लगा। भाभी मेरे बालों में उंगलियाँ फिराते हुए बोलीं, “आह, चूस ले मेरे राजा… खा जा इन्हें… और जोर से चूस।”

मैं थोड़ा नीचे सरका और उनके पेट पर चूमते हुए उनकी चूत तक पहुँचा। पहले मैंने उनकी चूत पर चूमा, फिर आसपास के हिस्से को चूमा।

भाभी सिसकारते हुए बोलीं, “अर्जुन, अब और मत तड़पाओ। चूस ले मेरी चूत को… ये साली मुझे बहुत परेशान करती है। इसे लंड चाहिए।”

मैं थोड़ा चौंका, फिर उनकी चूत पर मुँह रख दिया। उनकी चूत पहले से गीली थी। जैसे ही मैंने जीभ लगाई, भाभी ने मेरा सिर चूत में दबा दिया। मैं उनकी चूत चाटने लगा।

भाभी मादक सिसकारियाँ ले रही थीं, “उम्म्ह… अहह… हय… ओह… हाँ, ऐसे ही चूस… और तेज… खा जा इसे।”

वो मेरा सिर जोर से चूत में दबाने लगीं। फिर वो झड़ गईं, और मैंने उनकी चूत का सारा रस पी लिया। इसका स्वाद गजब था, मजा आ गया।

फिर भाभी उठीं और मुझे बेड पर धकेलकर घुटनों पर बैठ गईं। वो मेरा लंड चूसने लगीं और बोलीं, “क्या मस्त लंड है तेरा, अर्जुन। तेरे भैया का तो इतना भी नहीं। उन्हें चुदाई में मजा ही नहीं आता। आज तू मेरी चूत फाड़ दे।”

भाभी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। कुछ मिनट तक चूसने के बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें फैला दीं। मैंने लंड हिलाया और उनकी टाँगों के बीच आकर चूत पर रगड़ने लगा।

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भाभी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं और बोलीं, “मेरे राजा, और मत तड़पाओ। जल्दी डाल दे अपना लंड… अपनी भाभी की चूत में पेल दे।”

मैंने ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा। मैंने लंड उनकी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। आधा लंड उनकी चूत में घुस गया। भाभी जोर से चीखीं, “उम्म्ह… अहह… हय… ओह…”

वो दर्द से तड़पते हुए बोलीं, “आह अर्जुन, बहुत मोटा है… मर गई… इसे निकाल।”

मैं उनके ऊपर लेट गया और उन्हें चूमने लगा। उनके मम्मे दबाने लगा। थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ। मैंने एक और जोरदार धक्का मारा, और इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया।

मैं कुछ देर उनके ऊपर लेटा रहा। जब भाभी सामान्य हुईं, तो मैंने धक्के शुरू किए। भाभी भी नीचे से गांड उठाकर चुदवाने लगीं और बोलीं, “आह, और जोर से चोद… हाँ, ऐसे ही… तेरा लंड मेरी चूत की गहराई छू रहा है… आह।”

ये सिलसिला आधे घंटे तक चला। फिर मैंने कहा, “भाभी, मेरा निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ?”

वो बोलीं, “मेरी चूत में ही झड़ जा। ये बहुत दिन से प्यासी है।”

पाँच-छह धक्कों के बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया और उनके ऊपर लेट गया।

इसके बाद भाभी की चूत मुझे जब चाहे चोदने को मिलने लगी। कुछ समय बाद मेरे मन में उनकी गांड मारने की इच्छा जागी। मैंने उनकी गांड कैसे मारी, वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा।

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