नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम कुश है। ये मेरी एक सच्ची पडोस कि हॉट गर्ल की चुदाई कहानी है, जो मेरे पड़ोस की हॉट गर्ल शीमा (नाम बदला हुआ) की चुदाई की है। अगर कोई गलती हो, तो माफ करना।
कुछ साल पहले, जब मैं इंजीनियरिंग के पांचवें सेमेस्टर का एग्जाम देकर घर आया था, मेरे सामने वाली लड़की शीमा रहती थी। वो बहुत खूबसूरत और सेक्सी थी। मुझे वो पहले से ही पसंद थी, और मैं हमेशा सोचता था कि काश उसे चोदने का मौका मिले।
घर आने के बाद मैं उससे रोज़ बात करने लगा। वो भी हंस-हंसकर मुझसे बात करती थी। हमारी नजदीकियाँ बढ़ गईं। मैं हंसी-मजाक में उसके शरीर को छू लेता था। जब उसने कोई विरोध नहीं किया, तो मैं कभी-कभी उसकी गांड भी छू लेता था। वो बुरा नहीं मानती थी, जिससे मुझे लगा कि वो भी मेरी तरफ आकर्षित है। हम सेक्स को लेकर भी खुलकर बात करने लगे।
एक दिन सुबह मैं उठा, तो मम्मी-पापा कहीं जाने की तैयारी कर रहे थे। पूछने पर पता चला कि मेरे एक दूर के अंकल की तबीयत खराब है, और वो अस्पताल जा रहे हैं। चूंकि अस्पताल दूर था, उन्हें रात तक लौटने में देर होनी थी। मम्मी ने बताया कि मेरे खाने का इंतजाम शीमा के घर पर कर दिया है।
शीमा का नाम सुनकर मैं मन ही मन खुश हो गया, सोचकर कि शायद आज मौका मिल जाए।
दोपहर को शीमा खाना लेकर मेरे घर आई। मैं कंप्यूटर पर गेम खेल रहा था। उसने देखा और बोली- अकेले गेम खेल रहे हो?
मैंने कहा- दोस्त को बुलाया था, पर वो नहीं आ सका।
वो बोली- कोई बात नहीं, मैं हूँ ना। मैं हर तरह का गेम खेलने को तैयार हूँ।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- हर तरह का?
वो थोड़ा शरमाई, फिर बोली- हाँ, हर तरह का।
मैंने आँख मारी और कहा- पहले खाना खा लूँ, फिर मस्त वाला गेम खेलते हैं।
मैंने खाना खाया। इसके बाद हम दोनों कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठ गए। उसने ट्राउज़र और शर्ट पहनी थी, और वो बहुत मस्त लग रही थी।
हम चिपककर गेम खेलने लगे। मैं कभी-कभी उसकी जाँघ पर हाथ रख देता, तो वो और सट जाती। उसकी जाँघ छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने अंडरवियर नहीं पहना था, तो मेरा लंड पैंट में उभरकर दिखने लगा। शीमा ने इसे देखा और हंसने लगी।
मैंने हंसने का कारण पूछा, तो वो बोली- तुम्हारा सिग्नल खड़ा हो गया है।
मैंने कहा- तुम्हें देखकर ही सिग्नल पकड़ रहा है।
वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी।
उसने अपनी मम्मी को फोन करके कहा कि वो थोड़ी देर बाद आएगी, क्योंकि मैं अकेले बोर हो रहा हूँ और वो मेरे साथ गेम खेल रही है। उसकी मम्मी ने हामी भर दी।
फिर शीमा ने मेरे लंड पर हाथ रखकर कहा- देखूँ ज़रा, कितना सिग्नल पकड़ रहा है?
वो मेरे लंड को सहलाने और हिलाने लगी। वो मुझे वासना भरी नज़रों से देख रही थी।
मैंने तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसके मम्मों को दबाने लगा। वो मेरी बाँहों में झूल गई। हम दोनों कामुकता की आग में जलने लगे। मेरे हाथ उसके मम्मों और गांड को सहलाने लगे। हम एक-दूसरे से चिपककर अपनी चाहत को मंजिल तक ले जाने के लिए पूरी तरह कामुक हो गए।
उसने मादक स्वर में कहा- तुमने कितनी देर लगा दी ये खेल खेलने में!
मैं बोला- देर आया, दुरुस्त आया।
वो मुझसे लिपट गई।
करीब 10 मिनट तक चुम्बन के बाद मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए। शर्ट उतरते ही उसकी काली ब्रा दिखी। मैं ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को रगड़ने लगा। वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… ओह…’ की सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने उसे गोद में उठाकर अपने रूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया। मैं उसे चूमने लगा। फिर मैंने उसका ट्राउज़र उतारा। उसने काली पैंटी पहनी थी। गोरी लड़की पर काली ड्रेस मुझे बहुत सेक्सी लगती है। मैं खुद को रोक नहीं पाया और उस पर टूट पड़ा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर बाद उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे ऊपर आ गई। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी। फिर वो मेरे जिस्म को चूमने लगी। उसने मेरा लोअर उतार दिया और लंड को हाथ में पकड़ लिया। उसके कोमल हाथों में लंड आते ही मैं गनगना उठा। वो लंड सहलाते हुए मेरी आँखों में देखने लगी।
मैंने इशारा किया, तो उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया। पहले उसने सुपारे पर जीभ फिराई, फिर टट्टों से ऊपर तक चाटा। इसके बाद उसने लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू किया। उसके मुँह की गर्मी से मेरी आँखें बंद हो गईं, और मैं लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा।
दो मिनट बाद उसने अपनी पैंटी उतारी और मुझे बेड पर सीधा लिटाकर मेरे लंड पर बैठ गई। उसने लंड को चूत के मुँह पर सेट किया। मैंने गांड हिलाकर लंड को चूत में सेट किया।
वो धीरे-धीरे गांड आगे-पीछे करने लगी, जिससे मेरा लंड पूरी तरह उसकी चूत में घुस गया। मैंने उसकी कमर पकड़ ली। उसने अपनी ब्रा भी उतार दी और गांड हिलाते हुए मुझे लिप किस करने लगी। उसकी चूचियाँ मेरी छाती पर हिल रही थीं, जो मुझे बहुत मज़ा दे रही थीं।
करीब 15 मिनट बाद मैंने उसे नीचे किया और उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रख ली। मैंने लंड उसकी चूत में डाला और आगे-पीछे करने लगा। मैं डिप्स मारने की तरह चोद रहा था, उसके मम्मों को दोनों हाथों से दबोचे हुए। उसकी मस्ती चरम पर थी।
10 मिनट बाद वो तेज़ सिसकारियाँ लेने लगी। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। उसकी चूत ने पानी छोड़ा, और ठीक बाद में मेरा भी पानी छूटने वाला था। मैंने झट से लंड बाहर निकाला और उसके नंगे बदन को चूमने लगा, जिससे मेरा लंड झड़ने से रह गया।
5 मिनट बाद उसने फिर मेरे लंड को हाथ से खड़ा किया। मैंने दोबारा लंड उसकी चूत में डाला और चोदने लगा। हम दोनों पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे। मैंने स्पीड बढ़ाई और 10 मिनट बाद उसकी चूत में झड़ गया। मैं देर तक उसकी चूत में पिचकारियाँ छोड़ता रहा। वो अपने जिस्म को थिरकाते हुए मेरे रस को जैसे सोख रही थी।
माल झड़ने के बाद मेरा लंड सिकुड़ गया। लंड निकालने पर उसकी चूत से पानी टपक रहा था। वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी। मैंने उसे चूम लिया।
हम कुछ देर एक-दूसरे की बाँहों में लिपटे रहे। तभी उसकी मम्मी का कॉल आया, और वो उसे घर बुलाने लगीं।
हमने एक ज़ोरदार स्मूच किया और कपड़े पहन लिए। वो टिफिन लेकर अपने घर चली गई।
अब जब भी मौका मिलता है, हम जमकर चुदाई का मज़ा लेते हैं।
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