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बहन की चुदाई दोस्त से कराई

मेरी इस हॉट हिंदी सेक्स कहानी बहन की चुदाई दोस्त से कराई में पढ़ें कि कैसे मुझे अपनी बहन की कामवासना का पता चला और मैंने अपनी बहन की चुदाई अपने दोस्त से करवाई।

अन्तर्वासना सेक्स कहानियाँ पसंद करने वाले मेरे दोस्तों, मैं एक कहानी लेकर आया हूँ।
इस हिंदी सेक्स कहानी में एक लड़का है, जिसका नाम आरव शर्मा है। आरव की उम्र 21 साल है।
आगे की कहानी उसी की जुबानी सुनें।

दोस्तों, मैं आरव। मेरे पिताजी एक बड़े उद्योगपति हैं। उनका करोड़ों का कारोबार है, जिसके लिए वे अक्सर विदेश में रहते हैं। मेरी माँ भी उनके बिजनेस में पार्टनर हैं। दोनों ज्यादातर बिजनेस के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं।

मैं बीबीए कर रहा हूँ। मेरी कद-काठी अच्छी है, जिस वजह से कई लड़कियाँ मुझ पर फिदा हैं। मेरी बहन की सहेलियाँ भी मुझ पर मरती हैं।

पहले मैं अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ। मेरी बहन का नाम नेहा शर्मा है। उसका कद 5 फुट 6 इंच है। उसके मम्मे 36 इंच के हैं, और उसकी उभरी हुई गांड 38 इंच की है। उसका पेट बिल्कुल सपाट है। वो एकदम सेक्सी बम है। जो भी उसे देखता, उसका लंड खड़ा हो जाता। मेरा दावा है कि कोई बूढ़ा भी उसे देख ले, तो उसका लंड तन जाएगा। हालाँकि, मैंने अपनी बहन को कभी सेक्स की नजर से नहीं देखा था।

हमारे घर में कोई पाबंदी नहीं है। कोई भी अपनी मर्जी के कपड़े पहन सकता है।

एक बार नेहा मेरे साथ शॉपिंग करने गई। वह ब्रा-पेंटी सेक्शन में चली गई। मुझे देर हो रही थी, तो मैं उसे बुलाने गया। मैंने देखा कि वह बेहद हॉट ब्रा-पेंटी खरीद रही थी। मैं हैरान रह गया।

नेहा ने मुझे देखकर कुछ छुपाया नहीं, बल्कि सेल्समैन से और सेक्सी ब्रा-पेंटी दिखाने को कहा।

उसने मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया। मैं चुप रहा। उसने आराम से ब्रा-पेंटी खरीदी, पैक करवाई, और मेरे साथ घर लौट आई।

घर आने के बाद खाना खाकर जब मैं सोने गया, तो नींद नहीं आई। मुझे नेहा की ब्रा-पेंटी वाली बात याद आई। मैं उसके मम्मों और चूतड़ों के बारे में सोचने लगा कि इतने मस्त चूचे और गांड हैं, पता नहीं कितनों से चुदी होगी। उसकी नंगी जवानी सोचकर मैं मुठ मारकर सो गया।

सुबह ब्रेकफास्ट टेबल पर नेहा पतले शॉर्ट्स में थी, जिसमें से उसकी नीली पेंटी और काली ब्रा दिख रही थी।

मैंने उससे पूछा: नेहा दी, आज कॉलेज नहीं जाना?
नेहा: नहीं भाई, मेरी तबीयत ठीक नहीं। रात को बाथरूम में गिर गई थी, कमर में दर्द है।
मैं: अरे, कैसे हुआ दीदी? पहले क्यों नहीं बताया? रात को मुझे जगा लेतीं।
नेहा: अरे मेरे प्यारे, कोई बात नहीं। मैंने पेनकिलर ले लिया। अब बस थोड़ा दर्द है। अगर तुम मालिश कर दो, तो बड़ी मेहरबानी होगी।
मैं: दीदी, मेहरबानी की क्या बात? चलो, अभी करता हूँ।

हम दोनों मेरे रूम में गए। वह मेरे बेड पर उल्टी लेट गई। मैं उसकी गांड देखकर उसकी घाटी में खो गया।

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तभी नेहा बोली: अब शुरू भी करो यार!

मैंने उसके शॉर्ट्स उतारे, तो उसकी नीली पेंटी गांड में घुसी हुई थी। ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। जैसे ही मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, मुझे स्वर्ग का अहसास हुआ।

मैंने नेहा की गांड की मालिश शुरू की। वह ‘आह… आह्ह… ओह…’ की आवाजें निकाल रही थी।

नेहा बोली: तुम्हारे हाथों में जादू है। मेरा दर्द कम हो रहा है। दो-तीन दिन मालिश कर देना, मैं ठीक हो जाऊँगी।

मैं रोज नेहा की गांड की मालिश करने लगा। तीन दिन में वह ठीक हो गई। लेकिन अब मेरे मन में उसकी गांड ही रहती थी। मैं सोचता कि क्या मैं कभी उससे सेक्स कर पाऊँगा? फिर समाजिक बंधनों और डर की वजह से मैं रुक जाता।

एक दिन कॉलेज में दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था। मेरा दोस्त करण मेहरा मुझसे बात करने लगा। करण मेरा कॉलेज का दोस्त था। वह कई रंडियाँ चोद चुका था। उसके पिता मेरे पिता से कई गुना अमीर थे। उसके पास पैसे की कमी नहीं थी।

करण बोला: आज मैं एक नई रंडी चोदने जा रहा हूँ। साली सील पैक माल है। उसकी चूत का उद्घाटन मैं करूँगा। तीन लाख में सौदा हुआ। रात भर उसकी चूत चोदूँगा। तू भी चल, अपना लंड उसके मुँह में डाल ले।

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मैंने मना कर दिया, क्योंकि मेरे मन में नेहा थी। मैं घर आ गया।

घर आकर मैंने नेहा के नाम की मुठ मारी, लेकिन नींद नहीं आई। मैंने अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी पढ़ना शुरू किया।

रिश्तों में चुदाई की कहानियों पर क्लिक किया, तो भाई-बहन और बाप-बेटी की सेक्स कहानियाँ सामने आईं। दो कहानियाँ पढ़कर मजा आ गया। फिर मैंने ऑनलाइन सेक्स चैट शुरू की। एक लड़की से चैट शुरू हुई। हम खुलकर बात करने लगे। वह मेरे ही शहर की थी।

एक हफ्ते की सेक्स चैट के बाद मैंने उससे मिलकर सेक्स करने को कहा। उसने पहले मना किया, लेकिन मेरे बहुत कहने पर मान गई।

मैंने पूछा: हम एक-दूसरे को कैसे पहचानेंगे?
उसने कहा: मैं लाल टी-शर्ट पहनूँगी। तुम भी लाल टी-शर्ट पहनना।
मैंने हामी भर दी।

हमने मिलने की जगह एक पार्क का सुनसान हिस्सा चुना। मैं सुबह पार्क में जाकर बैठ गया। फोन पर चैट कर रहा था कि किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर कहा: आ गए जनाब!

मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो मेरे होश उड़ गए। वह मेरी सगी बहन नेहा थी।

नेहा भी मुझे देखकर हैरान थी। दो-तीन मिनट तक हम चुप रहे।

मैंने बात शुरू की: दीदी, आप ऐसी साइट पर सेक्स स्टोरी पढ़ती हैं? आपको शर्म नहीं आती? रात भर सेक्स चैट करती हो।
नेहा: तो तुम भी तो रात भर चैट करते हो। मेरी चूत चाटने और 8 इंच का लंड डालने की बात कर रहे थे। ये सब कुदरत की देन है। ना तुम्हारी गलती, ना मेरी। मेरा भी चुदने का मन करता है जब मैं पोर्न देखती हूँ। आज तो मेरा मन और ज्यादा था, लेकिन यहाँ तुम निकले।

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उसके चूत-लंड की बात सुनकर मैंने कहा: तो हम आपस में सेक्स क्यों नहीं करते?
नेहा ने मना किया: भाई-बहन में ऐसा नहीं हो सकता। हाँ, हम खुलकर बात कर सकते हैं।

मैंने पूछा: तुम कितने लड़कों से चुदी हो?
नेहा: मैं अभी तक वर्जिन हूँ। मैंने कभी सेक्स नहीं किया, लेकिन मेरा मन बहुत करता है। पर भाई के साथ नहीं कर सकती।

तभी मुझे ख्याल आया कि क्यों ना नेहा को करण से चुदवाऊँ और उसकी वर्जिन चूत के बदले पैसे लूँ। पापा ने स्पोर्ट्स बाइक के लिए पैसे देने से मना किया था और कहा था कि खुद कमाओ।

हम घर लौट आए।

मैंने नेहा के रूम में जाकर कहा: दीदी, मेरे पास एक रास्ता है। तुम्हारी चूत को चुदाई का मजा भी मिलेगा और हम पैसे भी कमा लेंगे।
नेहा: कैसे?
मैंने करण की बात बताई। उसने पूछा: कोई रिस्क तो नहीं?

मैंने नेहा को करण से चुदने के लिए मना लिया।

अगले दिन कॉलेज में मैं जानबूझकर नेहा की तस्वीर देख रहा था।

करण ने देखते ही कहा: वाह, क्या माल है! ऐसी पटाखा तो मैंने कभी नहीं देखी। ये कौन है?
मैं: एक टॉप मॉडल है।
करण: इसे दिलवा दे, मैं तुझे भी खुश कर दूँगा।
मैं: ये छह लाख लेगी, क्योंकि ये वर्जिन है।
करण: ठीक है, बस इसकी कुँवारी चूत दिलवा दे।
मैंने हामी भर दी।

घर लौटकर मैंने नेहा को बताया।

नेहा: मैं होटल नहीं जाऊँगी। वहाँ सबको पता चल जाएगा कि मैं कॉलगर्ल हूँ। उसे घर पर बुला लो।
मैं: ठीक है, लेकिन उसे नहीं पता चलना चाहिए कि हम भाई-बहन हैं।
नेहा: टेंशन न लो, मैं सब संभाल लूँगी।

मैंने करण से पैसे लिए और उसे घर ले आया। करण ने पूछा: कहाँ ले जा रहा है?
मैं: तू चल, मैंने उसे अपने घर बुलाया है।

हम घर पहुँचे। मैंने नेहा को मिस कॉल दी। वह ऊपर के कमरे से नीचे आई।

उसने बहुत सेक्सी ड्रेस पहनी थी। उसे देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया।

करण ने नेहा को गले लगाया और उसके होंठ चूम लिए।

नेहा ने मुस्कुराकर मुझे आँख मारी और करण से बोली: आप कमरे में जाइए, मैं आती हूँ।
करण कमरे में चला गया।

नेहा ने मेरे कान में कहा: आज तुम्हारी 22 साल की बहन की चुदाई होने वाली है। चूत की सील टूटेगी। मेरी चुदाई देखो और मजा लो।
यह कहकर वह कमरे में चली गई।

करण ने नेहा को पीछे से पकड़कर उसके होंठ चूसने शुरू किए। वह उसके मम्मों को दबाने लगा, कभी चूतड़ों को मसलता और चुम्मियाँ लेता।

उसकी हरकतों से मेरा लंड तन गया। करण ने नेहा की टी-शर्ट और जींस उतार दी। उसने नेहा की सेक्सी पेंटी भी फाड़ दी। नेहा की चिकनी चूत उसके सामने थी। वह चूत चूसने लगा।

वह पागल-सा हो गया। कभी चूत में जीभ डालता, कभी दाने को चाटता। कुछ देर में नेहा की चूत लाल हो गई।

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करण ने अपना लंड नेहा के हाथ में दिया और बोला: इसे चूसकर खड़ा कर।

नेहा ने मना किया, तो करण ने उसके मुँह पर चांटा मारा। मुझे गुस्सा आया, लेकिन पैसे ले चुके थे। नेहा को लंड चूसना पड़ा। दो मिनट बाद वह मजे से लंड चूसने लगी, गले तक ले रही थी।

करण को भी मजा आ रहा था। वह नेहा के बाल पकड़कर मुख मैथुन कर रहा था।

कुछ देर बाद करण ने नेहा की चूत पर अपना 10 इंच का लंड रखा और धक्का मारा।
दो इंच लंड चूत में गया, तो नेहा चिल्लाई: उई माँ, मर गई… बचाओ… उम्म्ह… अहह… हय… ओह…
उसकी आँखों में आँसू आ गए।

करण ने दूसरा झटका मारा, तो आधा लंड चूत में गया।

नेहा बेहोश हो गई। करण डर गया और रुक गया। पास की टेबल पर पानी का गिलास था। उसने नेहा के चेहरे पर छींटे मारे।

होश आने पर करण फिर शुरू हुआ। कुछ देर बाद नेहा को दर्द कम हुआ।

करण ने आधे घंटे तक नेहा को चोदा। नेहा को अब मजा आने लगा। वह एक बार झड़ चुकी थी, जिससे उसकी चूत चिकनी हो गई थी। करण का लंड तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था।

फिर नेहा करण के ऊपर आ गई। अब उसे खूब मजा आ रहा था। वह करण के लंड पर चूत टिकाकर बैठ गई। करण ने नीचे से कमर उठाकर पूरा लंड पेल दिया।

नेहा उछल-उछलकर चुदने लगी। उसकी उछलती गांड पीछे से बहुत मस्त लग रही थी।

लगभग एक घंटे तक नेहा की चूत को दो बार चोदने के बाद करण कपड़े पहनकर चला गया। उसने नेहा की चूत का बैंड बजा दिया था।

नेहा से उठा नहीं जा रहा था। मैंने उसे उठाकर बाथरूम ले गया। वहाँ उसकी चूत साफ की और तेल लगाया। फिर कमरे में लाकर पेनकिलर दी।

नेहा ने मुझे गले लगाया और बोली: थैंक्स भाई, मुझे लड़की से औरत बनाने के लिए।
मैं: इट्स ओके।
नेहा: मुझे करण से चुदने में बहुत मजा आया। सारी कमाई तेरी। पैसे रख ले।

मैंने उसकी आँखों में देखा। वह मेरी बात समझ गई।
नेहा: मुझे अभी भी भाई से चुदने में गलत लगता है।
मैं: इंतजार सब ठीक कर देगा। मैं इंतजार करूँगा।
नेहा ने मुझे गले लगाया।

मैंने पूछा: दूसरा लंड चाहिए तो बात करूँ?
नेहा हँसकर बोली: दो-तीन दिन बाद बताऊँगी।

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