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मेरे यार की बहन मुझसे दिल से प्यार करती है-2

मेरे दोस्त की बहन मुझ पर फिदा है और मेरे लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। मैं भी अब उसे चोदने की तमन्ना रखने लगा। एक रात उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया और फिर…

दोस्तों, मैं आपका अपना राहुल, मध्य प्रदेश से!
आपने मेरी कहानी *मेरे यार की बहन मुझसे प्यार करती है* पढ़ी और मुझे अपने कीमती सुझाव दिए। आपकी राय के लिए दिल से शुक्रिया।

दोस्तों, जैसा मैंने बताया कि मेरे दोस्त की बहन रिया मुझे बहुत चाहती है और मेरे लिए कुछ भी कर सकती है।

अब असल कहानी पर आता हूँ।

कुछ दिन पहले की बात है जब आप सबने मुझे सलाह दी कि मैं रिया की सारी बात उसके भाई को बता दूँ।
तो मैंने आपकी बात मानकर रिया के भाई रवि को सब कुछ खोलकर बता दिया।

मैंने कहा- सुन भाई रवि, एक बात बताता हूँ, थोड़ी कड़वी है, तुझे बुरी लग सकती है। लेकिन बुरा मत मानना, ये सच है।
रवि- बता ना भाई, क्या बात है?
मैं- रवि, प्लीज गुस्सा मत करना यार!
रवि- अरे, ठीक है, बेझिझक बता दे!
मैं- रवि, तेरी बहन मुझे पसंद करती है। लेकिन तू मेरा जिगरी यार है, मैं तुझे धोखा नहीं देना चाहता। इसलिए आज तक मैंने रिया से कुछ नहीं कहा।

रवि बोला- अरे, ये क्या बोल रहा है तू?
मैं- रवि, मैं सच कह रहा हूँ, प्लीज गुस्सा मत कर।
रवि- ठीक है यार, पर कुछ गलत मत करना।

ये सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं अपनी दोस्ती की खातिर सब कुछ बता रहा था ताकि वो अपनी बहन को समझाए, लेकिन उल्टा वो मुझे कहने लगा कि कुछ गलत मत करना।
वो रिया को समझाने की बजाय मुझे जैसे खुला ऑफर दे रहा था।

मेरा मूड खराब हो गया और मैं तुरंत वहाँ से चला गया।

अब रिया भी और इठलाने लगी।

एक दिन किसी काम से रवि के घर गया। वहाँ कोई नहीं दिखा तो मैंने रिया से पूछा- रवि कहाँ है?
रिया- वो अपने कमरे में है।

मैं रवि के कमरे की ओर बढ़ा और रिया भी मेरे पीछे-पीछे आई और दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने कहा- ये क्या कर रही हो? दरवाजा खोल, कोई देख लेगा तो क्या कहेगा?
रिया- कोई देखेगा तभी तो कहेगा ना!

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मैं एकदम डर गया। ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था। पहली बार मैं किसी गैर लड़की के साथ अकेले कमरे में था।

रिया ने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया। मैंने उसे बहुत मना किया- प्लीज, ऐसा मत कर।
लेकिन वो न मानी और मेरे होंठों को चूमने लगी। मैंने बार-बार मना किया, पर उसने अपना सीना मेरे सीने से सटा दिया। मुझे अजीब सी उत्तेजना होने लगी और मैं भी वासना में बहकर उसका साथ देने लगा।

पता नहीं कब मेरे हाथ उसके बड़े-बड़े स्तनों तक पहुँच गए।
मैं पूरी तरह उसके आगोश में था। ये मेरा पहला ऐसा अनुभव था।

थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि रिया के हाथ मेरे लंड को पकड़े हुए थे।
चुम्बन और स्तनों को दबाने से मेरा लंड सख्त, मोटा और तना हुआ था।
ये सब देखकर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था।

लेकिन साथ ही मैं बहुत डर भी रहा था। मेरी गांड फटी पड़ी थी कि अगर उसके घरवाले आ गए तो मेरी ही गांड मारी जाएगी। सब यही कहेंगे कि अकेली लड़की को देखकर मैंने उसके साथ छेड़छाड़ की।
डर के मारे मैंने जल्दी से खुद को छुड़ाया और दरवाजा खोलकर वहाँ से भाग गया।

दोस्तों, ये मेरी सच्ची कहानी है।

उस दिन के बाद मैं रिया के बारे में बहुत सोचने लगा। रिया एक पढ़ी-लिखी और बेहद सेक्सी लड़की है। उसने एम.ए. की पढ़ाई की है। उसके बूब्स करीब 36 इंच के होंगे और मेरे दोस्त की बहन दिखने में भी बहुत खूबसूरत है।

जब से मैंने उसके बूब्स को दबाया, मेरा लंड उसकी याद में खड़ा होकर फुंफकारने लगता है।

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मैं भी कोई कम नहीं। मैंने भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। मेरा कद 5 फीट 7 इंच है और लंड की लंबाई लगभग 6 इंच है।

वापस कहानी पर आता हूँ:

रवि की बातों को याद करता तो सोचता कि मुझे तो खुला ऑफर मिल रहा है।
लेकिन इस दुविधा में मैंने कुछ किया नहीं।

फिर एक रात मेरे फोन पर कॉल आई। मैंने फोन उठाया और बोला- हेलो?
उधर से एक लड़की की आवाज आई- हेलो, पहचाना कि नहीं?

मैं हैरान रह गया कि उसे मेरा नंबर कहाँ से मिला।
फिर मैंने बात आगे बढ़ाई।
मैं- हाँ, पहचान लिया। तुम रिया हो ना?
रिया- हाँ, बिल्कुल सही।

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मैं- बोलो रिया, क्या खबर है?
रिया- क्या बात है? फोन पर हाल-चाल पूछते हो और सामने तो बात भी नहीं करते।

उस दिन से हम रोज बात करने लगे। बातों-बातों में कब सेक्स की बातें होने लगीं, पता ही नहीं चला। सेक्स की बातों के चलते मैंने 2-4 बार उसकी याद में मुठ भी मारी। पहली बार मुठ मारने का अहसास ही अलग था।

अब मिलने की बारी आई। हम दोनों बहुत उतावले थे।

एक दिन रिया ने मिलने का प्लान बनाया। मैंने भी हामी भर दी। मैं मना नहीं कर सका क्योंकि जिस दिन से मैंने रिया के बड़े-बड़े स्तनों को छुआ, तब से मेरा लंड उसकी याद में खड़ा हो जाता। उसके हाथों से मेरे लंड को छूने का अहसास तो और भी अलग था।

रिया का प्लान रात का था, तो मैं उसी हिसाब से तैयार था।

रात 11 बजे रिया का कॉल आया। मैंने फोन उठाया।
रिया- हेलो!
मैं- हाँ, बोलो रिया जी?
रिया- आ रहे हो क्या?
मैं- हाँ, आ रहा हूँ। लेकिन कहाँ से आना है?
रिया- सामने के दरवाजे से। मैं दरवाजे के पास खड़ी हूँ।
मैं- ठीक है।

मैं डरते-डरते रात 11 बजे के बाद उसके घर के पास पहुँचा। इधर-उधर देखा कि कोई है या नहीं। जब पक्का हो गया कि कोई नहीं है, तो मैं घर के अंदर घुस गया।
मैं डर से काँप रहा था, लेकिन रिया हँस रही थी।

रूम में घुसते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया।
अब मैं उसके बहुत करीब था।
रिया बोली- आजा मेरे राजा, इतने दिन तड़पाया, आज जाकर मिला है।
ये कहकर उसने मुझे अपनी बाहों में लिया और जोर-जोर से चूमने लगी। मैं भी उसका साथ देने लगा।

चूमते-चूमते उसने कब मेरे कपड़े उतारे, पता ही नहीं चला। मेरे कपड़े उतर गए।
मैंने देखा कि उसका हाथ मेरे लंड पर था और मेरा हाथ उसके गोल-मटोल स्तनों को मसल रहा था।

फिर रिया ने मेरे लंड को मुठ मारने की तरह हिलाना शुरू किया। लेकिन मैंने उसे रोका ताकि जल्दी न छूट जाए।

थोड़ी देर तक हम एक-दूसरे के जिस्म से खेलते रहे। खेलते-खेलते मेरा हाथ रिया की चूत तक पहुँच गया। वो सिहर उठी।
आखिरकार वो बोली- राहुल जी, अब और मत तड़पाओ, करो ना… अंदर डालो!
उसके मुँह से अजीब-अजीब सी आवाजें निकल रही थीं।

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मैंने अपना लंड उसके चेहरे के सामने लाया। वो उसे एकटक देखने लगी। पहले उसने मेरे लंड को हाथ में लिया था, लेकिन इतने करीब से कभी नहीं देखा था।
एक हाथ मुँह पर रखकर उसने मेरे लंड को पकड़ा और बोली- पहली बार इतना बड़ा देखा है।

फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत के सामने अपना लंड रखा। मैंने रिया से कहा- जहाँ डालना है, इसे वहाँ रखो!
दरअसल, मुझे कुछ पता नहीं था कि कहाँ और कैसे डालना है, क्योंकि ये मेरा पहला अनुभव था।

रिया ने बिना देर किए मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर टिका दिया।
वो बहुत गर्म हो चुकी थी।

मैंने अपने लंड से उसकी चूत पर जोर का धक्का मारा, लेकिन लंड अंदर गया ही नहीं। मैंने 2-3 बार कोशिश की, पर नहीं गया।
वो दर्द से रोने लगी। थोड़ा सा लंड अंदर जाता तो वो दर्द से कराहने लगती और ‘रुको, रुको’ कहकर रोक देती।

मैं जवानी और वासना के जोश में बार-बार कोशिश कर रहा था, लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था।

इतने में रिया दर्द से जोर-जोर से रोने लगी।
मैंने उसे समझाया कि थोड़ा दर्द सहन करो, तभी कुछ होगा।
लेकिन मेरा लंड मोटा होने की वजह से अंदर नहीं जा रहा था।
उसका दर्द देखकर मैंने ज्यादा कोशिश नहीं की। मैंने कुछ देर उसके नंगे बदन से खेला और फिर अपने घर लौट आया। घर आकर मुठ मारी और सो गया।

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