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ललचाई पंजाबी भाभी की चूत की कहानी

फेसबुक पर दोस्ती कर मैंने एक ललचाई पंजाबी भाभी की चूत को कैसे संतुष्ट किया, इस देसी सेक्स कहानी में पढ़ें। मुझे पता चला कि वो अपने पति से खुश नहीं थी।

दोस्तों, मेरा नाम हरप्रीत सिंह है। मैं अमृतसर (पंजाब) का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 27 साल है, हाइट 5 फीट 8 इंच है, और रंग गोरा है। मेरा वजन 80 किलो है, जिससे मैं थोड़ा भारी-भरकम दिखता हूँ। मेरे लंड का आकार 6.5 इंच है, और खड़ा होने पर इसकी मोटाई 3 इंच हो जाती है।

यह बात कुछ हफ्ते पहले की है, जब फेसबुक पर मेरी मुलाकात एक भाभी से हुई। बातचीत में पता चला कि वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी। उसने अपनी उम्र 33 साल बताई। उसका नाम गुरप्रीत कौर (बदला हुआ) था, और उसका एक छोटा बेटा भी था।

बातचीत के बाद हमने मिलने का प्लान बनाया। उसने बताया कि उसका पति अक्सर काम के लिए बाहर रहता है, इसलिए उसने मुझे अपने घर बुला लिया।

हमारी मुलाकात का दिन तय हो गया। मैं आधे घंटे में उसके घर पहुँच गया। उसका बेटा स्कूल गया था, तो घर पर सिर्फ़ वही थी। यह मुलाकात के लिए सबसे सही समय था।

जब मैं उसके घर पहुँचा, तो उसने दरवाजा खोला। उसे देखकर मैं दंग रह गया। वो बेहद खूबसूरत थी और उसने पंजाबी सलवार-कमीज पहना था। उसकी हाइट करीब 5 फीट 4 इंच थी।

वो थोड़ी मोटी थी, लेकिन उसका गदराया बदन और नैन-नक्श बहुत आकर्षक थे। उसका रंग एकदम गोरा था, और वो पूरी तरह पंजाबी जट्टी लग रही थी।

उसने मुझे अंदर बुलाया, और हम बैठकर बातें करने लगे। कुछ देर बाद वो मेरे लिए चाय लेकर आई। चाय पीने के बाद उसने मुझे अपने बेडरूम में ले जाकर बैठाया।

बेडरूम में मुझे बैठाने के बाद उसने दस मिनट इंतज़ार करने को कहा। मैं वहाँ बैठकर उसका इंतज़ार करने लगा। दस मिनट बाद वो लौटी, तो उसने नीली मैक्सी पहनी थी।

उसके गोरे बदन पर नीली मैक्सी बहुत जंच रही थी। मैंने उसे तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा। उसके शरीर से हल्की-हल्की खुशबू आ रही थी। मैं उसकी गर्दन और गालों को चूम रहा था।

वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। हम दोनों एक-दूसरे को बाहों में जकड़ने लगे। उसकी हरकतों से लग रहा था कि वो मर्द के साथ संभोग के लिए लंबे समय से प्यासी थी और खुलकर मज़ा लेना चाहती थी।

मैंने उसकी मैक्सी पीछे से उठाई और उसके चूतड़ों को दबाने लगा। उसने पैंटी पहनी थी, लेकिन उसके गदराए चूतड़ दबाने में गज़ब का मज़ा आ रहा था।

मेरा लंड तनकर उसके शरीर में घुसने को बेताब था। वो मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी और बार-बार उसे अपने हाथों में लेकर नाप रही थी।

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फिर मैंने उसकी मैक्सी उतार दी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, और उसके गोरे स्तन पूरी तरह नंगे थे। उसके निप्पल बड़े और भूरे रंग के थे, जो पूरी तरह तन चुके थे।

एक बच्चे की माँ होने के बावजूद उसके चूचों में गज़ब का कसाव था, जैसे किसी 21-22 साल की लड़की के हों। उसके स्तन बिल्कुल सीधे और टाइट थे। मैं हैरान था कि उसने अपने चूचों को इतना आकर्षक कैसे रखा।

आमतौर पर शादी और बच्चे के बाद महिलाओं के शरीर में कसाव कम हो जाता है, लेकिन उसके चूचे तो कमाल के थे। मैंने उसके नंगे चूचों को अपने हाथों में लिया। जैसे ही मेरे हाथ उसके चूचों पर गए, मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई।

मैंने उसके चूचों को कुछ बार दबाया और फिर ज़ोर से मसलने लगा। मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। वो भी मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी। मेरे हाथों की पकड़ उसके चूचों पर और सख्त हो गई।

उसके स्तन अब पूरी तरह टाइट हो चुके थे, और उन्हें दबाने में अलग मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसके 36 साइज़ के चूचों को अपने मुँह में लिया और तने हुए निप्पलों को दाँतों से काटते हुए चूसने लगा।

उसके बदन की खुशबू मुझे दीवाना कर रही थी। उसने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए और धीरे-धीरे मेरी शर्ट उतार दी। फिर उसके हाथ मेरी पैंट के हुक तक पहुँचे। मैंने खुद अपनी पैंट उतार दी।

अब मेरे अंडरवियर में तना हुआ लंड उसके सामने था। उसने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाया और फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। उसका एक हाथ मेरी गर्दन पर था और दूसरा मेरे लंड को सहला रहा था।

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मेरा लंड उसके हाथों में तड़प रहा था। फिर उस ललचाई पंजाबी भाभी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे तने हुए लंड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को आगे-पीछे करने लगी।

मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी खींचकर उतार दी। उसकी चूत को देखकर मेरी आँखें चमक उठीं। भाभी की चूत ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन काली भी नहीं। उसके बदन के रंग के मुकाबले थोड़ी साँवली थी, जैसी देसी चूत होती है।

मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से मसला, तो वो बहुत गर्म लग रही थी। फिर मैंने उसके पैरों से चाटना शुरू किया। पैरों से होते हुए उसकी जाँघों तक पहुँचा और चूमते हुए उसकी चूत तक जा पहुँचा। वो बेड पर लेटी कामुक सिसकारियाँ ले रही थी।

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भाभी की चूत की गर्मी पूरे उफान पर थी। मैंने उसकी चूत पर नाक रखकर सूँघा, तो एक मादक खुशबू आई।

फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो तड़पते हुए बोली, “सरदार जी, इतना तड़पाओ मत। मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ। ऐसे करोगे तो मैं मर जाऊँगी। अब अपने लंड को मेरी चूत में डालकर इसकी आग बुझा दो।”

मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी, क्योंकि मैं उसे और गर्म करना चाहता था। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और उसकी चूत की फाँकों को खोलकर अंदर झाँका। उसकी चूत अंदर से गीली थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा। वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी।

मैंने उसकी चूत की चुसाई जारी रखी। जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने मुझे बेड पर गिराया और मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर मेरे होंठों को काटने लगी। मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था।

उसकी गर्म चूत से मेरे लंड में और उबाल आ गया। मैंने उसकी गांड को ज़ोर से दबाते हुए उसके होंठों को काटना शुरू किया। फिर वो उठी और मेरे गीले लंड को अपने मुँह में लेकर तेज़ी से चूसने लगी।

उसकी चुसाई किसी पेशेवर की तरह थी। मुझे लगा कि अगर मैंने उसे नहीं रोका, तो मैं जल्दी ही कंट्रोल खो दूँगा। मैंने उसे फिर से नीचे गिराया और उसके चूचों को चूसने लगा। वो मेरे सिर को अपने चूचों में दबाने लगी।

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा। वो तुरंत बेड पर मेरे सामने झुक गई। उसकी गीली चूत मेरे सामने थी। मैंने उसके चूत पर लंड रगड़ा और फिर एक धक्का मारा। मेरा मोटा लंड उसकी चूत में घुसा, तो उसकी चीख निकल गई, “उम्म… आह… ओह…”

मैंने दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। मैं उसे रंडी बनाकर चोदना चाहता था, और वो भी यही चाहती थी। उसने मेरे पूरे लंड को अपनी चूत में लिया। मैंने उसकी गांड को अपने हाथों में थामा और उसकी गीली चूत में धक्के लगाने लगा।

वो मेरे लंड को अपनी चूत में लेते हुए ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी, “आह… चोदो सरदार जी… और ज़ोर से… मेरी चूत को फाड़ दो… बहुत मज़ा आ रहा है… पूरा लंड मेरी चूत में डाल दो… इतना दमदार लंड इसे बहुत दिनों बाद मिला है।”

वो मेरे लंड का पूरा मज़ा ले रही थी। मुझे भी उसकी चूत चोदने में गज़ब का आनंद आ रहा था। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और तेज़ी से धक्के लगाने लगा। मेरे धक्कों से बेड हिलने लगा।

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उसे और मज़ा आने लगा। उसने अपनी गर्दन बेड पर टिकाई और मेरी गांड को अपने हाथों से दबाते हुए मेरे लंड को अपनी चूत की ओर खींचने लगी। उसकी नरम उंगलियों से मेरी गांड को और मज़ा आ रहा था।

मेरा जोश चरम पर था। चुदाई के दौरान कमरे में फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसके हाथ हटाए और उसके चूचों को पकड़कर उसकी पीठ पर झुक गया। उसके चूचों को खींचते और दबाते हुए मैंने लंड को उसकी चूत की गहराई तक उतारा। वो चीखते हुए झड़ने लगी।

उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। फिर भी मैंने अपनी रफ्तार नहीं रोकी और उसी तेज़ी से चोदता रहा। वो कराह रही थी, लेकिन उसे भी मज़ा आ रहा था।

मैंने करीब 25 मिनट तक उसकी चूत को जमकर चोदा। फिर दो-तीन ज़ोरदार धक्कों के बाद मेरे शरीर में अकड़न हुई। मैंने उसे अपनी बाहों में कस लिया और पूरा लंड उसकी चूत में डालकर वीर्य की पिचकारी छोड़ दी।

10-15 झटकों के साथ मैंने उस ललचाई पंजाबी भाभी की चूत को अपने वीर्य से भर दिया। वो बुरी तरह हाँफ रही थी, और मेरा भी यही हाल था।

मैं उसके ऊपर ही निढाल हो गया। काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे। मेरा लंड सिकुड़कर उसकी चूत से बाहर निकल आया। जब मैं उठा, तो देखा कि उसकी चूत से उसका पानी और मेरा वीर्य मिलकर बेड की चादर को भिगो चुके थे।

वो उठी और मेरे होंठों को चूमने लगी। काफी देर तक वो मुझे प्यार करती रही। वो पूरी तरह संतुष्ट थी, और मुझे भी उसकी गर्म चूत को ठंडा करने में अपार सुख मिला।

उसके बाद कई बार मौका मिलने पर मैंने उस प्यासी भाभी की चूत को चोदा। वो हर बार बिना कॉन्डम के चुदवाती थी। मुझे भी उसकी चूत चोदकर असीम आनंद मिलता था।

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